रीवा भास्कर हिंदी न्यूज़। एक बार फिर अनिल साकेत की पाकिस्तान के लौहार जेल से रिहाई को लेकर स्वजनों में चर्चा तेज हो गई है। उन्होंने बताया कि पुलिस के द्वारा फोन से उनके पुत्र को रिहा किए जाने की जानकारी दी गई है। हालांकि पुलिस अधिकारियों के द्वारा उसके रिहाई को लेकर पुष्टि नहीं की गई है। ज्ञात हो कि गत वर्ष जून माह में केंद्रीय गृह विभाग ने अनिल साकेत के मूल दस्तावेज तलब किए थे। केंद्रीय गृह विभाग से जारी पत्र में अनिल साकेत (20) पुत्र बुद्धसेन साकेत निवासी छदनहाई ग्राम पंचायत मनकहरी थाना नईगढ़ी जिला रीवा मध्य प्रदेश को पड़ोसी देश पाकिस्तान के लाहौर जेल में बंद होना बताया गया था। उसके लाए जाने की तैयारी एक वर्ष से की जा रही हैं। चूकि एक वर्ष पूर्व पाकिस्तान सरकार द्वारा पाकिस्तान के विभिन्नाा जेलों में बंद भारतीय कैदियों की सूची विदेश मंत्रालय के जरिए पाकिस्तान के राजदूत ने भारतीय राजदूत को सौंपी थीं।
क्या है मामला
जिला मुख्यालय से तकरीबन 50 किलोमीटर दूर स्थित छदनहाई निवासी बुद्धसेन साकेत का पुत्र अनिल साकेत 15 जनवरी 2015 में लापता हो गया था। उस समय उनके द्वारा गुमशुदगी नईगढी थाने में दर्ज कराई गई थीं। हालांकि डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी अनील का कोई सुराग नहीं लगा था। जिसके कारण पिता की मानसिक स्थिति खराब हो गई थी। वहीं नईगढ़ी पुलिस ने बताया कि अनिल का डेढ़ साल तक इंतजार करने वाली उसकी पत्नी सीमा साकेत पहले तो पति को खोजने के लिए काफी प्रयास किया। लेकिन जब वह नहीं मिला तो उसने पुलिस विभाग के आला अधिकारियों से मुलाकात कर पति को खोजने की अपील भी की थीं। लेकिन नतीजा शून्य रहा।
बीवी ने कर ली दूसरी शादी
सीमा साकेत अपने पति का इंतजार 3 वर्षों तक करती रही। जब पति का कोई पता नहीं चला तो स्वजनों के दबाव में आकर उसने गांव के ही दूसरे युवक से विवाह रचा लिया था। केंद्र सरकार के गृह विभाग के पत्र के बाद हरकत में आई पुलिस जब दस्तावेज लेने अनिल साकेत के घर से ले गई थी। तब से उसकी मां अपने पुत्र के आने का इंतजार कर रही है। लापता पुत्र के गम में मां पथराई आंखों में चमक है। घर के लोगो ने केंद की मोदी सरकार को धन्यवाद करते हुए कहते है कि उनके पुत्र को सकुशल घर लाने की पहल सरकार के द्वारा की गई।