- जंगली जानवर ने 13 बकरियों को मारा, 4 लापता
- गांव में दहशत का माहौल, भूत-प्रेत की अफवाहें
- वन विभाग और पुलिस की टीमें जांच में जुट गई हैं
Madhya pradesh narsimhapur narsinghpur 13 goats died and 4 missing due to animal attack in gotegawn rumors spread ghosts: digi desk/BHN/गोटेगांव/ घरों के बाहर बंधी बकरियों में से 13 की अज्ञात जंगली जानवर के हमले में मौत हो गई, चार बकरियां लापता हैं। मंगलवार व बुधवार की दरम्यानी रात को गोटेगांव तहसील के करेली कला गांव में जानवर ने देर रात हमला किया। इससे गांव में दहशत का माहौल नजर आया। पदचिन्ह से लोग लकड़बग्घा या तेंदुए के हमले की आशंका जता रहे हैं। गांव में भूत-प्रेत की अफवाह भी फैलने से बच्चों को बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है।
गांव में अज्ञात जानवर के पद चिन्ह पर कोई लकड़बग्घा तो कोई तेंदुए के हमले की आशंका जताता रहा है। आनन-फानन में प्रभावित ग्रामीणों ने पुलिस व वन विभाग को सूचना दी। जिसके बाद दोनों ही विभागों का दल जांच, मुआयना करने मौके पर गया।
रात में किया जानवर ने हमला
गोटेगांव के समपी करेली कला गांव में मंगलवार की रात रोज की तरह तीन घरों के ग्रामीण अपनी बकरियां घरों के बाहर बांधकर सो गए थे। रात करीब ढाई से तीन बजे के आसपास अज्ञात जानवर ने हमलाकर 13 बकरियों की जान ले ली। सुबह जब ग्रामीण सोकर उठे, तो उन्हें बकरियों की क्षत-विक्षत लाश मिली। चार बकरियां लापता मिलीं।
लकड़बग्घा या तेंदुए की आशंका
यह दृश्य देखकर मवेशी पालक समेत पूरे गांव में दहशत की स्थिति निर्मित हो गई। जहां बकरियां बंधी थीं, उसके आसपास किसी जंगली जानवर के पैरों के निशान भी गीली मिट्टी में उकरे नजर आए। इसे देखकर लोग लकड़बग्घा या तेंदुए के हमले की आशंका जता रहे हैं।
वन विभाग भी पहुंचा
ग्रामीणों ने गोटेगांव थाने में इसकी सूचना दी। जहां से अमला गांव पहुंचा और पूछताछ शुरू की। जानकारी पर जिला वन मंडलाधिकारी लवित भारती ने भी वनकर्मियों की टीम गठित कर करेली गांव भेजा। प्रारंभिक पड़ताल में मृत बकरियों के गले और पैरों में काटने के गहरे निशान मिले हैं। फिलहाल पता लगाया जा रहा है कि, आखिर हमला किस जानवर का था। ग्रामीण हिंसक वन्यजीव की घुसपैठ से डरे हुए हैं।
गांव में फैल रही अफवाह
एक ओर जहां बकरियों के हत्यारे जानवर का कोई सुराग नहीं मिल पाया है, वहीं गांव में कुछ शरारती तत्व अफवाह फैलाने का काम कर रहे है। अंधविश्वास को मानने वाले लोग इसे किसी भूत प्रेत से जोड़ रहे हैं। जिसके कारण गांव के लोग भी दहशत के साए में है।
बच्चों को नहीं भेज रहे बाहर
ग्रामवासियों ने अपने घरों से बच्चों को खेलने के लिए भी नहीं निकलने दिया। लोग इसको अंधविश्वास मानकर जादू्, टोने का भी सहारा ले रहे हैं। ग्रामवासियों का कहना है कि, यह किसी शैतानी शक्ति का काम है, क्योंकि किसी जानवर के द्वारा एक साथ इतनी संख्या में बकरियों की जान नहीं ली जा सकती है। प्रशासन ने इसे जंगली जानवर का हमला ही बताया है।