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MP Board 12thResult: रिजल्ट बच्चों का, परीक्षा प्रदेश सरकार की, 12वीं का परिणाम देने में हो रही दिक्‍कत,नहीं मिल रहा डाटा..! 

MP Board 12th Exam Result 2021:digi desk/BHN/भोपाल/मध्य प्रदेश में हायर सेकंडरी के परीक्षा परिणाम को लेकर नई उलझन खड़ी हो गई है। सरकार जिस आधार (11वीं-12वीं की तिमाही-अर्द्धवार्षिक परीक्षा और आंतरिक मूल्यांकन) पर हायर सेकंडरी का रिजल्ट तैयार करना चाहती है, उसका डाटा ही नहीं मिल रहा है। प्रदेश के नौ हजार में से महज साढ़े तीन हजार स्कूल ही यह डाटा दे पाए हैं। उनमें से भी कई स्कूलों (खासकर निजी स्कूल) का डाटा उपयोगी नहीं है।

निजी स्कूलों ने साफ कह दिया है कि कोरोना की वजह से पिछले साल 11वीं की परीक्षा नहीं हुई। विद्यार्थियों को उन्न्त कर अगली कक्षा में भेज दिया था। जबकि इस साल स्कूल ही नहीं खुले। इस कारण 12वीं में आंतरिक मूल्यांकन नहीं हुआ। निजी स्कूलों में तिमाही-छह माही परीक्षा नहीं हो पाई, तो सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी परीक्षा देने के बाद भी उत्तर पुस्तिकाएं जमा नहीं कर पाए। ऐसी सूरत में सरकार के सामने हायर सेकंडरी का रिजल्ट हाईस्कूल की पिछली परीक्षा को आधार पर तैयार करने का विकल्प बचता है। इस परीक्षा में सात लाख 50 हजार विद्यार्थियों को शामिल होना था।

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल (सीबीएसई) और मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की हायर सेकंडरी परीक्षा एक ही दिन रद्द हुई थी। सीबीएसई ने रिजल्ट का फार्मूला तय कर लिया है, पर प्रदेश में 15 दिन की मशक्कत के बाद भी फार्मला तय नहीं हुआ। जबकि इसकी जिम्मेदारी मंत्रियों के समूह को दी गई है। इसके अलावा स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव सहित पांच आइएएस अधिकारी इस काम में लगे हैं।

समस्या- अभी तक 10वीं, 11वीं की पिछली परीक्षा, 12वीं की इस साल संपन्न् तिमाही, छह माही परीक्षा और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट देने की बात की जा रही थी, पर जब स्कूलों से विद्यार्थियों के अंक मंगाए, तो पता चला कि पिछले साल 11वीं की वार्षिक परीक्षा ही नहीं हुई। इस साल कोरोना की वजह से स्कूल नहीं खुले। इसलिए प्रोजेक्ट वर्क (परियोजना कार्य) नहीं हुआ।

सरकार ने हायर सेकंडरी की छह माही परीक्षा कराई। विद्यार्थियोें को उत्तर पुस्तिकाएं घर से लिखकर स्कूल में जमा कराना थीं, पर बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने उत्तर पुस्तिकाएं नहीं लौटाईं। निजी स्कूल तिमाही और छह माही परीक्षा नहीं करा पाए। फिर किस आधार पर इन परीक्षाओं का वेटेज (महत्व) दें। मंत्री और अधिकारी इसी उलझन में पड़े हैं।

यह हो सकता है समाधान 

इस बार हाईस्कूल और हायर सेकंडरी परीक्षा का रिजल्ट सौ फीसद रहने के आसार हैं। किसी छात्र के साथ नाइंसाफी न हो, इसलिए हर उस विद्यार्थी को उत्तीर्ण होने लायक अंक मिल सकते हैं, जिसकी ऑनलाइन कक्षाओं में उपस्थिति रही है। फेल सिर्फ वे होंगे, जो कक्षा में आए ही नहीं।

इसी हफ्ते तय होगा फार्मूला

अब अन्य विकल्प पर विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 28 जून को मंत्री समूह की बैठक बुलाई है। उससे पहले मंत्री समूह फार्मूला तय करेगा। सूत्र बताते हैं कि अधिकारियों से दो से तीन दिन में फार्मूला तय करने को कहा गया है।

इनका कहना है 

सीबीएसई ने फार्मूला तय कर दिया है। हम उसका अध्ययन कर रहे हैं। स्कूलों से अंक न मिलने के कारण देरी हुई है। अगले दो से तीन दिन में प्रदेश का फार्मूला भी तय हो जाएगा और जुलाई अंत तक रिजल्ट भी दे देंगे।

इंदरसिंह परमार,राज्यमंत्री, स्कूल शिक्षा विभाग (स्वतंत्र प्रभार)

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