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निजी अस्पतालों में कोरोना इलाज की दरें निर्धारित, ज्यादा वसूले तो खैर नहीं, कलेक्टर ने दिए सख्त निर्देश

  •  इलाज में दरों के मापदंड का पालन करना होगा

  • जिला मजिस्ट्रेट ने सेवाओं की दरों का निर्धारण कर जारी किया आदेश

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ सतना जिले में शासकीय चिकित्सालयों सहित विभिन्न निजी अस्पतालों में कोविड पॉजीटिव मरीजों का उपचार किया जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से मरीजों के परिजनों द्वारा इस आशय की सूचना दी जा रही है कि कतिपय निजी चिकित्सालयों में कोविड उपचार के जो बिल तैयार किये जा रहे हैं, वह उस अस्पताल की प्रदत्त सुविधा, उपकरण, चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा अन्य सुविधाओं की तुलना में अधिक है। निरंतर बैठकों के माध्यम से अस्पताल के संचालकों और उनके प्रतिनिधियों को समझाईस दी गई है कि सभी निजी अस्पताल शासन के नियमानुसार निर्धारित चिकित्सा सुविधा दरों संबंधी मापदंडों का सख्ती से पालन करें तथा निर्धारित दरों से अधिक की राशि अथवा अन्य मदों की राशि नहीं वसूली जाये।

अस्पतालों द्वारा निर्धारित दर से भिन्न-भिन्न मदों में दरें उल्लेखित कर बिलों में जोड़ने से अस्पताल संचालकों के विरूद्ध आमजनता में आक्रोश भी पनप रहा है। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अजय कटेसरिया ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 नेशनल आपदा प्रबंधन अधिनियम 2015, महामारी अधिनियम 1897 के तहत उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्देशों के क्रम में सतना जिले में स्थित विभिन्न निजी अस्पतालों द्वारा आमजन को अस्पतालों, चिकित्सा व्यवस्था से जुड़े व्यक्तियों की सुरक्षा एवं कोविड पॉजीटिव मरीजों के इलाज में विभिन्न सेवाओं के विरूद्ध दरों का निर्धारण मदवार किया गया है।

डॉक्टर एवं पैरामेडीकल स्टॉफ की सुरक्षा का विशेष ध्यान 

अस्पतालों, चिकित्सा व्यवस्था से जुड़े डॉक्टर एवं पैरामेडीकल स्टॉफ की सुरक्षा
समस्त क्षेत्रीय एस.डी.एम. तथा पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि उनके क्षेत्रान्तर्गत स्थित समस्त कोविड अस्पतालों तथा उसमें कार्यरत चिकित्सको, पैरामेडिकल स्टॉफ आदि की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखेंगें तथा अस्पतालों के चाहे जाने पर तत्काल उन्हे सुरक्षा व्यवस्था संबंधित थाने द्वारा मुहैया कराई जावेगी। जिला अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था हेतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रभारी अधिकारी होंगे।

बिना उचित कारण के पेरामेडिकल स्टाफ डियूटी से गायब हुआ तो होगी सख्त कार्रवाई

कुछ अस्पतालों में पैरामेडीकल स्टॉफ अथवा चतुर्थ श्रेणी स्टॉफ कोविड इलाज की ड्यूटी करने में आनाकानी कर रहे हैं तथा किसी न किसी बहाने से डयूटी पर न आना, अस्पताल से नौकरी छोड़ कोविड इलाज से मुक्ति पाना अथवा जानबूझ कर कार्य ठीक से नहीं करना आदि कृत्य कर रहे है। अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि कार्यरत समस्त पैरामेडीकल स्टॉफ तथा चिकित्सकीय कार्य में लगे अन्य व्यक्तियों को यह स्पष्ट किया जाए कि जिला वर्तमान में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2015, महामारी अधिनियम 1897 के तहत नोटिफाईड है तथा चिकित्सा सुविधा अत्यावश्यक सेवाओं के अधीन आती है। लापरवाही कर रहे ऐसे चिकित्सा सेवाओं से जुड़े व्यक्तियों को यह भी स्पष्ट किया जाए कि उनकी सेवा अस्पताल में कोविड मरीजों के ईलाज एवं सेवा हेतु बाध्य है तथा बिना अस्पताल प्रबंधन की सहमति एवं वैकल्पिक व्यवस्था हेतु वे चिकित्सा, कार्य में लापरवाही नही कर सकते। ऐसा प्रकरण आने पर उसका मेडीकल परीक्षण सिविल सर्जन के अधीन मेडीकल बोर्ड द्वारा उसे करवाया जाना बाध्यकारी होगा तथा आवश्यकता पड़ने पर पुलिस एवं दंडात्मक वैधानिक प्रावधानों की सहायता भी ली जावेगी।

