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Satna: सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों के निराकरण को सर्वाच्च प्राथमिकता दें – मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश 

समाधान ऑनलाइन में विभिन्न जिले के 11 प्रकरणों की सुनवाई

सतना/भोपाल, भास्कर हिंदी न्यूज़/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से समाधान ऑनलाइन में विभिन्न जिलों के आवेदकों के आवेदन पत्रों में सुनवाई की। मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों के निराकरण में प्रभावी कार्यवाही करने वाले जिलों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों के निराकरण को सभी अधिकारी सर्वाच्च प्राथमिकता दें।

सीएम हेल्पलाइन तथा जन सुनवाई सरकार की सुशासन देने की महत्वपूर्ण पहल हैं। सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का अंतिम निराकरण होने पर ही फोर्स क्लोज करें। बिना कारण प्रकरण फोर्स क्लोज होने पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। आगामी समाधान ऑनलाइन में सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों की एजेण्डा बिन्दुओं के अनुसार समीक्षा की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने रीवा जिले के निवासी तथा जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी के पैरामेडिकल छात्र संजय साकेत के प्रकरण की सुनवाई करते हुए कहा कि आवेदक को मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर से पांच साल बाद अंकसूची दी गई। यह व्यवस्था ठीक नहीं है। परीक्षा परिणाम आने के तत्काल बाद परीक्षार्थी को व्हाट्सएप नम्बर तथा ई-मेल से परिणाम की जानकारी दें। अंकसूची भी समय पर उपलब्ध कराएं। मुख्यमंत्री ने इंदौर, शिवपुरी, उमरिया, शाजापुर, दतिया, टीकमगढ़, भिण्ड, डिण्डौरी, दमोह तथा सिंगरौली जिले के आवेदकों के आवेदन पत्रों में सुनवाई की।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अगले समाधान कार्यक्रम होने तक एक महीने में कसावट लाएं। समाधान में लगने वाले प्रकरण ही नहीं, उस जिले में उस प्रकृति के सभी लंबित प्रकरणों का निराकरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनसुनवाई भी सभी जिलों में प्रभावी और प्रमाणिक तरीके से करें। जन शिकायतों के मामले में जीरो टॉलरेंस होना चाहिए। इस मौके पर कलेक्टर अजय कटेसरिया, पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, डीएफओ विपिन पटेल, अपर कलेक्टर एवं प्रभारी सीईओ राजेश शाही, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास सौरभ सिंह एवं जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ सतेंद्र सिंह भी उपस्थित थे।

म.प्र. में राजस्व अभिलेखों में सुधार के लिये शुद्धिकरण पखवाड़ा, CM की पहल पर राजस्व सुधार के क्षेत्र में अनूठी पहल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर प्रदेश में एक से 15 नवम्बर तक राजस्व अभिलेखों में त्रुटियों को दूर करने के लिये प्राथमिकता के आधार पर शुद्धिकरण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस मुहिम का उद्देश्य राजस्व अभिलेखों में भिन्नता के कारण दिन-प्रतिदिन आम जनता को आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिये अभिलेखों में पूरी गंभीरता से सुधार के कार्य को एक साथ पूरे प्रदेश में करना है। पखवाड़े में अब तक 33 लाख 6 हजार 664 अभिलेखों में विभिन्न प्रकार की त्रुटियों को सुधारा गया। अभिलेखों में त्रुटि के कारण भूमि स्वामियों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था।

शुद्धिकरण की आवश्यकता

राजस्व एवं परिवहन मंत्री  गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि राजस्व अभिलेखों में क्षेत्रीय शब्दों के उपयोग के कारण एकरूपता नहीं रहती थी। साथ ही अभिलेख में भूमि स्वामी के प्रचलित नाम दर्ज होने और आधार-कार्ड में वास्तविक नाम दर्ज होने के कारण भिन्नता रहती थी। इसके अलावा नामांतरण एवं बँटवारा प्रकरणों में भी क्षेत्रीय कर्मचारियों को परेशानी आती थी। बैंक से ऋण प्राप्त करने, प्रधानमंत्री किसान एवं फसल बीमा जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का भी भूमिधारक लाभ नहीं ले पा रहे थे।

तीन स्तरों पर हो रहा शुद्धिकरण

राजस्व मंत्री ने बताया कि अभिलेख शुद्धिकरण के लिये त्रि-स्तरीय त्रुटियों का वर्गीकरण किया गया। राज्य-स्तर पर चिन्हित अशुद्धियों में परिमार्जन, खसरा क्षेत्रफल सुधार-शून्य रकबा, रिक्त भूमि स्वामी, सक्रिय मूल्य एवं बटांक, मिसिंग खसरा, भूमि का प्रकार एवं भूमि स्वामी का प्रकार और अल्फा न्यूमेरिक खसरा सुधार जैसी अशुद्धियों को दूर किया जा रहा है। पखवाड़े के पहले छह दिनों में 32 लाख 31 हजार 909 अशुद्धियों को दूर किया जा चुका है। इसके अलावा जिला-स्तर पर होने वाली अशुद्धियाँ जैसे फौती नामांतरण, खसरा रकबा एवं अन्य नक्शा संबंधित प्रकरणों का सुधार एवं डायवर्सन डाटा एन्ट्री में लगभग 74 हजार 755 अभिलेखों में सुधार किया जा चुका है। तीसरे तथा अंतिम किसान स्तर पर होने वाली अशुद्धियाँ, भूमि स्वामी के नाम में सुधार एवं अन्य प्रकार की आने वाली अनेक त्रुटियों को इस पखवाड़े में सुधारा जा चुका है।

शुद्धिकरण का क्रियान्वयन

पखवाड़े में राजस्व अभिलेख में विभिन्न प्रकार की त्रुटियों को अभियान के माध्यम से सुधार किया जा रहा है। इसमें राज्य स्तर से चिन्हित अशुद्धियाँ, जिनकी ग्रामवार परिमाण की रिपोर्ट भूलेख पर उपलब्ध है, उन पर सीधे कार्य प्रारंभ किया गया और जिला-स्तर पर अशुद्धियों को चिन्हित कर उनके सुधार की रूपरेखा तैयार की गई। ये अशुद्धियाँ किन-किन ग्रामों में हैं और इनका परिमाण क्या है उन पर फोकस किया गया। डाटा संबंधी त्रुटियों को सीधे ठीक किया जा सकता है परन्तु कुछ त्रुटियों को विधि अनुसार प्रकरण दर्ज कर सुधारने की आवश्यकता होगी।

 

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