Puja Ke Niyam:digi desk/BHN/ अधिकतर लोग नहाने के बाद भगवान का नाम जरूर लेते हैं। सभी की दिनचर्या अलग-अलग होती है और उसी हिसाब से सभी लोग भगवान की पूजा भी करते हैं। कोई सुबह उठकर जल्दी नहाता है भगवान की भक्ति में लग जाता है तो कोई दोपहर तक सारे काम निपटाकर भगवान की पूजा करता है। भगवान की पूजा का तरीका भी अलग-अलग होता है। कोई सिर्फ माथा टेककर भगवान का ध्यान कर लेता है तो कोई अगरबत्ती, दीपक और शंख लेकर घंटों तक भगवान की पूजा करता है। कई लोगों के सालों तक पूजा करने के बाद भी उनकी मनोकामना पूरी नहीं होती। ऐसे में संभव है कि आप गलत तरीके से पूजा कर रहे हों। यदि सही तरीके से भगवान की पूजा की जाए तो फल जरूर मिलता है।
धर्म-शास्त्रों में पूजा करने का सही तरीका भी बताया गया है। यदि आप इसका पालन करके पूजा करते हैं तो आपको पूजा का फल जल्दी मिलता है। इसी वजह से शुभ मौकों, व्रत-त्योहार आदि पर पंडित को बुलाया जाता है, ताकि वो सही तरीके से पूजा कराएं और उसका फल जल्दी से मिले। हिंदू धर्म शास्त्रों में पूजा के सही तरीके के साथ-साथ कुछ जरूरी नियम भी बताए गए हैं। इन नियमों को ध्यान में रखकर ही सभी देवी-देवताओं की पूजा करनी चाहिए।
- पूजाघर को हमेशा साफ रखना चाहिए। यह स्थान हमें सकारात्मक्ता देता है। पूजा घर के गंदे रहने पर कई तरह की परेशानियां आती हैं और घर में नकारात्मक ऊर्जा रहने लगती है।
- हमेशा आसन पर बैठकर ही पूजा करनी चाहिए। इसके लिए सही आसन की जानकारी होना भी जरूरी है।
- जाप करने के लिए कभी भी दूसरे की माला का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अपने लिए एक अलग जापमाला रखें।
- पूजा के लिए एक समय तय करें और रोजाना उसी समय पर पूजा करने की कोशिश करें।
- पूजा करते समय हमेशा सिर ढंक कर रखना चाहिए। सिर ढंका रहने से आपके अंदर कोई भी नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती है और आपकी पूजा बिना किसी विघ्न के संपन्न होती है।
- भगवान को प्रणाम करते समय हमेशा दोनों हाथों से उनके पैर छूने चाहिए। कोशिश करें कि आपका बायां हाथ उनके बाएं पैर को दायां हाथ दाएं पैर को स्पर्श करे।
- महिलाओं को साष्टांग प्रणाम नहीं करना चाहिए। केवल पुरुषों को ही ऐसा करने की अनुमति है।
- कभी भी एक दीये से दूसरा दीया नहीं जलाना चाहिए। शास्त्रों में साफ तौर पर ऐसा करने की मनाही है। हमेशा माचिस की तीली या मोमबत्ती से ही दीये जलाने चाहिए। भगवान विष्णु की पूजा में शुद्ध घी और शनिदेव की पूजा में सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।