कोविड अस्पतालों के रूम एवं जनरल वार्ड के बेड चार्ज

वर्तमान में यह देखने में आ रहा है कि कुछ अस्पताल असामान्य रूप से कमरे में स्थित बेड अथवा जनरल वार्ड में स्थित बेड के चार्जेस मरीजों के ईलाज हेतु लगा रहे है। उन्हें आदेशित किया गया है कि कोई भी अस्पताल उसके कमरे में स्थित अथवा जनरल वार्ड में स्थित बेड की दर उसके प्री-कोविड समय (फरवरी-मार्च 2020) में आधार दर में अधिकतम 40 प्रतिशत तक की वृद्धि कर सकेगा। 40 प्रतिशत वृद्धि में आईसोलेशन चार्ज, युनिवर्सल प्रोटेक्शन चार्ज, अस्पताल के पैरामेडिकल स्टॉफ, डॉक्टर्स को कोविड इन्सेटिव चार्ज, बेड की संख्या कम होने के कारण वृद्धि, शिफ्ट ड्यूटी कम होने से अतिरिक्त स्टॉफ की आवश्यकता तथा कोविड बायोमेडीकल वेस्ट के निष्पादन में व्यय आदि सभी सम्मिलित रहेगा अर्थात कोविड बेड के आधार दर में 40 प्रतिशत की वृद्धि से प्राप्त राशि का व्यय अस्पताल प्रबंधन उक्त मदों में कर सकेंगे।

पी.पी.ई. किट मद में प्रति मरीज-प्रतिदिन अधिकतम राशि 500 रूपये

पी.पी.ई. किट-कोविड मरीजों के इलाज में लगने वाली अतिरिक्त रूप से पीपीई किट के मान से कुछ अस्पताल प्रबंधकों द्वारा अधिक राशि वसूली की गई है। इस आदेश के माध्यम से पी.पी.ई. किट मद में प्रति मरीज-प्रतिदिन अधिकतम राशि 500 रूपये ली जा सकेगी। इस राशि के तहत अस्पताल के अंदर कोविड प्रबंधन में संलग्न कंसलटेंट डॉक्टर, इंचार्ज, ड्यूटी डॉक्टर विभिन्न शिफ्टों में लगी हुई नर्स, पैरामैडीकल स्टॉफ, हाउसकीपिंग, पैथालॉजी टेस्ट के लिए लेबोरेटरी टेक्निशियन, एक्स-रे स्टॉफ, पैनट्री स्टॉफ, सिक्योरीटी गार्ड, मेंटनेंस स्टॉफ आदि सभी में विभिन्न शिफ्टों में लगने वाली पीपीई किट का व्यय सम्मिलित रहेगा।

प्रति कोविड बेड अधिकतम 750 रूपये प्रतिदिन-प्रति मरीज

खाद्य एवं डिस्पोजल ऑयटम-इस मद में मरीजों का भोजन, नाश्ता, स्टीम गार्गल, मरीजों हेतु डिस्पोजेबल जैसे-बेडशीट, तकिया कवर, रोगी गाउन, डेंटल थर्मामीटर तथा कोविड वार्ड एवं कमरों की सफाई व्यवस्था आदि सम्मिलित रहेगा। इस मद में अस्पताल प्रबंधन प्रति कोविड बेड अधिकतम 750 रूपये प्रतिदिन-प्रति मरीज प्राप्त कर सकेगा।

आक्सीजन थैरेपी के किसी भी मोड के माध्यम से (हाई-फ्लो आक्सीजन छोड़कर) अधिकतम 1500 रूपये प्रति मरीज प्रतिदिन

