सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/नोडल अधिकारी प्रशिक्षण एवं सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित संजयराव झाड़े ने मंगलवार को विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 62 रैगांव के उप चुनाव के लिये मतदान दलों के अधिकारियों-कर्मचारियों के दोनो प्रशिक्षण स्थल का निरीक्षण कर उन्हें दिये जा रहे प्रशिक्षण कार्य का जायजा लिया। उन्होने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे मतदान दल के पीठासीन और मतदान अधिकारियों को ईवीएम, वीवीपैट के संयोजन, संचालन संबंधी तकनीकी प्रशिक्षण देते हुये मशीनों के इरर और दूर करने के उपायों की जानकारी प्रश्न पूंछ कर ली। इस मौके पर प्रशिक्षण के सहायक नोडल जिला शिक्षा अधिकारी सच्चिदानंद पाण्डेय, मास्टर ट्रेनर डॉ बीके गुप्ता भी उपस्थित थे।
रैगांव विधानसभा के लिये गठित होने वाले मतदान दलों के पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारी को द्वितीय चक्र का प्रशिक्षण 25 और 26 अक्टूबर को दो पालियों में शासकीय कन्या धवारी स्कूल और शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय व्यंकट क्रमांक-1 में प्रथम पाली में प्रातः 9ः30 से दोपहर 1 बजे तक और द्वितीय पाली में दोपहर 2 बजे से शाम 5ः30 बजे तक 8-8 कक्षों में दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि कोविड प्रोटोकाल के तहत सभी मतदान केंद्रों में सैनिटाइजर, साबुन, पानी, मेडिकेटेड वेस्ट मटेरियल डिस्पोजल डस्टबिन की उपलब्धता रहेगी। मतदान केंद्रों में थर्मल जांच और मास्कविहीन मतदाताओं के लिये मास्क की सुविधा भी रहेगी।
वास्तविक मतदान के पूर्व सीयू में दर्ज मॉकपोल का डाटा क्लियर करना सुनिश्चित करने के लिए मतदाता रजिस्टर 17‘क’ में पहले मतदाता के हस्ताक्षर करने से पूर्व मतदान अधिकारी क्रमांक-1 और पीठासीन अधिकारी सीयू का निरीक्षण कर रजिस्टर 17‘क’ में प्रमाण पत्र अंकित करेंगे, कि टोटल शून्य पाया गया है। मतदान केंद्र में वास्तविक मतदान शुरू होने के 90 मिनट पहले अभ्यर्थी के एजेंटों की उपस्थिति में मॉकपोल प्रारंभ किया जाएगा। मॉकपोल के दौरान कम से कम 50 वोट डाले जाएंगे। जिनमें सभी अभ्यर्थियों को कवर किया जाएगा। मतदान समाप्ति के बाद क्लोज बटन अनिवार्य रूप से दबाकर इस आशय का प्रमाण पत्र भी देना होगा। वीवीपैट की बैटरी भी निकालनी होगी। मतदान दल के अधिकारियों को मतदान प्रक्रिया भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश और ईव्हीएम संचालन का हैन्ड्स-ऑन प्रशिक्षण दिया गया।
निविदा आमंत्रित
मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग भोपाल के निर्देशानुसार नगरीय निकाय, त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन वर्ष 2021-22 मतदान के उपयोग पश्चात डीएमएम को प्लास्टिक डिब्बियों एवं डिब्बों में रखा जाना है। अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी राजेश शाही द्वारा नगरीय निकाय, त्रि-स्तरीय पंचायतों के दौरान डीएमएम को रखे जाने के लिये विक्रेताओं से प्लास्टिक की डिब्बियों एवं डिब्बों को उपलब्ध कराने के लिये सीलबंद लिफाफे में निविदा आमंत्रित की गई है। इच्छुक निविदाकार सीलबंद लिफाफे में 6 नवंबर की सायं 5ः30 बजे तक रजिस्टर्ड पोस्ट, डाक के माध्यम से अथवा स्वयं उपस्थित होकर जिला निर्वाचन अधिकारी (स्थानीय निर्वाचन) शाखा कक्ष क्रमांक जी-30 में जमा कर सकते हैं।
मतगणना कर्मियों का प्रशिक्षण 27 अक्टूबर को
विधानसभा क्षेत्र 62 रैगांव उप निर्वाचन 2021 के दौरान मतगणना दल के लिए नियुक्त होने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों का प्रशिक्षण 27 अक्टूबर को संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन के सभागार में दोपहर 2 बजे से आयोजित होगा। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अजय कटेसरिया ने मतगणना कार्य में नियुक्त होने वाले सुपरवाइजर, गणना सहायक और माइक्रो ऑब्जर्वर के रूप में चयनित अधिकारी, कर्मचारियों के आदेश उनके कार्यालय प्रमुख को प्रेषित किए हैं।
आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर कारण बताओ नोटिस
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अजय कटेसरिया ने विधानसभा क्षेत्र रैगांव में उप निर्वाचन के लिये आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद भी ग्राम पनगरा में अतिरिक्त ट्रांसफार्मर एवं विद्युतीकरण कार्य के लिये चाही गई प्रशासकीय स्वीकृति का परीक्षण किये बिना प्रस्ताव प्रस्तुत करने पर जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी आरके कछवाह को कारण बताओ नोटिस जारी कर 3 दिवस के अंदर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। नियत समय में जवाब प्रस्तुत करने पर श्री कछवाह के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही की जायेगी।
जिला मजिस्ट्रेट ने जारी नोटिस में बताया है कि सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना अंतर्गत प्रशासकीय स्वीकृति/वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिये 19 ग्रामों का प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। जिसमें विधानसभा क्षेत्र रैगांव अंतर्गत ग्राम पनगरा के राजपाल सिंह के पंप के पास अतिरिक्त ट्रांसफार्मर एवं विद्युतीकरण कार्य के लिये 3 लाख 89 हजार रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति भी शामिल है। ग्राम पगनरा रैगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने पर इस क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता प्रभावशील होने के बावजूद भी श्री कछवाह द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति के लिये प्रेषित प्रस्ताव का परीक्षण सही तरीके से नहीं करने और बगैर परीक्षण किये बिना मनमानी तरीके से प्रस्ताव प्रेषित करना घोर आपत्तिजनक होने के साथ-साथ कर्तव्य के प्रति लापरवाही एवं स्वेच्छाचारिता का द्योतक है। साथ ही म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के विरूद्ध एवं म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के तहत दंडनीय भी है।