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Covid Research: कमरे में दो घंटे तक रह सकता है कोरोना वायरस, क्रास वेंटिलेशन से खतरा होगा कम

Covid Research:digi desk/BHN/ कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर के विज्ञानिक शोध कर रहे हैं। अब वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) व छह अन्य संस्थानों ने मिलकर एक शोध किया है। जिसमें पता चला है कि कोविड संक्रमित शख्स के मुंह या नाक से निकले एरोसोल कमरे में दो घंटे तक रह सकते हैं। वहीं अन्य को संक्रमित करने की इनकी क्षमता दो मीटर से अधिक हो सकती है। ऐसे में कमरा खुला और उसमें से क्रास वेंटिलेशन होना बेहद जरूरी है। साइंटिस्टों ने पंखे के इस्तेमाल की सलाह दी है। सीएसआईआर ने अपनी गाइडलाइंस वेंटिलेशन ऑफ रेजिडेंशियल एंड आफिस बिल्डिंग फार सार्स-सीओवी-टू वायरस पर शोध किया। इसमें सीएसआइआर के केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की, सीएसआइआर चंडीगढ़, इंस्टीट्यूट आफ माइक्रोबियल टेक्नोलॉजी (आइएमटेक) चंडीगढ़, नेशनल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) नागपुर, केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (सीएफटीआरआई) मैसूर और केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) लखनऊ की लैब के विज्ञानिक शामिल थे।

सीबीआरआई रुड़की के आर्किटेक्चर एंड प्लानिग विभाग के विभागाध्यक्ष एवं प्रमुख डॉक्टर अशोक कुमार ने कहा कि मरीज के कमरे में बात करने, गाने, छींकने या खांसने से बने एरोसोल 0.05 से 500 माइक्रो मीटर तक हो सकते हैं। भारी एरोसोल सतह पर चले जाते हैं, जबकि छोटे दो घंटे तक हवा में रह सकते हैं। इनके हवा में रहने की अवधि कमरे के तापमान व नमी पर निर्भर है। खुली हवा से इसके जोखिम को कम किया जा सकता है।

घर में इन बातों का रखें ख्याल

  • -सिंगल वाल वाले कमरों के दरवाजे खुले रखें।
  • -खिड़की के पास पंखे का इस्तेमाल करें।
  • -बाथरूम में एग्जास्ट फैन व वेंटिलेशन की सुविधा होनी चाहिए।
  • -बिना खिड़की या वेंटिलेशन की समस्या वाले कमरे का उपयोग न करें।
  • – मेहमानों के कमरे को उनके आने और जाने के बाद 15 मिनट तक खुला रखें।

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