सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ बीते बुधवार की शाम मोबाइल चोरी के मामले में आरपीएफ जवान द्वारा पकड़े गए आरोपी युवक द्वारा लॉकअप में ही कंबल का किनारा फाड़ कर फांसी लगा लिए जाने के मामले में पश्चिम मध्य रेल मुख्य सुरक्षा आयुक्त के निर्देश पर मंडल सुरक्षा आयुक्त अरुण त्रिपाठी ने पोस्ट प्रभारी निरीक्षक मानसिंह, सहायक उप निरीक्षक लोकेश पटेल और आरक्षक योगेंद्र यादव व पंकज सिंह को लाइन अटैच कर दिया है।
यह है मामला
बीते बुधवार की शाम महानगरी एक्सप्रेस से भागते हुए पकड़े गए चोरी के 19 वर्षीय आरोपी आदित्य पासवान पिता पप्पू पासवान की आरपीएफ सतना पोस्ट के लॉकअप में कंबल का किनारा फाड़ कर फांसी लगा ली थी। जिसके बाद उसे आनन फानन जिला अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया इसके बाद मृतक के रीवा में रहने वाले परिजन सतना पहुंचे और पोस्टमार्टम के दौरान आरपीएफ के जवानो पर आरोप लगाया की लॉकअप में पिटाई से आरोपी की मौत हुई है। इस मामले की न्यायिक जांच चल रही है और संभवतः शनिवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ जाएगी।
पीएम रिपोर्ट के पहले ही कार्रवाई
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के पहले ही शुक्रवार शाम पश्चिम मध्य रेल मुख्य सुरक्षा आयुक्त के निर्देश पर मंडल सुरक्षा आयुक्त अरुण त्रिपाठी ने पोस्ट प्रभारी निरीक्षक मानसिंह, सहायक उप निरीक्षक लोकेश पटेल और आरक्षक योगेंद्र यादव व पंकज सिंह को लाइन अटैच कर दिया गया है। वहीं पूरे मामले में विभागीय जांच (कोर्ट आफ एंक्वायरी) के लिए तीन सदस्यीय टीम भी गठित कर जांच शुरू कर दी गई है। पूरे मामले में जबलपुर मंडल सुरक्षा आयुक्त कार्यालय के वरिष्ठ निरीक्षक जीएस बहुगुना, अनिल झा और आरके भास्कर द्वारा जांच शुरू की गई है जो केवल इसी मामले की जांच कर विभाग को रिपोर्ट सौंपेंगे। ज्ञात हो कि लाकअप में फांसी लगाए जाने के बाद पूरे मामले की न्यायिक जांच जारी है। इसमें गुरुवार को मृतक का पोस्टमार्टम जिला अस्पताल में न्यायाधीश शिशिर शुक्ला की उपस्थिति में किया गया और वे ही पूरी जांच कर रहे हैं।
मंडल सुरक्षा आयुक्त अरुण त्रिपाठी ने बताया कि इस प्रकरण में नियमानुसार राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी सूचना भेजी गई है। दरअसल मानवाधिकार आयोग ने 1993 में सामान्य निर्देश जारी किए थे कि हिरासत में मृत्यु होने के 24 घंटों के भीतर, आयोग को इसके बारे में सूचना दे दी जानी चाहिए। लेकिन सतना के आरपीएफ पोस्ट के लाकअप में हुई मौत के बाद ऐसी कोई सूचना आयोग को 24 घंटे तक नहीं दी गई। वहीं जीआरपी को भी 6 घंटे बाद मौत की सूचना दी गई। इस मामले में जीआरपी द्वारा भी जांच की जा रही है लेकिन शुक्रवार शाम तक किसी प्रकार की रिपोर्ट जीआरपी ने दर्ज नहीं की है। मृतक के परिजनों का आरोप है कि आरपीएफ कर्मियों की पिटाई से आदित्य की मौत हो गई है जिसके बाद उसे फांसी का स्वरूप बताया जा रहा है। उन्होंने इस मामले में कार्रवाई के लिए नगर पुलिस अधीक्षक सतना के नाम ज्ञापन भी सौंपा था। वहीं रीवा में शव रखकर गुरुवार शाम को प्रदर्शन भी किया था। मृतक के भाई और मां की मांग है कि उन्हें उचित मुआवजा भी दिया जाए ताकि उनका पालन पोषण हो सके। आदित्य के पिता नहीं हैं और मां की देखभाल वही करता था।