Corona vaccine: digi desk/BHN/कोरोना वायरस जहां तेजी से लोगो को अपनी चपेट में ले रहा था तो वहीं इसकी रोकथाम के लिए वैक्सीन को लाया गया और अब यह स्थिति कहीं हद तक कंट्रोल में है। लेकिन वहीं बहुत से लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर कई तरह के भ्रम भी देखने को मिलते हैं। अमेरिका में कोरोना वायरस के टीके को लेकर अमेरिकी पुरूषों के मन में उनके स्पर्म काउंट को लेकर भ्रम की स्थिति देखी गई जिस वजह से वह वैक्सीन Pfizer और Moderna लगवाने से हिचकिचा रहे हैं। जिसे लेकर एक स्टडी में साबित हुआ है कि इन दोनों डोज को लगवाने से पुरूषों के स्पर्म काउंट में कोई कमी नहीं आएगी।
स्टडी में रखा गया इन बातों का ध्यान
पुरूषों में अपने स्पर्म काउंट को लेकर संदेह की स्थिति के मद्देनजर जामा मैग्जीन में पब्लिश की गई स्टडी में 18 से 50 साल के 45 स्वस्थ वाॅलंटियर्स को Pfizer और Moderna के mRNA के वैक्सीन लगाए गए। लेकिन उनके स्पर्म काउंट को ध्यान रखते हुए डोज़ देने से पहले उनके स्पर्म की जांच की गई कि स्पर्म से संबधित उन्हें कोई बीमारी तो नहीं है। इस रिसर्च में उन लोगो को शामिल नहीं किया गया, जो वैक्सीन लगाने के तीन महीने पहले तक कोरोना संक्रमित थे। अब इन लोगों को जब दूसरी डोज देने का समय आया तो वैक्सीन की दूसरी डोज़ देने के लगभग 70 दिन बाद भी स्पर्म के सैंपल लिए गए। विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइंस के अनुसार इन लोगों के स्पर्म सैंपल की फिर से जांच की गई।
स्पर्म काउंट की इस स्टडी में शामिल अमेरिका की मियामी यूनिवर्सिटी के एक्स्पर्ट्स ने बताया कि लोग वैक्सीन लगावाने से इसलिए भी हिचक रहे हैं क्योंकि उन्हें उनके स्पर्म काउंट को लेकर डर है। लोगों का ऐसा मानना है कि टीका लगवाने से उनके स्पर्म काउंट को क्षती पहुंचेगी। वहीं इस रिसर्च में पाया गया कि Pfizer और Moderna वैक्सीन का प्रजनन क्षमता पर कोई भी हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता है। इस वैक्सीन से स्पर्म काउंट कम नहीं होता है। बतादें कि वैक्सीन में जीवित वायरस नहीं होता है, उसमें एमआरएनए होता है। इसलिए वैक्सीन लगवाने से स्पर्म काउंट पर प्रभाव नहीं होता है।