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Satna: राजस्व या अन्य विभागों से संबंधित प्रकरणों की हुई सुनवाई, पकरिया में आये 70 आवेदन

सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ मैहर कलेक्टर एवं दण्डाधिकारी श्रीमती रानी बाटड के आदेशानुसार गुरूवार को ग्राम पंचायत पकरिया में राजस्व एवं अन्य विभागो से संबंधित शिकायतो का निराकरण करने के लिए शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विधायक श्रीकांत चतुर्वेदी, एसडीएम विकास सिंह, तहसीलदार जितेंद्र पटेल, नायब तहसीलदार सुनील दिवेदी, जनपद पंचायत मैहर के अधिकारी-कर्मचारी सहित सीएफटी टीम, सरपंच, सचिव, सहायक सचिव तथा ग्रामीण जन उपस्थित रहे।
इस दौरान कुल 70 आवेदन प्राप्त हुए जिसमे 61 राजस्व, 4 पंचायत, 1 लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, 2 विद्युत विभाग और 2 पुलिस विभाग की शिकायतें प्राप्त हुई। सभी आवेदकों की सुनवाई करते हुए निराकरण के निर्देश दिए गए। आवेदक अर्पण श्रीवास्तव पिता रमाकांत श्रीवास्तव निवासी पकरिया ने बताया कि आराजी क्रमांक 642 है तथा मेरे द्वारा किसान सम्मान निधि के लिए आवेदन किया था। लेकिन अभी तक किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिला है। इसी प्रकार रामपाल सिंह पिता पुरन सिंह निवासी पकरिया ने बताया कि मेरी आराजी 626, 627/2/1 है। असामाजिक तत्वों द्वारा कब्जा करके झोपड़ी बना ली गई है तथा अवैधानिक तरीके से वहां पर कार्य किया जा रहा है। आवेदक द्वारा कई बार शिकायत करने के बाद भी कार्यवाही नहीं की जा रही है।

स्वयं सेवी संस्थाओं को आपदा प्रबंधन के प्रशिक्षण का शुभारंभ
समापन आज जिला पंचायत सभागार में

आपदा प्रबंधन संस्थान भोपाल, गृह विभाग म.प्र. शासन के निर्देशन में एवं जिला प्रशासन सतना एवं यूनिसेफ मध्यप्रदेश के समन्वय से गुरूवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के लिए आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर आधारित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। आपदा प्रबंधन संस्थान भोपाल, गृह विभाग से कार्यशाला में उपस्थित डॉ. जॉर्ज व्ही. जोसेफ संयुक्त संचालक ने अपने उदबोधन में बताया कि आपदाओं के दौरान स्वयं सेवी संस्थाएं जिला प्रशासन के साथ मिलकर समुदाय को आपदा की स्थिति में मदद पहुचाने का कार्य करती है। स्वयं सेवी संस्थाए ग्राम स्तर पर काम करती है और समुदाय के साथ उनका सीधा संपर्क रहता है इसलिए आपदा के प्रभाव को कम करने के लिए स्वयं सेवी संस्थाए महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण देकर उनको शसक्त किया जाना चाहिए। अपने उदबोधन में उन्होंने आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005, आपदा प्रबंधन नीति 2009, के साथ-साथ आपदा के पश्चात प्रभावितों पर पडने वाले मनोसामाजिक प्रभाव आदि के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी।
कार्यक्रम में डिप्टी कलेक्टर एल.आर.जांगडे ने अपने उदबोधन में कहा कि स्वयं सेवी संस्थाए आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है इसलिए इस यह प्रशिक्षण सतना जिले के लिए लाभकारी होगा। कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास सौरभ सिंह ने अपने उदबोधन में कहा कि आपदायें कभी कहकर नहीं आती इसलिए सभी को आपदा के दौरान एवं पश्चात होने वाली स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।
कार्यक्रम में तकनीकी विशेषज्ञ आपदा प्रबंध संस्थान भोपाल,गृह विभाग म.प्र.शासन अभिषेक मिश्रा ने भूकंप आपदा के बारे में बताया कि भूकंप को आने से नहीं रोका जा सकता परन्तु भूकंप रोधी भवन निर्माण बनाने अपने पुराने भवनों में रेट्रोफिटिंग कर एवं बड़ी इमारतों में भवनों के अंदर सुरक्षित स्थानों की जानकारी होने से भूकंप आपदा हताहत होने से वचाव किया जा सकता है। कार्यक्रम में सहायक संचालक महिला बाल विकास श्याम किशोर द्विवेदी, जिला समन्वयक म.प्र.जन अभियान परिषद डॉ. राजेश तिवारी सहित लगभग 50 से अधिक स्वयं सेवी संस्थाओं ने सहभागिता की। इस प्रशिक्षण के अगले दिवस शुक्रवार 19 जुलाई को खोज एवं बचाव तकनीक एवं उपकरणों का प्रदर्शन किया जायेगा। इसके साथ ही समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन, आगजनी प्रबंधन, सी.पी.आर. एवं आकाशीय बिजली प्रबंधन के बारे में जानकारी प्रदान की जायेगी।

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