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वारदात के बाद मचा था बवाल, जिसे काबू करने में पुलिस और प्रशासन के छूट गए थे पसीने

Satna: सिंहपुर गोलीकांड के एक वर्ष पूरे: तीन फीट की दूरी से टीआई ने आरोपी को मारी थे गोली..! कोर्ट ने गैर इरादतन हत्या की थ्योरी ख़ारिज की

बीते साल आज ही के दिन हुई थी सतना के सिंहपुर में घटना, अब कोर्ट ने भी माना हत्या, थानेदार पर 302 का मामला दर्ज

दरोगा विक्रम पाठक, जिस पर हत्या का आरोप है

सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ प्रदेश का बहुचर्चित सतना के सिंहपुर थाने में चोरी के आरोपी  को थाना प्रभारी द्वारा तीन फीट की दूरी से माथे पर गोली मारे जाने वाले गोलीकांड के आज एक वर्ष हो गए हैं। बीते साल आज ही के दिन 27 सितंबर को यह घटना हुई थी। जिसने पूरे प्रदेश की पुलिस व्यवस्था को झकझोर दिया था। इस मामले में जमकर राजनीति भी हुई थी जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्रवाई करते हुए तात्कालिक एसपी रियाज इकबाल को तुरंत हटा दिया था। इस घटना में फरार आरोपी थानेदार भी छह माह तक फरार रहा और फिर जाकर सरेंडर किया था। आरोपी थानेदार और सिपाही पर पुलिस ने 304 का मुकदमा दर्ज किया था जिसे अब जाकर न्यायालय ने भी हत्या मानते हुए 302 का मामला दर्ज करने निर्देश दिए हैं। अदालत ने तत्कालीन थानेदार विक्रम पाठक और सिपाही आशीष सिंह पर आईपीसी की धारा 302 के तहत कायमी के निर्देश दिए है, अदालत ने पुलिस की कहानी को नकारते हुए माना कि तीन फीट की दूरी से माथे पर रिवाल्वर से गोली स्वयं नही मारी जा सकती।

दरोगा की सर्विस रिवाल्वर से मृत राजपति

पुलिस ने ये बताई थी थ्योरी

इस मामले में पुलिस का तर्क था कि चोरी के संदेही राजपति ने सिंहपुर थाना में पूछताछ के दौरान थानेदार की सर्विस रिवाल्वर से स्वयं को गोली मार ली जिससे उसकी मौत गई, इस मामले में पुलिस के द्वारा 304 के तहत प्रकरण कायम किया गया था। ज्ञात हो कि 27 सितंबर की रात लगभग 9 बजे सिंहपुर थाने के अंदर मालखाने में गोली चली, इसमें चोरी के संदेही राजपति कुशवाहा की मौत हो गई थी। मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी सिंहपुर विक्रम पाठक एवं आरक्षक आशीष कुमार सिंह के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का अपराध पंजीबद्घ किया गया। इस मामले में थाने के अंदर संदेही की गोली लगने से मौत के मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए थे। तत्कालीन आईजी रीवा रेंज के द्वारा सिरमौर एसडीओपी पीएस परस्ते की अगुवाई में एसआईटी का गठन किया गया था। गोली कांड का आरोपी थानेदार और सिपाही तत्काल प्रभाव से निलंबित हो गए थे और कुछ दिनों बाद दोनों फरार हो गए और मजिस्ट्रियल जांच एवं एसआईटी के सामने बयान दर्ज कराने हाजिर नहीं हुए। इस मामले में बिरसिंहपुर थाने में दोनों के विरुद्घ आईपीसी की धारा 304 348 और 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था। एसआइटी के द्वारा जांच पूरी होने के उपरांत 27 मार्च 2021 को न्यायालय के समक्ष चालान प्रस्तुत किया गया और अब इस मामले में धारा 304 को बदलकर धारा 302 के तहत मामला दर्ज करने के निर्देश कोर्ट ने दिए हैं।

रखा गया था 30-30 हजार का इनाम 

फरार आरोपी उप निरीक्षक विक्रम पाठक और सिपाही आशीष सिंह घटना के बाद जांच शुरू होने के बाद से ही फरार हो गए थे जिसकी तलाश में सतना पुलिस मध्य प्रदेश के सागर, उत्तर प्रदेश व बिहार तक गई थी लेकिन दोनों हाथ नहीं आए थे। सतना पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने दोनों आरोपियों के खिलाफ 30-30 हजार का इनाम भी घोषित किया था। लेकिन वे फिर भी नहीं मिले। लंबी चली कार्रवाई के बाद लगभग छह माह बाद आरोपी  विक्रम पाठक ने थाना रामपुर बाघेलान में सरेंडर कर दिया था।

 

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