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सिंहपुर गोलीकांड: 48 घंटे बाद भी नहीं हो सका मृतक का अंतिम संस्कार, पुलिस शव लेकर गांव में, परिजन सतना विधायक के घर!

सतना,भास्कर हिंदी न्यूज। सिंहपुर थाने में एसआई विक्रम सिंह की सर्विस रिवाल्वर से चली गोली से चोरी के मामले में पूछताछ के दौरान संदेही की मौत का मामला फिलहाल ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा है। रीवा में पोस्टमार्टम के बाद मृतक का शव उसके गांव नारायणपुर भेज दिया गया, परंतु 48 घंटे बाद भी मृतक का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया। गांव शव पुलिस की निगरानी में रखा गया है, जबकि खबरों के मुताबिक मृतक के परिजन सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा के घर में हैं। इस बीच पूरा नारायणपुर गांव छावनी में तब्दील हो गया है। नागौद से रैगांव तक चारो तरफ सिर्फ पुलिस ही पुलिस नजर आ रही है। हालांकि देर शाम पुलिस के आला अधिकारी वापस सतना लौट आए।

मंगलवार की दोपहर तकरीबन 12.30 बजे मृतक का शव नारायणपुर पहुंचा परंतु उसे लेने वाले परिजन वहां थे ही नहीं। वे अपने घर में ताला डाल कर सतना विधायक के घर में मौजूद थे। इस समूचे प्रकरण में पुलिस के आला अफसरों की कुछ गलतियों ने विकराल रूप ले लिया और मामला सियासी पोटली में चला गया। सतना से कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा समेत मृतक के परिजन और आक्रोशित ग्रामीण इस बात पर अड़े हुए हैं कि परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा, सरकारी नौकरी, हत्यारोपी दरोगा के खिलाफ धारा 302 के तहत प्रकरण दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया जाये। इसके बाद ही शव का अंतिम संस्कार होगा। इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि शव की स्थिति बिगड़ने लगी हैऔर वह सडांध मारने लगा है।

आखिर पुलिस सच बता क्यों नहीं रही?

इस पूरे प्रकरण में पुलिस की रहस्यमयी चुप्पी और उसकी गतिविधियों से भी सतना विधायक व ग्रामीण खफा हैं। ग्रामीणों का मानना है कि पुलिस सदिंग्ध तौर पर सर्विस रिवाल्वर से गोली मारने वाले सिंहपुर थाने के एसआई विक्रम पाठक और उसके साथी आरक्षक आशीष सिंह को बचाने में लगी हुई है। विधायक श्री कुशवाहा ने कई मसलों को लेकर मंगलवार की दोपहर 2 बजे प्रेस कांफ्रेस में पूरे घटनाक्रम को लेकर पुलिस के अफसरों पर कई सवाल उठाये। उन्होंने कहा कि आक्रोशित ग्रामीण और मृतक के परिजन एफआईआर की कापी मांग रहे हैं पर पुलिस के आला अफसर उसे न तो दे रहे हैं और न ही सार्वजनिक कर रहे हैं। जब छोटे छोटे मामलों की एफआईआर सार्वजनिक हो जाती है तो फिर इतने संवेदनशील मामले में इतनी गोपनीयता क्यों। विधायक ने यह भी सवाल उठाये कि सिंहपुर के एसआई पर आरोप हैं कि शराब के नशे में उसने गोली चलाई। मामले की पुष्टि के लिए विक्रम पाठक और आशीष सिंह का ब्लड टेस्ट कराया गया है तो टेस्ट रिपोर्ट क्या आई? पुलिस इसका खुलासा क्यों नहीं कर रही है?

