शहडोल,भास्कर हिंदी न्यूज़/ मेडिकल कॉलेज में हुई रेेमडेशिविर की कालाबाजारी में अब कई चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पुलिस ने एक ओर जहां कुछ लोगों को रंगेहाथ पकड़ा वहीं जांच की रडार में अब कुछ डॉक्टर भी आ गए हैं। पुलिस इस मामले को बहुत ही सावधानी से लेकर आगे बढ़ रही है ताकि वेबुनियाद आरोप के चलते किसी भी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई न हो जाए लेकिन इस जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि मेडिकल कॉलेज में एक पूरा रैकेट रेमडेसिविर की कालाबाजारी के लिए काम कर रहा था। एक ओर जहां पुलिस मामले की तह तक जाने में जुटी हुई है वहीं दूसरी ओर कमिश्नर राजीव शर्मा ने भी कड़ी कार्रवाई की है। रेमिडीशिविर की कालाबाजारी में लिप्त तीन कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई हैं। मेडिकल कॉलेज की डीन मिलिंद शिरालकर ने बताया कि जिन कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है उनमें कोविड वार्ड में पदस्थ लैब टेक्नीशियन उज्जावल द्विवेदी, स्टाफ नर्स सुषमा साहू, लैब अटेंडेंट दीपक गुप्ता के नाम शामिल हैं। बर्खास्त किए गए कर्मचारी एनएचएम और यूडीएस के माध्यम से मेडिकल कॉलेज में भर्ती किए गए थे।
स्टाफ नर्स की डिग्री होगी निरस्त
मेडिकल कॉलेज में बेच देते थे इंजेक्शन
इनका कहना है
कालाबाजारी में लिप्त तीन कर्मचारियों की सेवा को समाप्त कर दिया गया है। डीन को इस मामले में सख्त जांच के निर्देश दिए हैं। रेमडेसिविर की कालाबाजारी में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्सा नहीं जाएगा। आगे की जांच में जिन लोगों की भूमिका संदिग्ध होगी उन पर भी कार्रवाई करेंगे।
राजीव शर्मा,कमिश्नर शहडोल