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सलाखों में सिकंदर

1 अक्टूबर तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया जेल

सतना, भास्कर हिन्दी न्यूज। नाबालिग से दुष्कर्म और फिर उसे दो साल से ज्यादा ब्लैकमेल करने के आरोपी सिकंदर उर्फ समीरखान उर्फ अतीक मंसूरी को शुक्रवार को जेल भेज दिया गया। इससे पहले रिमांड की अवधि खत्म होने के बाद पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया था। उम्मीद जताई जा रही थी कि पुलिस सिकंदर की रिमांड अवधि बढ़ाने की मांग कर सकती है, परंतु गुरूवार को रीवा रेंज आईजी चंचल शेखर ने इस बात के संकेत दिये थे कि सिकंदर से पूछताछ लगभग पूरी हो चुकी है तथा उसके सभी ठिकानों की जांच पड़ताल की जा चुकी है और संदिग्ध वस्तुएं एवं दस्तावेज पुलिस के पास हैं इसलिए अब उसे रिमांड में लेने की जरूरत नहीं है। लिहाजा शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया और अदालत ने सिकंदर को 1 अक्टूबर तक न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के आदेश दे दिये।

क्या है मामला

उल्लेखनीय है कि 11 सितंबर को सिंधी कैंप निवासी नाबालिक ने कोलगंवा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि आरोपी सिंकदर खान उर्फ समीर खान ने उसके साथ दुष्कर्म किया तथा बीते दो साल से उसे ब्लैकमेल कर अपने फार्म हाउस में उसका यौनशोषण करता रहा है। पाक्सो एक्ट व अन्य धाराओं के तहत रिपोर्ट दर्ज होते ही पुलिस तुरंत हरकत में आई और सिकंदर को धर दबोचा। सिकंदर के पुलिस हिरासत में आते ही उसके एैसे एैसे राज सामने आने लगे कि उसकी हरकतों से पूरा शहर सन्न रह गया। लोगों को कतई अंदेशा नहीं था कि एक सायबर कैफे चलाने वाला सिकंदर इतना शातिर और करोड़ों का आसामी निकलेगा। पुलिस ने उसे रिमांड में लेकर पूछताछ की तो वह एक एक राज खोलता गया। सिकंदर ने जो पूछताछ में बताया उसी के आधार पर पुलिस ने उसके ठिकानों पर दविश देनी शुरू की। सबसे पहले पुलिस ने नजीराबाद में बने उसके एैशगाह फार्महाउस की तलाशी ली। तलाशी में 50 ब्लैंक चेक के अलावा कुछ आपत्तिजनक सामग्री और शहर भर के रसूखदार सियासतदारों के लैटरपैड बरामद हुए। इसके बाद पुलिस ने रीवा रोड स्थित सायबर कैफे और सिकंदर के पैतृक मकान पर भी तलाशी अभियान चलाया, और सूदखोरी से संबंधित दस्तावेज बरामद किये।

प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया फार्म हाउस

पुलिस की जांच पड़ताल ने रफ्तार तब पकड़ी जब प्रशासन ने तफ्तीश में पाया कि सिकंदर उर्फ समीरखान का फार्महाउस अवैध है। आनन फानन में प्रशासन ने सिकंदर के परिजनों को 24 घंटे की मोहलत देते दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। परिजनों ने जो दस्तावेज प्रस्तुत किये उन्हें प्रशासन ने पर्याप्त नहीं माना और नोटिस चस्पा करने के बाद फार्म हाउस को नेस्तनाबूद कर दिया।

