छतरपुर,भास्कर हिंदी न्यूज़/ कोरोना संक्रमण के काल में सेना कई तरीकों से लोगों की मदद कर रही है। छतरपुर में जिला अस्पताल में कोविड मरीजों के उपचार के दौरान खराब हो गए अनेक उपकरणों को मंगलवार को झांसी से आए सेना के तकनीशियनों (विशेषज्ञों) ने सुधार दिया। वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन पैनल सहित अनेक उपकरणों के खराब होने से अस्पताल प्रबंधन को कोविड संक्रमितों के उपचार में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। थलसेना की व्हाइट टाइगर डिवीजन के प्रयास से इन्हें मंगलवार को सुधार लिया गया। सिविल सर्जन डा. लखन तिवारी ने कहा कि वेंटिलेटर्स, कंसंट्रेटर जैसे जरूरी उपकरणों की मरम्मत कर सेना ने बड़ी सहायता की है। इससे जरूरतमंदों के इलाज में निसंदेह मदद मिलेगी।
दो दोस्तों की बातचीत से खुला मदद का रास्ता
दरअसल शहर के समाजसेवी आशीष खरे सैनिक स्कूल रीवा के पूर्व छात्र रहे हैं। उनके ही क्लासमेट कर्नल संदीप शर्मा इन दिनों झांसी में पदस्थ हैं। कर्नल संदीप ने उन्हें बातचीत में बताया कि किस तरह सेना झांसी में कोरोना संक्रमण काल में लोगों की मदद कर रही है। उन्होंने बताया कि सेना के टेक्नीशियन झांसी मेडिकल कॉलेज में उपकरण एवं मशीनों की मरम्मत में महत्वपूर्ण मदद कर रहे हैं। इस सूचना के मिलने पर सिविल सर्जन डा. लखन तिवारी ने नौगांव में सेना के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल चेतन कुमार को जिला अस्पताल में उपकरणों की मरम्मत के लिए पत्र लिखा। इस पत्र को कर्नल चेतन ने प्राथमिकता से लेते हुए झांसी भेज दिया। इस पर व्हाइट टाइगर डिवीजन के मेजर जनरल विपुल सिंघल ने जिला अस्पताल छतरपुर की तत्परता से मदद करने के निर्देश दिए। वहां से अप्रूवल मिलते ही नोडल एवं कमांडिंग आफिसर कर्नल शांतनु ने ले. कर्नल अंकुर धर, टेक्नीशियन एचएमटी सोनू सिंह भदौरिया के नेतृत्व में एक टीम जिला अस्पताल छतरपुर भेज दी। जिसने मंगलवार को उपकरणों की मरम्मत का काम पूरा कर दिया। इस टीम में टेक्नीशियन रविकांत एनके, योगेंद्र शर्मा, टीके पाल शामिल थे।
अगर सेना न होती, तो न जाने कब सुधरते उपकरण
सिविल सर्जन डा. लखन तिवारी ने कहा कि सेना की व्हाइट टाइगर डिवीजन ने बहुत कीमती समय में मदद की है। उन्होंने कहा कि वेंटिलेटर आदि खराब हो जाने से मरीजों की जान को लेकर चिंता बनी हुई थी। ऐसे में शासन से जब तक उपकरण सुधारने वाले आते, तब तक काफी देर हो जाती। सेना ने ऐसे में आगे आकर बड़ी सेवा की है। उन्होंने नौगांव एवं झांसी के कमांडिंग आफिसर से आगे भी मदद जारी रखने का आग्रह कर आभार जताया। उन्होंने बताया कि अगर ये उपकरण आम दिनों में सुधरवाए जाते तो अस्पताल प्रबंधन को लगभग ढाई लाख रुपये का खर्च आता। सेना ने उनका काम निशुल्क कर दिया। सेना की इस पहल की लोग सराहना कर रहे हैं।