सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ रैगांव विधान सभा के लिए जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे राजनीतिक मोर्चा संभालने के लिए भाजपा व कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की आमदरफ्त भी बढ़ती जा रही है। भाजपा प्रतिमा बागरी के समर्थन में सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान एक माह में चुनावी क्षेत्र के पांच चक्कर लगा चुके हैं जबकि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ कांग्रेस प्रत्याशी कल्पना वर्मा के समर्थन में मंगलवार को रैगांव के कई क्षेत्रों में चुनावी सभा को सम्बोधित करेंगे। शह और मात के इस सियासी खेल में कौन सी पार्टी बाजी मारेगी यह तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन चुनावी घमासान के बीच राजनीतिक दल जातिगत समीकरणों को भी साधने में जुट गए हैं।

रैगांव विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव 30 अक्टूबर को होंगे। रैगांव विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक

रहे विधायक जुगल किशोर बागरी का 10 मई 2021 को निधन हो गया था। तब से यह सीट खाली थी और यहां उपचुनाव हो रहे हैं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर अब 30 अक्टूबर को मतदान हैं जिसके लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों का प्रत्याशी जातिगत समीकरण को साधने में लगे हैं । इस विधानसभा में 2,06,910 मतदाता हैं। जिनमें बागरी, चौधरी और कोरी समुदाय का वोटबैंक अहम है। इन समुदाय के लोगों का जिस तरफ झुकाव होता है उसी की विजय होती है। इन्हीं गणित को सुलझाने भाजपा प्रत्याशी प्रतिमा बागरी के समर्थन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 10 दिन में तीन बार चुनावी सभा कर चुके हैं। जबकि एक माह में वे रैगांव में 5 सभाएं संबोधित कर चुके हैं। अब रैगांव के सिंहपुर में मतदाताओं को साधने और कांग्रेस प्रत्याशी कल्पना वर्मा के समर्थन में सभा करने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ आ रहे हैं।
1977 में अस्तित्व में आई थी रैगांव सीट
रैगांव विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस में प्रमुख रूप से टक्कर होती आई है। इसी बीच बहुजन समाज पार्टी का भी यहां दबदबा रहा है। तीनों पार्टी से इस विधानसभा क्षेत्र में विधायक रहते आए हैं। सबसे पहले 1977 से अस्तित्व में आई रैगांव विधानसभा क्षेत्र में अब तक 10 विधानसभा चुनाव हुए हैं। जिनमें से पांच बार भाजपा, दो बार कांग्रेस तो एक बार बहुजन समाज पार्टी को जीत मिली। वहीं दो बार अन्य दलों के भी प्रत्याशियों को जीत हासिल हुई है।
इस प्रकार बने जातिगत समीकरण
विंध्य क्षेत्र की इस विधानसभा सीट में शुरू से ही जातिगत समीकरण बने हैं। जिनमें अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की चुनाव पलटाने में अहम भूमिका रहती है। जबकि सवर्ण मतदाता को लेकर भी पार्टियां यहां साधने में जुटी रहती हैं। इस सीट पर बागरी समुदाय के सबसे ज्यादा मतदाता है जिनके समुदाय के विधायकों ने यहा सबसे ज्यादा बढ़त बनाई हैं। अनुसूचित जाति वर्ग में बागरि समुदाय के अलावा, चौधरी व कोरी समुदाय का भी वोट गणित बैठता है। वहीं अन्य पिछड़े वर्ग की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा पटेल और कुशवाहा समुदाय के मतदाता भी जीत हार का खेल बनाते हैं।
पिछले चुनाव में इतने मिले थे वोट
बीते चुनाव 2018 में रैगांव सीट में कुल 45 प्रतिशत वोट पड़ थे। जिसमें भाजपा प्रत्याशी जुगल किशोर बागरी को 65910 वोट मिले थे और विजयी घोषित हुए थे जबकि कांग्रेस प्रत्याशी कल्पना वर्मा को 48489 वोट से द्वितीय स्थान पर थीं। इसके साथ ही बहुजन समाज पार्टी की प्रत्याशी ऊषा चौधरी ने भी 12 हजार से ज्यादा वोट पाकर तीसरे पायदान पर जगह बनाई थी।