जिला लघु वनोपज सहकारी समिति के तत्कालीन बड़े बाबू के खिलाफ गबन का अपराध दर्ज
उमरिया,भास्कर हिंदी न्यूज़/ मौत के दस माह बाद जिला लघु वनोपज सहकारी समिति के तत्कालीन बड़े बाबू कमलेश द्विवेदी के खिलाफ गबन का अपराध दर्ज किया गया है। सहायक वर्ग 3 संतोष पिता सरयू सिंह निवासी ग्राम अकमनिया थाना नोरोजाबाद की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने प्रकरण पंजीबद्घ कर मामले को विवेचना में लिया है। इस मामले में तकरीबन 5 से 6 करोड़ की शासकीय राशि का चेक के माध्यम से हेरफेर की बात कही जा रही है। विदित हो कि आरोपित बड़े बाबू कमलेश द्विवेदी का वर्ष 2020 सितंबर माह में जबलपुर में इलाज के दौरान निधन हो गया था। उसके बाद से ही उन पर विभागीय स्तर पर शासकीय राशि के गबन के आरोप लगने लगे थे।
चेक में बढ़ा लेता था रकम
कमलेश द्विवेदी पर यह आरोप है कि वह अधिकारियों से हस्ताक्षर कराने के बाद चेक में रकम बढ़ा लेता था। ऐसे कई चेक बैंक से हासिल किए गए हैं जिसमें राशि बढ़ाई गई थी। हालांकि इस मामले में यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है कि अधिकारी से हस्ताक्षर कराने के बाद चेक की रकम किस तरह से बढाई जाती थी। आमतौर से सरकारी चके पर अधिकारी तब हस्ताक्षर करते हैं जब भरी गई रकम के ऊपर टेप चिपका दिया जाता है, ताकि कोई बाद में रकम ना बढ़ा सकें।
मौत के बाद जांच
मौत के दूसरे माह यानी वर्ष 2020 के अक्टूबर में ही विभागीय जांच शुरू हो गई थी। जिसमे विभागीय स्तर से क़ई दस्तावेज खंगाले गए थे।अब मौत के दस माह बाद विभागीय शिकायत के बाद कोतवाली पुलिस ने प्रकरण पंजीबद्घ किया है।
डीएफओ भी निलंबित
उमरिया वन मंडल काफी दिनों से चर्चाओं में रहा है। अपनी सेवानिवृत्ति के सिर्फ कुछ दिन पहले डीएफओ आर एस सिकरवार भी निलंबित हो गए थे। उन पर भी गंभीर आरोप लगे थे। यह मामला उसी से जुड;ा हुआ है। विभागीय कैश बुक एवम चेक बुक सहित रूरी दस्तावेज उधा अधिकारियों की निगरानी में होते है,फिर आखिर इतनी बड़ी रकम सिर्फ बड़े बाबू कैसे हजम कर लिया। इस मामले में बड़े बाबू की मौत के बाद जिस तरह विभागीय जांच और अब शासकीय राशि के गबन सहित आपराधिक विश्वासघात,जाली दस्तावेज,विश्वास का आपराधिक हनन जैसे संगीन आरोप लगे है,कही न कही विभागीय स्तर में बड़े भ्रष्टाचार की बू आ रही है।इस पूरे मामले में पुलिस जांच के बाद क़ई और विभागीय अधिकारियों के नाम सामने आ सकते हैं।