सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ आक्सीजन सिलिंडर की कालाबाजारी के मामले में विंध्या इंजीनियरिंग के प्रोपराइटर राजीव जैन पर मामला दर्ज हो गया है। चोर बाजारी अधिनियम के तहत हुई प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए आरोपी राजीव जैन पर आपदा प्रबंधन की धारा 53 और 57, महामारी अधिनियम की धारा 3 और 420, आईपीसी आवश्यक वस्तू अधिनियम धारा 3 और 7, ड्रग कंट्रोल अधिनियम की धारा 5 और 13 तहत मामला दर्ज कराया गया।
यह एफआईआर ड्रग इंस्पेक्टर प्रियंका चौबे की शिकायत पर हुई है। कोलगवां थाने में मामला दर्ज होने के बाद सोमवार को आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। वहीं पुलिस अधीक्षक ने आरोपी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) के तहत कार्रवाई के लिए कलेक्टर को प्रतिवेदन भेजा है जिसके बाद माना जा रहा है कि जल्द ही राजीव जैन पर रासुका के तहत मामला दर्ज हो सकता है। दरअसल यह मामला इतना गंभीर है कि रुपयों की लालच में कई लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा था। ज्ञात हो सतना शहर मे प्राणवायु आक्सीजन की कालाबाजारी की सूचना पर कलेक्टर अजय कटेसरिया, पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, आयुक्त नगर निगम तन्वी हुड्डा ने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के साथ रविवार को बस स्टैंड के समीप विंध्या इंजीनियरिंग मे छापामार कार्रवाई की थी। इस दौरान मौके पर 571 जम्बो आक्सीजन सिलिंडर और 90 छोटे सिलिंडर मिले थे। यही नहीं आरोपी ने इसी फर्म के द्वारा 114 आक्सीजन सिलिंडर रीवा में भी भंडारण कराकर रखे थे जिसे भी रीवा पुलिस ने जब्त किया था।
प्रशासन ने पहले दिखाई थी उदारता
मामले में अब धीरे-धीरे कई परतें खुल रही हैं। बताया जा रहा है कि आरोपी राजीव जैन के द्वारा शहर के कई नामी अस्पतालों के साथ समझौता किया गया था जिसके तहत अस्पतालों की भी मिलीभगत इस कालाबाजारी में सामने आ रही है। जो रुपयों की लालच में राजीव जैन की दुकान से आक्सीजन सिलिंडर मरीजों को ब्लैक में मुहैया कराते थे। इस मामले में प्रशासन की उदारता भी सामने आई है। जानकारी अनुसार प्रशासन को इस बारे में पूर्व से पता था कि जिले में हजारों आक्सीजन सिलिंडर हैं लेकिन औद्योगिक इकाइयों, सर्विस प्रदाता व इंजीनियरिंग वर्क्स करने वाले लोगों के पास रखे हुए हैं। लेकिन प्रशासन ने पूर्व से इन सिलिंडरों को अधिग्रहित करने कोई मुहिम नहीं चालई। धीरे-धीरे जब जिले में आक्सीजन की समस्या पैदा हुई और सरकार द्वारा आक्सीजन की सप्लाई सतना भेजी गई तो उन्हें स्टोर करने की समस्या आई। तब आनन-फानन में प्रशासन ने विभिन्न संस्थानों के लोगों से सिलिंडर सौंपने कहा गया। बताया जा रहा है कि विंध्य इंजीनियरिंग के प्रोपराइटर राजीव जैन से भी प्रशासनिक अधिकारियों ने अपने स्तर पर सिलिंडर सौंपने कहा था लेकिन वह नहीं माना। इस दौरान प्रशासन के पास राजीव जैन के खिलाफ आक्सीजन सिलिंडर की कालाबाजारी करने की भी लिखित शिकायत आ चुकी थी।