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Power Crisis in MP : मध्‍य प्रदेश में भी गहरा सकता है बिजली संकट..!

बिरसिंहपुर पाली संयंत्र में 210 मेगावाट की चार यूनिट बंद

Power Crisis in Madhya Pradesh:digi desk/BHN/भोपाल/ प्रदेश में एक बार फिर बिजली संकट गहरा सकता है। संजय गांधी ताप विद्युत संयंत्र बिरसिंहपुर पाली में 210 मेगावाट की एक और यूनिट सोमवार शाम चार बजे बंद हो गई। इससे पहले इसी संयंत्र की दो नंबर यूनिट रविवार रात दस बजे बंद हो गई थी। यह यूनिट भी 210 मेगावाट उत्पादन की थी। अब 1340 मेगावाट वाले इस संयंत्र में मात्र एक यूनिट से बिजली उत्पादन हो रहा है।

पांच सौ मेगावाट की इस यूनिट से 440 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। प्रदेश में अब 54 सौ मेगावाट क्षमता वाले संयंत्रों से 2277 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है। वहीं 1576 जल विद्युत संयंत्रों से बिजली उत्पादन हो रहा है। प्रदेश में बिजली की कुल मांग 10,820 मेगावाट बनी हुई है। सोमवार को प्रदेश सरकार ने 242 मेगावाट बिजली ओवर ड्रा की।

सूत्रों के मुताबिक संजय गांधी संयंत्र की दो नंबर यूनिट को 30 जुलाई 2021 को सुधार कार्य के लिए बंद किया गया था। 68 दिन चली मरम्मत के बाद छह अक्टूबर को ही यह यूनिट प्रारंभ की गई थी। इसके चार दिन बाद ही 10 अक्टूबर का रात को यह यूनिट बंद हो गई। संयंत्र प्रबंधन ने बायलर लीकेज के कारण यूनिट बंद होना बताया है। इसके ठीक 16 घंटे बाद ही इसी संयंत्र की 210 मेगावाट उत्पादन वाली एक और यूनिट बंद हो गई। संयंत्र में 210 मेगावाट उत्पादन वाली दो यूनिट पहले से ही बंद हैं। यानी अब मात्र पांच सौ मेगावाट वाली एक यूनिट ही चल रही है। जिसमें 388 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है।

कहां कितना बिजली उत्पादन

संयंत्र क्षमता उत्पादन

  • सारणी 1330 509
  • बिरसिंहपुर पाली 1340 440
  • अमरकंटक 210 204
  • सिंगाजी 2520 1124
  • कुल उत्पादन 2277

50 हजार टन कोयला पहुंचा बिजली संयंत्रों में

बीते एक दिन में अमरकंटक संयंत्र में 3253 टन कोयला की खपत हुई। वहीं 6538 टन कोयला पहुंचा। इस प्रकार 25,777 टन कोयला अब यहां बचत में है। सतपुड़ा ताप विद्युत संयंत्र सारणी में 78858 टन कोयला जला, वहीं 7632 टन कोयला संयंत्र में रेलवे के माध्यम से पहुंचाया गया। अब यहां 61564 टन कोयला स्टाक में है। बिरसिंहपुर संयंत्र में 11711 टन कोयला उपयोग में आया जबकि 8501 टन कोयला संयंत्र में पहुंचाया गया। अब यहां 74 789 टन कोयला बचत में है। संत सिंगाजी संयंत्र में 31259 टन कोयला पहुंचा, वहीं 20642 टन कोयला बिजली बनाने के लिए उपयोग में लाया गया। सभी संयंत्रों में 238106 टन कोयला स्टाक में है।

आवंटित कोयला नहीं उठाया

कोयला संकट के बीच राज्य सरकार ने नए सिरे से कोयला खरीदने की तैयारी शुरू कर दी है। सरकार ने आठ लाख टन कोयला खरीदने का टेंडर कर दिया है। अब कंपनियां अपना प्रस्ताव देंगी और मापदंडों को पूरा करने वाली कंपनी का चयन किया जाएगा। सरकार की यह तैयारी रबी सीजन को देखते हुए है।

दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा करते हुए कहा था कि किसानों को बिजली संकट का सामना न करना पड़े। उधर, कोयला नहीं उठाने को लेकर भी सरकार ने लेटलतीफी की। सरकार पर कोयला कंपनियों का 925 करोड़ रुपये बकाया है। इस चक्कर में राज्य को आवंटित कोयला भी सरकार ने लंबे समय से नहीं उठाया है।

8 स्र्पये की दर पर खरीदी बिजली

सरकार ने बिजली की कमी के चलते 242 मेगावाट बिजली ओवर ड्रा की है। यह बिजली आठ रुपये की दर पर खरीदी गई। सरकार ने 6387 मेगावाट का शेड्यूल दिया था, लेकिन 6629 मेगवाट बिजली ड्रा की।

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