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कैंप लगाकर करें 21 प्रकार की नि:शक्तता के दिव्यांगजनों की पहचान – संदीप

आयुक्त नि:शक्तजन ने ली अधिकारियों की एडवोकेसी बैठक

सतना,भास्कर हिंदी न्यूज/आयुक्त नि:शक्तजन भोपाल संदीप रजक ने कहा कि सभी दिव्यांगजनों की पहचान के लिये जिले में समग्र विस्तार वाले क्षेत्रों को 9 क्लस्टर में बांटकर मार्च महीने में लगातार कैंप आयोजित करें। इन कैंपो में निर्धारित 21 प्रकार की नि:शक्तता वाले दिव्यांगजनों को चिन्हांकित कर उन्हें यूडीआईडी कार्ड उपलब्ध करायें। आयुक्त नि:शक्तजन बुधवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला अधिकारियों की एडवोकेसी बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर कलेक्टर अजय कटेसरिया, नवागत सीईओ जिला पंचायत हरेन्द्र नारायण, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र कुमार जैन, सिविल सर्जन डॉ पीके पाठक, प्रभारी उप संचालक सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण सौरभ सिंह भी उपस्थित थे।

आयुक्त नि:शक्तजन ने बताया कि पहलें दिव्यांगों के लिये सात प्रकार की नि:शक्तताये शामिल थीं। अब कुल 21 प्रकार की नि:शक्ततायें शमिल कर ली गई हैं। जिले में आगामी माह इन 21 प्रकार की नि:शक्तता के अनुरूप दिव्यांग श्रेणी के लाभ से वंचित नि:शक्तजनों की पहचान कर उन्हें दिव्यांगजनों को मिलने वाली सेवाओं, सुविधाओं का लाभ प्रदान करें। उन्होने कहा कि अभी जिले में 20 हजार 425 दिव्यांग पंजीकृत है। जिन्हें योजनाओं, कार्यक्रमों का लाभ मिल रहा है। सर्वे उपरांत यह संख्या बढ़ भी सकती है। आयुक्त नि:शक्तजन ने दिव्यांगजनों के यूडीआईडी कार्ड के संबंध में जानकारी लेते हुये बताया कि किसी भी दिव्यांगजन के लिये यूडीआईडी कार्ड उसके आधार कार्ड की तरह ही महत्वपूर्ण है। जिले में 30 हजार 931 यूडीआईडी के आवेदनों में 15 हजार 400 कार्ड दिये गये हैं। शेष रिजेक्ट आवेदनों को 9 समग्र विस्तार अधिकारियों में बराबर बांटकर परीक्षण कराने का लक्ष्य दिया जाये। आयुक्त नि:शक्तजन श्री रजक ने कहा कि सतना जिले में दिव्यांगजनों के यूडीआईडी कार्ड बनाने में अच्छा काम हुआ है। नि:शक्तजन की योजनाओं एवं दिव्यांगजनों को सुविधाओं के बारे में सभी विभागों के अधिकारी पूरी तरह अवगत रहें और सम्मिलित प्रयास से दिव्यांगजनों को सेवाओं, सुविधाओं और शासकीय योजनाओं का लाभ दिलायें।

आयुक्त नि:शक्तजन श्री रजक ने कहा कि सभी विभागों द्वारा दिव्यांगजनों के लिये विभागीय सेवाओं, योजनाओं में दी जा रही छूट और विशेष रियायती सुविधाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाना चाहिये। उप संचालक समाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण सौरभ सिंह ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण काल में दिव्यांगजनों के लिये अनेक गतिविधियां और हस्तक्षेप संचालित कर उन्हें राहत और सुविधाये दी गई हैं। इस दौरान 15 हजार नि:शक्तजन प्रमाण-पत्र दिये गये हैं। पेंशन योजनाओं में दिव्यांगजनों का शत-प्रतिशत सत्यापन और एलिम्को के सहयोग से 374 हितग्राहियों को सहायक उपकरण प्रदान किये गये है। एलिम्कों के माध्यम से आवश्यक उपकरण एवं सुविधा जुटाने नि:शक्तजन चिन्हांकन, मेडीकल कैंप के माध्यम से 1400 दिव्यांगजनों की पहचान भी की गई है। परिवहन अधिकारी संजय श्रीवास्तव ने बताया कि दिव्यांगजनों को यूडीआईडी कार्ड दिखाने पर प्राइवेट बसों के किराये में 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है तथा बसों में दिव्यांगजनों के लिये 5 सीटों का आरक्षण भी रखा जा रहा है। आयुक्त नि:शक्तजन ने कहा कि मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जिसने यूडीआईडी कार्ड के माध्यम से दिव्यांगजनों को सीधे लाभ देना शुरू किया है। उन्होने कहा कि जब तक सभी दिव्यांगजनों के यूडीआईडी कार्ड नहीं बन जाते, तब तक नि:शक्तता प्रमाण-पत्र के आधार पर भी यह सेवायें की जाये। उन्होने नगर निगम एवं विभागों के अधिकारियों से कहा कि शासकीय, अशासकीय कार्यालय, सार्वजनिक स्थल, बाजार, मॉल, सिनेमाघर में दिव्यांगजनों के सुगम आवागमन के लिये रैम्प अथवा लिफ्ट और प्रसाधन की सुविधा सुनिश्चित होनी चाहिये। उन्होने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को दिव्यांगजनों के लिये हेल्पलाईन सेवा के लिये शहर के प्रमुख थाने में महिला डेस्क के साथ दिव्यांग डेस्क भी संचालित करने का सुझाव दिया।

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