Crime News: digi desk/BHN/ इंदौर/कोतवाली थाना का घेराव कर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले 10 लोगों को पुलिस ने चिन्हित कर लिया है। इसमें पूर्व महिला पार्षद सहित एक अन्य पार्षद के गुंडे भाई अमजद चंदनवाला का नाम शामिल है। पुलिस ने चंदनवाला को जिलाबदर करने का प्रस्ताव भी कलेक्टर को भेज दिया है। शेष को गोपनीय ढंग से नामजद आरोपित बनाने की तैयारी चल रही है।
छेड़छाड़ के आरोपित गोलू उर्फ तस्लीम उर्फ उस्लीम चुड़ीवाला के साथ हुई मारपीट के विरोध में पिछले रविवार सैंकड़ों लोगों ने कोतवाली थाने का घेराव किया था। इसकी अगवानी एसडीपीआइ और पीएफआर पदाधिकारी अब्दुल रउफ बेलिम, जैद पठान और मुमताज कुरैशी कर रहा था। जूनी इंदौर और कोतवाली थाना पुलिस तीनों के खिलाफ जिलाबदर की फाइल भेज चुकी है। गुरुवार रात अफसरों ने वीडियो रिकार्डिंग देख तय किया कि अमजद पुत्र युसूफ चंदनवाला निवासी लोहागेट, अजीम बिलाल, रफीक बेलिम, शहनवाज, अमीनमुल सुरी, इरफान उर्फ काका, नौशाद पाकिजा और एक महिला पार्षद भी भीड़ को उकसाने का काम कर रहे थे।
महिला अपना क्षेत्र छोड़ कर विवाद को हवा देने आई थी। पुलिस अब सभी को नामजद आरोपित बना रही है। उधर चंदननवाला को जिलाबदर करने के लिए चंदन नगर थाना पुलिस ने प्रस्ताव भी भेज दिया है। टीआइ योगेशसिंह तोमर के मुताबिक चंदनवाला पर कुल आठ आपराधिक मामले दर्ज है और पूर्व पार्षद मुबारिक का चचेरा भाई है।
एसडीपीआइ-पीएफआइ पर आशंका नहीं- डीजीपी
अपराध समीक्षा के बाद डीजीपी विवेक जौहरी से मीडिया ने एसडीपीआइ और पीएफआइ के बारे में पूछा तो कहा कि मुख्यमंत्री ने सिर्फ राष्ट्र विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा है। कलेक्टर मनीषसिंह के बयान पर डीजीपी बोले इस बारे में उनसे ही पूछे। गौरतलब है कलेक्टर ने सोमवार को ही एसडीपीएआइ और पीएफआइ का उल्लेख किया था।