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Indian Railway: रेलवे के पास ट्रेन चलाने वाले कर्मियों की कमी, जबलपुर-रीवा इंटरसिटी और रीवा-चांदाफोर्ट ट्रेन रद्द करने का निर्णय

Indian railway:digi desk/BHN/रीवा/जबलपुर/ रेलवे इस बार कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बाद भी ट्रेनों का लगातार संचालन कर रहा है। यहां तक की कई और ट्रेनों की संख्या बढ़ाई गई है, ताकि यात्री आरक्षित टिकट लेकर गंतव्य तक यात्रा कर सके, लेकिन इस बार बड़ी संख्या में रेलवे कर्मचारी भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए हैं। दिन ब दिन हालात बिगड़ते जा रहे हैं। जबलपुर रेल मंडल के कर्मचारी तेजी से संक्रमित हो रहे हैं। इनमें ट्रेनों का संचालन करने, टिकट चेकिंग करने, आरक्षण केंद्र में बैठने वाले कर्मचारी और आरपीएफ के जवान ज्यादा हैं। हालात यह है कि अब ट्रेन चलाने के लिए भी मंडल के पास गिनती का स्टॉफ बचा है। इस वजह से जबलपुर रेल मंडल के कमर्शियल विभाग ने चार ट्रेनों को रद्द करने का निर्णय लिया है।

इन ट्रेनों को रद्द करने भेजा प्रस्ताव 

मंडल के कमर्शियल विभाग ने जबलपुर से रवाना होने वाली जनशताब्दी, अमरावती, जबलपुर-रीवा इंटरसिटी और रीवा-चांदाफोर्ट ट्रेन शामिल हैं। इन ट्रेनों को रद्द करने के लिए मंडल ने पश्चिम मध्य रेलवे जोन को प्रस्ताव भेजा है। जोन जैसे ही इन ट्रेनों को रद्द करने पर अपनी हामी भर देगा, इन ट्रेनों को आगामी आदेश तक के लिए रद्द कर दिया जाएगा।

अब तक इनकी मौत 

जबलपुर मंडल और मुख्यालय में पदस्थ कई कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। इसमें जबलपुर स्टेशन मैजेजर डीके व्यौहार, मदनमहल के सीटीआई राजेश विश्वकर्मा, लोको पायलट आरके निगम, एसएसई शशिकांत पटेल, टीटीई कटनी मनोज कुमार, स्टेशन मास्टर गुर्रा प्रदीप इरपाचे, एसएसई राकेश गुप्ता, नीलम साहू शामिल है । इतना ही नहीं कई ड्राइवर, टीटीई और बुकिंग क्लर्क अभी भी रेलवे अस्पताल में जिंदगी-मौत से लड़ रहे हैं।

रनिंग स्टॉफ तेजी से हो रहा संक्रमित

जबलपुर मंडल से वर्तमान में तकरीबन 60 से ज्यादा ट्रेनें गुजर रही हैं। इन ट्रेनों में तैनात कर्मचारी ही सबसे ज्यादा संक्रमित हुए हैं। अकेले जबलपुर मंडल के कमर्शियल विभाग के 120 रनिंग स्टॉफ कोरोना संक्रमण की चपेट में आए गए हैं। ट्रेनों में टिकट चेक करने स्टॉफ ही नहीं है। किसी तरह से काउंटर से टिकट दी जा रही है। यहां तक की मंडल के ड्राइवर और असि. ड्राइवर भी इन दिनों कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर रेलवे अस्पताल में अपना इलाज करा रहे हैं।

रेल अस्पताल में नहीं बेड

 पमरे जोन के मुख्य रेलवे अस्पताल के कोविड आईसीयू में 10 बेड हैं, जो वर्तमान में सभी भरे हुए हैं। वहीं कोविड वार्ड में तकरीबन 80 बेड हैं, जिसमें एक भी खाली नहीं है। अधिकांश डॉक्टर और कर्मचारी भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं, जिससे रेल कर्मचारियों के इलाज में परेशानी आ रही है।

इनका कहना है

रेलवे का रनिंग स्टॉफ लगातार संक्रमित हो रहा है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए हमने कुछ ट्रेनों को रद्द करने का प्रस्ताव पश्चिम मध्य रेलवे जोन को भेजा है। इनमें वह ट्रेनें शामिल हैं, जिसमें इस समय यात्री कम हैं। जोन से स्वीकृति मिल जाती है तो आगामी आदेश तक कुछ ट्रेनों को रद्द किया जाएगा।                                          विश्वरंजन, सीनियर डीसीएम, जबलपुर रेल मंडल

 

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