Due to the stall of RERA:digi desk/BHN/ केंद्रीय बजट में रियल इस्टेट सेक्टर की मजबूती के लिए घोषित अफोर्डेबल हाउसिंग से होने वाले लाभ से मध्य प्रदेश वंचित होने वाला है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां रियल इस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) प्रमुख पदों के रिक्त होने की वजह से ठप पड़ा है। मध्य प्रदेश शासन की जिम्मेदारी है कि शीघ्रतिशीघ्र रेरा के रिक्त पद भरे जाएं। इस सिलसिले में नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर के प्रांताध्यक्ष डॉ.पीजी नाजपांडे ने मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन को लीगल नोटिस भेज दिया है। रियल इस्टेट नियामक प्राधिकरण के नियम-पांच के तहत रेरा को 30 दिनों के भीतर प्रोजेक्ट का पंजीयन करने की अनुमति देना है। लेकिन रेरा के चेयरमैन, तकनीकी सलाहकार, आईटी एक्सपर्ट सहित अन्य अहम पद रिक्त पड़े हैं। इस वजह से आवेदनों पर निर्णय प्रतीक्षित है।
आलम यह है कि रियल इस्टेट सेक्टर की मजबूती के लिए घोषित अफोर्डेबल हाउसिंग से लाभ की सौगात वाला महत्वाकांक्षी बजट प्रस्तुत होने के पूर्व से ही रेरा के ठप पड़े होने से राज्य में 300 से अधिक प्रोजेक्ट को अनुमति नहीं मिल सकी है। इस वजह से बजट में छूट का प्रविधान होने के बावजूद कारोबारी नए प्रोजेक्ट की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। उन्हें बिना अनुमति लटके रह जाने का भय सता रहा है।