आक्सीजन चार्जेस-तरल आक्सीजन एवं वायुजनित आक्सीजन प्लांट से प्राप्त होने वाली आक्सीजन के डीलर्स एवं सप्लायर्स की बैठक में उनके द्वारा यह अवगत करवाया गया है कि वर्तमान मरीजों के इलाज संबंधी आक्सीजन की दरों में 10 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। विभिन्न अस्पताल प्रबंधकों को आदेशित किया गया है कि आक्सीजन थैरेपी के किसी भी मोड के माध्यम से (हाई-फ्लो आक्सीजन छोड़कर) अधिकतम 1500 रूपये प्रति मरीज प्रतिदिन के मान से लिया जा सकेगा। अगर मरीज को कुछ ही घंटो के लिये आक्सीजन दी जाती है तो उस मान से कम राशि मरीजों से आनुपातिक रूप से ली जायेगी। हाई-फ्लो ऑक्सीजन एचएफएनसी (उक्त प्रवाह मशीन द्वारा ऑक्सीजन) अधिकतम 100 रूपये प्रति लीटर-प्रतिदिन लिया जा सकेगा।

आरटीपीसीआर टेस्ट के लिये 70 रूपये, रैपिड एंटीजन टेस्ट 300 रूपये, सीटी स्कैन 3000 रूपये निर्धारित

दवाई, पैथालॉजी टेस्ट एवं अन्य उपभोग्य मेडीकल वस्तुयें-राज्य शासन द्वारा विभिन्न पैथालॉजी टेस्ट में अधिकतम दरों का निर्धारण किया गया है। सतना जिले में आरटीपीसीआर टेस्ट के लिये 70 रूपये, रैपिड एंटीजन टेस्ट 300 रूपये, सीटी स्कैन 3000 रूपये, एबीजी टेस्ट 600 रूपये, डी-डाइमर टेस्ट 500 रूपये, प्रो-कैल्सिटोनिन टेस्ट 1000 रूपये, सीआरपी टेस्ट 200 रूपये, सीरम फैरिटिन टेस्ट 180 रूपये, आईएल-6 टेस्ट के लिये 100 रूपये दर निर्धारित की गई है।

इन निर्धारित दरों में यदि घर से सेंपल लेना हो तो उसके लिए सभी श्रेणियों में रूपये 200 रूपये अतिरिक्त शुल्क लिया जा सकेगा। अन्य दरें पैथॉलाजी की वही रखी जावेगी जो प्री-कोविड दरों के समय ली जा रही थी। सभी निजी केन्द्रों द्वारा उपरोक्त सभी जांचें की जा सकेगी। शासकीय पोर्टल पर डाटा फीडिंग हेतु डॉ प्रदीप गौतम से संपर्क किया जा सकता है। निजी अस्पतालों को यह भी निर्देशित किया गया है कि वे किसी भी मरीज के परिजन को दवाईयां अस्पताल की फार्मेसी से खरीदने के लिये बाध्य नहीं करेंगे तथा परिजन अस्पताल की दवाईयां दवा बाजार या अन्य दवा मार्केट से खरीद सकेगे। उक्त आदेश का उल्लघंन किये जाने पर संबंधितों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी।

आयुक्त नगर निगम होंगी नोडल अधिकारी

5 मई 2021 से समस्त निजी अस्पतालों में कोविड इलाज संबंधी बिल इस आदेश के अनुरूप ही बनाए जा सकेगे। अगर कोई निजी अस्पताल इस आदेश के विरुद्ध कोई बिल तैयार करता है तो उसकी शिकायत सुश्री तन्वी हुड्डा आयुक्त, नगर पालिका निगम सतना मो.नं. 9412998705 से लिखित में की जा सकेगी। शिकायत बिलों की जांच 48 घंटों के अंदर पूर्ण करायी जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाए कि लिखित शिकायत मय प्रमाण के प्राप्त होने पर जांच प्रारंभ होगी तथा यह जांच कलेक्टर के समक्ष 48 घंटे के अंदर प्रस्तुत की जावेगी।

रिकॉर्ड संधारण-जिला अस्पताल अन्य सभी शासकीय अस्पताल को निजी अस्पताल मरीजों की आधार आई.डी. रखना एवं एडमिशन फार्म भरवाना तथा रिकार्ड रखना अनिवार्य होगा। मरीज की स्थिति को देखते हुये मरीज को भर्ती करवाने के उपरान्त उक्त फार्म भरवाया जा सकेगा। राज्य के बाहर से आये भर्ती हुये मरीजों के सम्बन्ध में जानकारी वर्तमान में भर्ती मरीजों की जानकारी 6 मई तक एवं तदोपरांत प्रतिदिन रात 12 बजे तक की जानकारी सुबह 11 बजे तक अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी की मेल आई.डी. vimlesh845@gmail.com पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।

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