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Satna: श्री अन्न के उत्पादन को प्रोत्साहन देना जरुरी- कीर्तिवर्धन सिंह


प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि अंतरण कार्यक्रम में शामिल हुये केंद्रीय राज्यमंत्री

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ केंद्रीय विदेश, वन, पर्यावरण एवं जलवायु राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा कि गांव का किसान मजबूत होगा तो गांव और देश मजबूत बनेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ग्राम्य विकास और किसानों के कल्याण की अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है। उन्होने कहा कि मोटे अनाज (श्री अन्न) वर्तमान समय की आवश्यकता है और इसका बाजार तेजी से बढ़ रहा है। देश के किसानों को श्री अन्न के उत्पादन के लिये प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है। केंद्रीय राज्यमंत्री श्री सिंह मंगलवार को कृषि विज्ञान केंद्र मझगवां में आयोजित प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि अंतरण के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने की। इस मौके पर राज्यमंत्री नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी, विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार, जिला पंचायत अध्यक्ष रामखेलावन कोल, उपाध्यक्ष सुष्मिता सिंह परिहार, कलेक्टर अनुराग वर्मा, पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता, सीईओ जिला पंचायत संजना जैन, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक एमएस नेगी भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा वाराणसी से देश के 9 करोड़ 26 लाख लाभार्थी किसानो को 20 हजार करोड़ रुपये की राशि का अंतरण किया गया। वर्चुअल कार्यक्रम को कृषि विज्ञान केंद्र मझगवां में देखा गया। इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश के करोड़ो किसानों को किसान सम्मान निधि देकर उनका सशक्तिकरण किया है। उन्होने कहा कि देश का किसान वर्षा पर आधारित रहता है और उसे समय पर खाद, बीज, कीटनाशक उपलब्ध हो जायें तो उसे खेती-किसानी के बारे में चिंता नहीं रहती है। प्रधानमंत्री की किसानों के प्रति संवेदनशीता का सबसे बड़ा उदाहरण है कि उन्होने किसानों की खेत की मिट्टी का स्वाईल हेल्थ कार्ड परीक्षण कर जारी कराये हैं। इसके अलावा गांव की महिलाओं को खेती-किसानी का उन्नत प्रशिक्षण देकर उन्हें नई तकनीक के बारे में दक्ष बनाया गया है। उन्होने कहा कि खेती में जल का संरक्षण करने और स्प्रिंकलर सिस्टम अपनाकर सिंचाई के जल का प्रबंधन करने की आवश्यकता है। जलवायु परिवर्तन का सबसे बड़ा दुष्परिणाम भूमि के नीचे के जल का संकट उत्पन्न होना है। वर्तमान परिस्थितियों में भूजल का अनियंत्रित दोहन नहीं करते हुये उनके रिचार्ज की जिम्मेदारी हमारी है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये अभय महाजन ने कहा कि भगवान राम साढ़े 11 वर्ष चित्रकूट की पावन धरा पर रहे हैं। यहां पर सामाजिक समरसता का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करते हुये श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाये। उन्होने कहा कि श्रद्धेय नानाजी की कर्मस्थली में समग्र ग्राम विकास का अद्भुत प्रयोग हुआ। उनका मानना था कि व्यक्ति स्वाबलंबी नहीं होगा तो वह स्वाभिमान के साथ नहीं जी सकता। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में सर्वांगीण विकास के साथ ही किसानों को सहयोग और सम्मान मिल रहा है। इस मौके पर केंद्रीय राज्यमंत्री ने राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंध संस्थान (मैनेज) से पैरा एक्सटेंशन वर्कर का पांच दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त 79 कृषि सखियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरित किये।

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