मंगलवार को छावनी बना रहा इलाका

मृतक के अंतिम संस्कार के दौरान ग्रामीणों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए सतना कलेक्ट्रेट, रैगांव व नारायणपुर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। सतना कलेक्टर अजय कटेसरिया एवं पुलिस अधीक्षक रियाज इकबाल सुबह ही सदल बल रैगांव पहुंच गये थे। मृतक का शव गांव पहुंचा तो दूसरी तरफ मृतक के परिजन अपने घर में ताला लगा कर सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा के घर पहुंच गये।. रीवा से डीआईजी अनिल कुशवाह ने भी सतना पहुंच कर हालात का जायजा लिया।

बवाल बढ़ने की आशंका के चलते रात भर शव रखा रीवा में

पोस्टमार्टम के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि मृतक का शव देर रात तक सिंहपुर लाया जा सकता है, परंतु हालात बेकाबू होने की आशंका के चलते शव को रात भर रीवा में ही रखा गया। इस बीच ग्रामीणों केआक्रोश को हवा देने के लिए दिन भर और रात भर सियासी दलों के नेता बयानबाजी करते रहे। पुलिस को इस बात की भनक लगी कि मृतक के परिजनों के साथ कई नेता सतना कलेक्ट्रेट का घेराव करने व रैगांव व सिंहपुर में शव को रख कर उग्र प्रर्दशन करने की कोशिश में हैं। लिहाजा तीनों जगहों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।

क्या है मामला

गौरतलब है कि सिंहपुर थाने में रविवार की रात गांव के राजपति कुशवाहा को सिंहपुर थाने के एसआई विक्रम पाठक और उसके सहयोगी आरक्षक घर से उठाकर लाये थे और पूछताछ के दौरान दरोगा की सर्विस रिवाल्वर चल गई जिससे संदेही राजपति गंभीर रूप से घायल हो गया था, थाने के स्टाफ ने पहले उसे बिरला अस्पताल में भर्ती कराया जहां प्राथमिक उपचार के दौरान उसे रीवा रेफर कर दिया गया जहां मेडिकल कालेज में राजपति की मौत हो गयी। उसकी मौत की खबर के बाद सिंहपुर और आसपास के गांव सुलग उठे। सोमवार की सुबह से ही गांव में तनाव का माहौल बन गया। ग्रामीणों और मृतक के परिजनों का आरोप था कि दरोगा ने नशे में धुत्त होकर राजपति को गोली मार दी। इसके बाद बढ़ते तनाव के मद्देनजर रीवा, शहडोल, व सागर सहित सतना जिले से भारी पुलिस बल की तैनाती गांव में कर दी गई। मामले ने तूल पकड़ा तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मृतक के परिजनों को 10 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा के साथ निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए एसपी रियाज इकबाल ने थाने के एसआई विक्रम पाठक और थाने में तैनात आरक्षक को निलंबित कर दिया। विक्रम की सर्विस रिवाल्वर भी जप्त कर ली गई तथा जहां संदेही की कथित तौर पर हत्या हुई उस कमरे को सील कर दिया गया। देर शाम मुख्यमंत्री ने एसपी रियाज इकबाल का तबादला कर भोपाल पीएचक्यू में पदस्थ एसपी धरमवीर सिंह को सतना जिले का नया एसपी बना दिया। पहले एफआईआर दर्ज न करने की जिद पर अड़े पुलिस ने में सियासी दबाव के बीच दरोगा व उसके सहयोगी आरक्षक आशीष सिंह के खिलाफ सिंहपुर थाने में आईपीसी की दफा 304,348 और 34 के तहत अपराध दर्ज कर लिया। न्यायिक जांच की घोषणा के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट डीपी सूत्रकार को इसकी जांच का जिम्मा दिया गया। उनकी मौजूदगी में रीवा में संदेही के शव का पोस्टमार्टम कराया गया।

परिजनों ने कहा, हमें भी मार दो गोली

सोमवार को बेहद आक्रोशित परिजन और ग्रामीण पुलिस को खुली चुनौती पेश करते हुए धरने पर तो बैठे ही थे पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे थे। पुलिस के वाहनों कें रास्ते पर लेट गए नाराज लोग एसडीओपी, एडिशनल एसपी और आरआई से भी उलझ गए। ग्रामीणों का कहना था कि पुलिस अब हमें भी गोली मार दे । इस दौरान पुलिस और नाराज लोगो के बीच कई बार झड़प भी हुई।

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