राजस्व निरीक्षकों की बैठक में वन-टू-वन चर्चा
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ सीएम हेल्पलाइन में लंबित राजस्व मामलों के आवेदनों की समीक्षा करते हुए अपर कलेक्टर राजेश शाही ने कहा कि राजस्व विभाग में सीमांकन के मामले में एल वन स्तर के अधिकारी किसी भी हालत में कोई भी शिकायत अन-अटेण्ड स्वरूप में उच्च स्तर तक नहीं जाने दें। राजस्व निरीक्षकों की बैठक में शनिवार को अपर कलेक्टर ने सीमांकन के सभी लंबित 253 सीएम हेल्पलाइन की शिकायतो में वन-टू-वन राजस्व निरीक्षकों से चर्चा कर निराकरण की कार्यवाही कराई।
अपर कलेक्टर श्री शाही ने कहा कि राजस्व निरीक्षक अपने क्षेत्र की सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण में पटवारी के प्रतिवेदन और निराकरण तथा ऑपरेटर द्वारा दर्ज की जा रही प्रविष्टि पर निगरानी रखें। उन्होंने शिकायतों के निराकरण में संतुष्टि पूर्ण प्रतिशत बढ़ाने आवेदक से दूरभाष पर चर्चा करने की सलाह दी। अपर कलेक्टर ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण में राजस्व निरीक्षकों का परफॉर्मेंस दिखना चाहिए। शिकायतों का निराकरण अभियान मोड में करें। अपर कलेक्टर ने सीमांकन के लंबित प्रकरणों में मोबाइल पर आवेदकों से स्वयं बातचीत कर प्रकरणों की वस्तुस्थिति के बारे में जानकारी ली। इस मौके पर एसएलआर आरएन पाण्डेय एवं एएसएलआर लक्ष्मी वर्मा भी उपस्थित रहे।
राजस्व विभाग की ग्रेडिंग में सुधार लायेंः अपर कलेक्टर
अपर कलेक्टर राजेश शाही ने राजस्व अधिकारियों की शनिवार को संपन्न बैठक में आरसीएमएस पोर्टल पर दर्ज न्यायालयवार प्रकरणों की समीक्षा करते हुए राजस्व प्रकरणों के निराकरण की ग्रेडिंग में सुधार लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राजस्व अधिकारियों की बैठक में नामांकन, बंटवारा, सीमांकन, राजस्व वसूली, रेवेन्यू अकाउंट सिस्टम अंतर्गत पोर्टल पर पटवारियों द्वारा दर्ज वसूली, सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों एवं भू-अभिलेख शुद्धिकरण पखवाड़े के एजेंडे पर राजस्व न्यायालयवार समीक्षा की। अपर कलेक्टर ने कहा कि 5 वर्ष और 3 वर्ष से अधिक समय के प्रकरण लंबित नहीं रहे। रीडर की लॉगिन में अनावश्यक केसेस पेंडिंग नहीं रहने चाहिए। समीक्षा में नागौद और उचेहरा में सीमांकन प्रगति 86 प्रतिशत और सबसे कम कोटर की 44 प्रतिशत पाई गई। इस मौके पर तहसीलदार बीके मिश्रा, मानवेंद्र सिंह, सविता यादव सहित सभी नायब तहसीलदार उपस्थित थे।
जिले में पशुपालन गतिविधियों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड कैम्पेन जारी
पशुपालन एवं डेयरी विभाग, मत्स्य पालन विभाग एवं वित्त विभाग द्वारा पशुपालन गतिविधियों में संलग्न समस्त पशुपालकों, मछली पालकों एवं दुग्ध सहकारी समिति के सदस्यों के लिये किसान क्रेडिट कार्ड कैम्पेन का आयोजन जिला स्तर पर 15 नवंबर 2021 से 15 फरवरी 2022 तक नेशनवाइड एनिमल हस्बैन्ड्री एंड डेयरी एवं फिशरीज केसीसी कैम्पेन आयोजित किया जा रहा है। किसान क्रेडिट कार्ड के आवेदन पशुपालन विभाग की निकटतम पशु चिकित्सा संस्था से संपर्क कर प्राप्त किए जा सकते हैं। पशुपालक द्वारा पूर्णतः भरा हुआ आवेदन निकटतम पशु चिकित्सा संस्था पर जमा किया जाना है। पशु चिकित्सा संस्था द्वारा समस्त आवेदन जिला स्तर पर आयोजित कैम्पेन में अग्रणी जिला बैंक प्रबंधक के समक्ष प्रस्तुत किए जायेंगे। अग्रणी जिला बैंक प्रबंधक आवेदनों को विभिन्न बैंकों के जिला समन्वयकों को स्वीकृति के लिये देंगे। जिला समन्वयक संबंधित बैंक शाखा से उक्त आवेदनों पर कार्यवाही उपरांत किसान क्रेडिट कार्ड जारी करायेंगे।
उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी ने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना में प्रति 3 माह के लिये प्रति भैंस के पोषण आहार हेतु 18 हजार रुपये एवं प्रति गाय 15 हजार रुपये ऋण के रुप में स्वीकृत किया जायेगा। 3 माह के पश्चात 7 प्रतिशत ब्याज दर में 2 प्रतिशत ब्याज की छूट प्रदान की जायेगी। पशुपालकों को 1.60 लाख रुपये तक की ऋण स्वीकृति के लिये गारंटी की आवश्यकता नहीं होगी तथा 1.60 से 3 लाख तक की ऋण स्वीकृति के लिए कोलेट्रल सिक्योरिटी की आवश्यकता होगी।
किसान क्रेडिट कार्ड कैम्पेन का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें पशुपालन से संबंधित गतिविधियों को जोड़कर आय में वृद्धि करना है। जिले के दुग्ध उत्पादक किसान पशुपालकों को मार्केटिंग, पशुचारा, पशु आहार, पशुओं का रख-रखाव एवं अन्य संसाधनों पर व्यय की पूर्ति करने के लिये पशुपालन विभाग द्वारा विभिन्न बैंकों के माध्यम से किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान किए जाते हैं।