इंदौर। आम जनता के साथ पुलिस कैसा व्यवहार करती है, यह जानने आइजी योगेश देशमुख सादे कपड़ों में मुंह पर मास्क लगाकर सिपाही की बाइक पर बैठकर ग्वालटोली थाने जा पहुंचे। आइजी ने ड्यूटी अफसरों से कहा मधुमिलन चौराहे पर बाइक सवार बदमाशों ने मेरे भतीजे का मोबाइल लूट लिया है। पहले तो पुलिसकर्मी सवाल-जवाब करते रहे। बाद में एएसआइ केके तिवारी से मिलने को कह दिया। वाकया मंगलवार रात पौने नौ बजे का है। आइजी सरकारी कार, गनमैन और ड्राइवर को रेसीडेंसी परिसर में ही छोड़ आए थे। पुलिसकर्मी उन्हें न पहचान पाएं इसलिए मास्क पहन लिया था।
एएसआइ ने पहले साथ आए सिपाही से घटनाक्रम जाना। बाद में कहा कि रिपोर्ट लिखवाने से बेहतर है सिटीजन कॉप पर शिकायत कर दो। क्राइम ब्रांच की साइबर सेल तत्काल मोबाइल तलाशने में जुट जाएगी। रिपोर्ट लिखवाने से मोबाइल नहीं मिलता है। आइजी ने हस्तक्षेप किया और कहा कि हमारा तो मोबाइल गया है। शिकायत क्यों रिपोर्ट लिखनी पड़ेगी। एएसआइ ने टीआइ संजय शुक्ला को फोन कर बताया और कहा फरियादी रिपोर्ट पर अड़ा है। टीआइ ने कहा दोनों को मेरे पास लेकर आओ। मैं घटना की तस्दीक करूंगा।
टीआइ के सामने हाथ बांधे खड़े रहे
टीआइ उस वक्त पटेल ब्रिज के समीप वाहन चेकिंग करवा रहे थे। एएसआइ आइजी और सिपाही को थाने की जीप से मौके पर ले गया। फरियादी (सिपाही) ने विस्तार से घटनाक्रम बताया और कहा कि मैं एमवाय अस्पताल की तरफ से आ रहा था। मधुमिलन चौराहे पर फोन पर बात कर रहा था। सफेद रंग की बाइक (अपाचे) से आए दो बदमाश मोबाइल छीन ले गए। मैंने पीछा किया लेकिन अचानक गायब हो गए।
टीआइ ने भी सिटीजन कॉप पर शिकायत करने की सलाह दी। लेकिन आइजी बीच में बोल पड़े हमें तो रिपोर्ट ही चाहिए। टीआइ ने परिचय पूछा तो कहा यह (सिपाही) मेरा भतीजा है और रामकृष्ण बाग में किराना की दुकान चलाता है। टीआइ ने रिपोर्ट लिखने के निर्देश दिए और आइजी से कहा कि अनलॉक के बाद घटनाएं बढ़ रही हैं। थोड़ा संभलकर रहने की आवश्यकता है। आइजी ने मास्क हटा लिया और कहा मैं योगेश देशमुख हूं, इंदौर आइजी। टीआइ सकपका गए और सैल्यूट किया।
चौराहे पर लगाइ परेड, सजा भी सुनाई
आइजी ने टीआइ की काउंसिलिंग की सराहना की और सभी पुलिसवालों को बुलाया। उन्हें कतार में खड़ाकर टर्न आउट देखा। जूते, बेल्ट, नेमप्लेट, वर्दी भी देखी। कैप नहीं पहने पुलिसकर्मी बनेसिंह व स्वरूप को निंदा की सजा सुनाई।