Chairman of covid working grup syas: digi desk/BHN/ कोविड संक्रमण की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच अच्छी खबर ये है कि जल्द ही 12 से 18 साल के बच्चों का Vaccination शुरु हो सकता है। कोविड वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन डॉ. एन.के अरोड़ा ने कहा कि जायडस कैडिला वैक्सीन का ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है। और, जुलाई के अंत तक या अगस्त में हम 12 से 18 आयु वर्ग के बच्चों को यह वैक्सीन देना शुरू कर सकते हैं। साथ ही, फाइजर वैक्सीन के भी जल्द ही मंजूरी मिलने की संभावना है। मंजूरी मिलने पर बच्चों के लिए एक और विकल्प उपलब्ध हो सकता है।
संभावना है कि जायडस कैडिला जल्द ही अपने वैक्सीन जायकोव-डी के आपातकालीन उपयोग के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के पास आवेदन कर सकती है। आपको बता दें कि कंपनी ने दावा किया है कि यह वैक्सीन वयस्कों के साथ-साथ बच्चों को भी दिया जा सकता है। केन्द्र सरकार ने शनिवार को इस वैक्सीन की सूचना देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामे दिया, जिसमें कहा गया कि डीएनए वैक्सीन विकसित कर रही Zydus Cadila ने 12 से 18 साल की उम्र के बच्चों में अपना क्लीनिकल ट्रायल पूरा कर लिया और अब इसे मंजूरी मिलने का इंतजार है। जल्द ही यह इस आयु वर्ग के बच्चों के लिए उपलब्ध होगा।
अभी 18 साल या उससे अधिक आयु के लोगों को ही वैक्सीन दी जा रही है। इसके अलावा अगले कुछ महीनों में कोविड की तीसरी लहर की संभावना है, जिसमें बच्चों पर ज्यादा असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। सबसे बड़ी समस्या ये है कि कोरोना के खतरे की वजह से स्कूल-कॉलेज नहीं खुल पा रहे हैं, और बच्चों का भविष्य प्रभावित हो रहा है।
एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने भी स्कूलों को खोलने की जरुरत पर बल देते हुए का कि अगर जायडस कैडिला वैक्सीन को मंजूरी मिल जाती है तो यह एक विकल्प होगा। उन्होंने ये भी बताया कि 2 से 18 साल के एज ग्रुप पर भारत बायोटेक के कोवैक्सिन (Covaxin) के फेज 2 और 3 ट्रायल के डेटा सितंबर तक उपलब्ध होने की संभावना है। जिसके बाद वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से मंजूरी मिल सकती है। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए कोरोना संक्रमण के खिलाफ वैक्सीन बनाना एक “मील के पत्थर की उपलब्धि” होगी, क्योंकि 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों पर संभावित तीसरी कोविड-19 लहर के प्रभाव की चिंता बनी हुई है।