भोपाल में भी तलाशी

छापे के दौरान पुलिस को जो दस्तावेज हाथ लगे उनमें यह जानकारी लगी की सिकंदर का भोपाल के पाश इलाके कोलार में एक फ्लैट है और बैंक में लाकर भी है। पुलिस ने जब लाकर को खंगाला तो वहां से पैन ड्राइव, और धर्म परिवर्तन कर शादी करने व तलाक के कागजात बरामद हुए। इसके बाद पुलिस ने सतना के आईडीबीआई बैंक के लाकर को खोला तो उसने 70 हजार की नगदी, कुछ सीडीयां , साइन किये हुए कोरे स्टांप व जमीन की रजिस्ट्रियां बरामद हुईं। जांच पड़ताल में यह जानकारी भी सामने आई कि सिकंदर ने अपने सियासी रसूख के बूते शहर के कई लोगों को सूदखोरी के जाल में फंसा रखा है। गौरतलब है कि सिकंदर के कारनामों की लंबी फेहरिश्त को देखते हुए पुलिस कप्तान रियाज इकबाल ने एसआईटी बना दी थी, जिससे जांच में और तेजी आ गई।

आज क्या हुआ

थाना कोलगवां के अपराध क्र0 1104/2020 धारा 376(2) (झ)(ढ) 323 , 506 भादवि 0 एवं पाक्सो एक्ट की धारा 5(ठ)/6 में आरोपी मो0 अतीक मंसूरी उर्फ समीर उर्फ सिंकदर खान तनय मो0 निजामुद्दीन निवासी नजीराबाद सतना को पुलिस रिमांड पश्चात विहित समयावधि में थाना कोलगवां में पदस्थ अनुसंधानकर्ता अधिकारी उपनिरीक्षक रीता त्रिपाठी द्वारा विशेष न्यायालय (पाक्सो एक्ट) में पेश किया गया जहां से उक्त आरोपी को दिनांक 1 अक्टूबर तक की न्याययिक अभिरक्षा में जेल वारण्ट बनाकर जेल भेजा गया । राज्य की ओर एडीपीओ धर्मेन्द्र सिंह उपस्थित होकर राज्य का पक्ष रखा । इसी प्रकार थाना कोलगवां के अपराध क्रमांक 1108/2020 धारा 420, 467, 468, 471, भादवि के अन्तार्गत उक्त आरोपी को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सतना के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया । जहां से उसे दिनांक 01/10/2020 तक के लिये न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया । राज्य की ओर एडीपीओ हरिकृष्ण त्रिपाठी उपस्थित होकर राज्य का पक्ष रखा ।
इसके पश्चात आरोपी सिंकदर खान को थाना कोतवाली के अपराध क्र0 522/2020 धारा 177, 419, 420 भादवि के अन्तर्गत न्यायालय पार्थ शंकर मिश्र जे0एम0एफ0सी0 सतना के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया । जहां से उसे दिनांक1 अक्टूबर तक के लिये न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया । अभियोजन प्रवृक्ता हरिकृष्ण त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि थाना कोलगवां के अपराध क्रमाकं 1104/2020 की विवेचना के दौरान उक्त आरोपी के कब्जे से पासपोर्ट एवं शस्त्र लाइसेंस में अग्रिम कार्यवाही का पत्र थाना सिटी कोतवाली में प्राप्त होने पर थाना प्रभारी सिटी कोतवाली के द्वारा थाना अभिलेख का अवलोकन किया गया । तो आरोपी के विरूद्ध वर्ष 2002 में थाना सिटी कोतवाली में धारा 307/34 भादवि के अपराध में आरोपी द्वारा अपना नाम सिंकदर खान पिता निजामुद्दीन खान , अपराध क्रमांक 123/2008 धारा 324 में अपना नाम समीर खान उर्फ सिकंदर खान पिता निजामुद्दीन खान अपराध 598/2008 धारा 294, 323, 506 /34 भादवि में अपना नाम समीरखान उर्फ सिकंदर खान उर्फ गनी उर्फ अतीक लेख करवाया गया था । आरोपी द्वारा वर्ष 2018 में मो0 अतीक मंसूरी के नाम से शस्त्री लाइसेंस के नाम से आवेदन किया गया था जिसके सत्यापन के दौरान उसके विरूद्ध मो0 अतीक मंसूरी के नाम से कोई अपराध पंजीबद्ध होना नहीं पाया गया था क्योकि आरोपी द्वारा पूर्व में दर्ज सभी अपराधो में अपना फर्जी नाम बताया गया था । इस कारण से आरोपी के विरूद्ध धारा 177, 419, 420 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया ।

 

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