सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ वर्षाकाल में जिले में सामान्य औसत वर्षा से कम वर्षा होने तथा सिंचाई इत्यादि कार्यों में भू-गर्भीय जल का अत्यधिक दोहन होने के कारण जिले के समस्त विकासखण्ड एवं नगरीय और शहरी क्षेत्रों के नलकूपों एवं अन्य जल स्त्रोतों के जल स्तर में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। जिससे पेयजल संकट की स्थिति निर्मित होने की संभावना है।
जिले में आसन्न पेयजल संकट की स्थिति पर नियंत्रण के लिये कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी मैहर रानी बाटड ने मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा-3 में प्रदत्त शक्तियों के तहत जनहित में मैहर (राजस्व) जिले के समस्त विकासखण्डों एवं नगरीय, शहरी क्षेत्रों को तत्काल प्रभाव से 30 जून 2024 तक की अवधि के लिये “जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित करने का आदेश जारी किया है। इस अवधि में निजी नलकूप के खनन को पूर्णतः प्रतिबंध किया गया है।
जारी आदेश में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के “जल अभावग्रस्त क्षेत्र में किसी भी शासकीय भूमि पर स्थित जल स्त्रोतों में पेयजल तथा घरेलू प्रयोजनों को छोड़कर अन्य किसी भी प्रयोजनों के लिये नहरों में प्रवाहित जल के अलावा अन्य स्त्रोतों का जल दोहन किन्ही भी साधनों द्वारा जल का उपयोग नही करेगा। जिले के समस्त नदी, नालों, स्टापडैम, सार्वजनिक कुओं तथा अन्य जल स्त्रोतों का उपयोग घरेलू प्रयोजन के लिये किया जायेगा। “जल अभावग्रस्त क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति स्वयं अथवा प्राईवेट ठेकेदार अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के पूर्व अनुज्ञा प्राप्त किये बिना किसी भी प्रयोजन के लिये नवीन नलकूप का निर्माण नही करेगा। यह आदेश शासकीय नलकूप खनन पर लागू नही होगा।
इसी प्रकार जिन व्यक्तियों को अपनी निजी भूमि पर नलकूप खनन कार्य कराना है, उन्हें ऐसा करने के लिये निर्धारित प्रारूप में निर्धारित शुल्क के साथ संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को आवेदन करना होगा। इस कार्य के लिये समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को उनके क्षेत्राधिकार के अंतर्गत सक्षम अधिकारी प्राधिकृत किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी अनुमति देने के पूर्व आवश्यक जांच एवं परीक्षण की कार्यवाही पूर्ण करेंगे तथा अनुमति दिये जाने के संबंध में संबंधित क्षेत्र के सहायक यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से अभिमत या अनुशंसा प्राप्त करनी होगी।
जारी आदेशानुसार सार्वजनिक पेयजल स्त्रोत सूख जाने के कारण वैकल्पिक रूप से दूसरा कोई सार्वजनिक पेयजल स्त्रोत उपलब्ध नही होने पर जनहित में संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) उस क्षेत्र के निजी पेयजल स्त्रोत को “पेयजल परिरक्षण संशोधित अधिनियम 2002 के सेक्सन 4 (ए) तथा 4 (बी) के प्रावधानों के अधीन निश्चित अवधि के लिये अधिग्रहण कर सकेगें। आदेश का उल्लंघन करने पर संबंधित के विरूद्ध “म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 9 एवं भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।
मैहर जिले में पेयजल परिवहन की दरों का निर्धारण
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी मैहर रानी बाटड ने वर्षाकाल में सामान्य औसत वर्षा से कम वर्षा होने तथा सिंचाई इत्यादि कार्यों में भू-गर्भीय जल का अत्यधिक दोहन होने के कारण मैहर जिला को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है। कलेक्टर श्रीमती बाटड ने पेयजल दर निर्धारण समिति की अनुशंसा पर जिले में पेयजल संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिये समस्या मूलक क्षेत्रों में ट्रैक्टर माउंटेड टैंकर के माध्यम से पेयजल परिवहन करने पेयजल परिवहन दर निर्धारण आदेश जारी किया है।
जारी आदेशानुसार स्त्रोत से 3 किलोमीटर की दूरी से टैंकर (क्षमता 5000 लीटर) के माध्यम से पेयजल परिवहन के लिये 450 रुपये प्रति फेरा निर्धारित किया गया है। जबकि 3 किलोमीटर से अधिक दूरी होने पर प्रति फेरा 450 रुपये के अतिरिक्त 50 रुपये प्रति किलोमीटर का निर्धारण किया गया है।
पेयजल परिवहन की शर्तें
▪️ग्राम में पेयजल के अन्य कोई भी सुरक्षित स्रोत न होने की स्थिति में ग्राम पंचायत द्वारा संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को पेयजल परिवहन के लिसे आवेदन प्रस्तुत करना होगा
▪️अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से प्राप्त प्रतिवेदन के उपरांत पेयजल परिवहन की अनुमति प्रदान की जावेगी।
▪️पेयजल परिवहन के लिये स्रोत का निर्माण, स्रोत के जल नमूने का परीक्षण एवं बसाहट तक रूट का निर्धारण लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के संबंधित सहायक यंत्री के माध्यम से कराया जायेगा।
▪️टैंकर के माध्यम से प्रदाय किये जा रहे पेयजल की मात्रा तथा टैंकर के फेरों की संख्या का अनुमोदन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सहायक यंत्री द्वारा किया जायेगा।
▪️ग्राम पंचायत को अधिकतम 15 दिवस पेयजल परिवहन की अनुमति प्रदान की जावेगी। इसके उपरांत ग्राम में पेयजल की स्थिति का आंकलन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कराया जावेगा। आवश्यकता होने पर पुनः परिवहन की अनुमति प्रदान की जावेगी।
▪️परिवहन के माध्यम से पेयजल वितरण व्यवस्था का संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाना होगा।
मैहर जिले में पेयजल संबंधी शिकायतों के लिये कंट्रोल रुम की स्थापना की गई है। जिसका दूरभाष क्रमांक 07674-299252 है।