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Chhatarpur: छतरपुर में खाद को लेकर बवाल, खाद के बदले मिली लाठियां-गालियां, किसानों ने किया हाइवे जाम

छतरपुर/बड़ामलहरा,भास्कर हिंदी न्यूज़/ जिले के बड़ामलहरा कस्बे में सोमवार को बड़ी संख्या में किसान खाद लेने पहुंच गए, मगर उन्हें खाद के बदले पुलिस से लाठियां और गालियां मिलने से वे आपा खो बैठे। नाराज किसानों ने सागर-कानपुर नेशनल हाइवे पर जाम लगा दिया। कुछ ही देर में दौनों ओर वाहनों की कतारें लग गईं और अफरा तफरी मच गई। मौके पर पुलिस के साथ जाकर एसडीएम ने गुरूवार को हर हालत में खाद दिलाने का भरोसा देकर किसानों को मना लिया।

जिले में खाद के लिए हा-हाकार मचा है। खाद लेने गए किसानों को जब पुलिस ने लाठियां दिखाकर हटाया और गाली गलौच की तो किसान भी उग्र हो गए और उन्होंने नेशनल हाईवे पर जाम लगाकर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को जमकर भलाबुरा कहा। मंडी तिराहा पर किसानों ने नेशनल हइवे पर खाद विपणन केंद्र के सामने जाम लगा दिया। मामला बिगड़ते देखकर पहले पुलिस अधिकारियों ने किसानों को समझाने की कोशिश की, पर पुलिस के व्यवहार से खुन्नास खाए किसान नहीं माने।

करीब एक घंटे बाद वहां एसडीएम विकास कुमार आनंद पहुंचे। उन्होंने किसानों से चर्चा करके दो दिन के बाद खाद दिलाने का आश्चवासन दिया तो किसान मान गए और उन्होंने हाइवे से हटकर जाम खोल दिया। ये दूसरा मौका है जब बड़ामलहरा में किसानों ने खाद न मिलने के कारण हाइवे पर जाम लगाकर विरोध जताया है। उल्लेखनीय है कि बड़ामलहरा अनुभाग के घुवारा कस्बे में एक हफ्ते पूर्व 14 गांव के किसानों ने खाद न मिलने पर धरना देकर जाम लगाया था। इसके बावजूद अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस समस्या के समाधान के प्रति सजग नहीं हो सके। इस लापरवाही का ही नतीजा है कि सोमवार को किसानों ने हाइवे पर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया है।

किसानों ने सुनाई  व्यथा

मौके पर मौजूद पत्रकारों को देखकर किसानों ने खुलकर अपनी व्यथा सुनाई। किसानों का कहना है कि हम यहां 10 से 15 दिनों से लगातार खाद देने के लिए आ रहे हैं। रोज सैकड़ों की संख्या में किसान ट्रैक्टर एवं अन्य वाहनों से खाद लेने के लिए आते हैं, जिसमें पैसा और समय दोनों खराब हो रहे हैं परंतु खाद की बजाय पुलिस की गालियां और लाठियां जरूर मिल रही हैं। उनका कहना है कि खाद न मिलने से उनके खेत सूख रहे हैं। किसानों ने आरोप लगाया कि शनिवार को यहां पर 184 बोरी का खाद उपलब्ध थी, परंतु अब मात्र 84 बोरी खाद उपलब्ध है तो 100 बोरी खाद कहां गई। किसानों ने आरोप लगाया कि किसानों को खाद देने की बजाया खाद की कालाबाजारी की जा रही है।

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