छतरपुर,भास्कर हिंदी न्यूज़/ जिले के लवकुशनगर अनुभाग में केन, उर्मिल और नौगांव अनुभाग में धसान नदी से रेत का अवैध रूप से उत्खनन तेजी से हो रहा है। नदियों में बड़ी-बड़ी मशीनों से रेत निकालने का काम पूरी रात चलता है। वहीं बेरोकटोक तरीके से रेत का अवैध रूप से परिवहन किया जा रहा है।
लवकुशनगर से 8 किमी दूर उर्मिल नदी के संजय नगर और हंसपुरा घाट से रेत का अवैध कारोबार फलफूल रहा है। बड़ी-बड़ी मशीनों से उर्मिल नदी का सीना छलनी करके रेत निकाली जा रही है। जिसे महंगे दामों पर बेचकर रेत कारोबारी मुनाफा कमा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो रेत के इस अवैध कारोबार में सरकारी नुमाइंदों सहित पुलिस, राजनैतिक रसूखदार बराबर के हिस्सेदार हैं। संजयनगर और हंसपुरा घाट से रेत निकाल कर जगह-जगह डंप की जा रही है।
लोगों ने बताया कि संजयनगर से निकली उर्मिल नदी से लवकुशनगर में जल प्रदाय होता है। नदी से रेत निकालने के लिए माफिया बड़ी-बड़ी मशीनें लगाए हैं जिससे पानी गंदा हो जाता है। यही पानी लवकुशनर के लोगों की प्यास बुझाने के लिए सप्लाई किया जाता है। नलों से मिल रहे गंदे पानी को पीने के लिए लोग मजबूर हैं। इसी तरह नौगांव थाने की गर्रोली चौकी क्षेत्र में धसान नदी के घाट, अलीपुरा थाना क्षेत्र के ग्राम टीला और हरपालपुर के पास लहदरा में धसान नदी के घाट से भी बड़े पैमाने पर रेत का अवैध रूप से उत्खनन किया जा रहा है।
बिना दस्तावेजों के ट्रैक्टरों से रेत का अवैध परिवहन
छतरपुर जिले में बड़ी संख्या में ट्रैक्टरों से रेत का अवैध रूप से परिवहन किया जा रहा है। ये सारे ट्रैक्टर बिना पीयूसी, रजिस्ट्रेशन व बीमा के चलाए जाते हैं। इनके चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं होता है। इतना ही नहीं इन ट्रैक्टरों के रजिस्ट्रेशन, बीमा, पीयूसी जैसे दस्तावेज भी पूरे नहीं हैं। छतरपुर शहर की सड़कों पर रेत से लदे ट्रैक्टरों को दिन-रार तेज गति से दौड़ते रहते हैं। ट्रैक्टरों की मनमानी को देखकर लगता है मानो इन पर यातायात के नियम बेमानी हैं।