CM Shivraj singh will do three adopted daughters marrige: digi desk/विदिशा/ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के घर तीन साल बाद फिर शादी की तैयारियां शुरू हो गई हैं। चौकिए नहीं, शादी बेटे की नहीं बल्कि उनकी गोद ली हुई तीन बेटियों की होने जा रही है, जिनकी डोली 15 जुलाई को उठेगी। पिता शिवराज और मां साधना सिंह इन तीनों बेटियों का कन्यादान विदिशा स्थित बाढ़ वाले गणेश मंदिर पर आयोजित सादे वैवाहिक समारोह में करेंगे। शनिवार को मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिंह विदिशा पहुंचीं और वहीं से बेटियों की विदाई के लिए गृहस्थी का जरूरी सामान खरीदा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यूं तो प्रदेश भर के बच्चों के मामा कहलाते हैं लेकिन विदिशा के मुखर्जी नगर स्थित सुंदर सेवाश्रम में रहने वाली सात बेटियों और दो बेटों के लिए वे हमेशा अभिभावक ही रहे। यह सेवाश्रम उन्होंने सांसद रहते हुए शुरू किया था, जिसमें सात बेसहारा बेटियों और दो बेटों को रखा गया था। इन बच्चों के खाने- पीने और पढ़ाई से लेकर शादी तक का जिम्मा चौहान दंपती ही उठाते आए हैं। वर्ष 2015 को इस आश्रम की सबसे बड़ी बेटी सोना और उससे छोटी रिंकी का विवाह बाढ़ वाले गणेश मंदिर पर हुआ था। इसके तीन साल बाद वर्ष 2019 में फिर तीन बेटियों के विवाह हुए, जिसमें रेखा, भारती का कन्यादान शिवराज और उनकी पत्नी ने किया था।
इस दौरान बेटे कमल की शादी भी हुई थी। आश्रम में सिर्फ तीन बेटियां रह गई थीं। अब उनका विवाह भी आगामी 15 जुलाई को होगा। मुख्यमंत्री की इन बेटियों की शादी में पहले तो मंत्री और आला अफसर भी शामिल होते आएं हैं लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते विवाह में चुनिंदा लोगों के ही शामिल रहने की संभावना है।
पहले कराई कथा, फिर शुरू की शादी की तैयारी
सेवाश्रम की बेटियों के विवाह की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी एक सामान्य माता-पिता की तरह ही निभाते हैं। शनिवार को साधना सिंह दोपहर में बाढ़ वाले गणेश मंदिर पहुंचीं। वहां पूजा के बाद उन्होंने शुभ कार्य से पहले सत्यनारायण की कथा कराई। इसके बाद वे मुखर्जी नगर में स्थित जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष बाबूलाल ताम्रकार के बेटे सचिन के शोरूम पहुंचीं, जहां से तीनों बेटियों के लिए गृहस्थी का सामान खरीदा। करीब 45 मिनट तक खरीदारी करने के बाद वह भोपाल के लिए रवाना हुईं।