उमरिया, मानपुर, भास्कर हिंदी न्यूज़/ बुधवार की रात एक ग्रामीण की जान लेने वाला हत्यारा हाथी गुरुवार की शाम को सोन नदी पार करके शहडोल जिले के जयसिंहनगर वन परिक्षेत्र में प्रवेश कर गया। हालांकि अभी इसमें राहत की बात इसलिए नहीं मानी जा रही है क्योंकि हाथी वापस भी लौट कर आ सकता है और जिस स्थान पर उसने प्रवेश किया है वहां भी वह लोगों को नुकसान पहुंचा सकता है।
दोपहर तक हाथी बहुत पास में डटा हुआ था। वन विभाग का अमला लगातार हाथी की निगरानी कर रहा। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार की दोपहर तक यह हाथी बड़ार-रक्सा के बीच ग्राम भरमिला में जमा हुआ था। ग्राम भरमिला निवासी बिसन गोंड ने बताया कि जंगली हाथी उसके घर के पीछे कुछ दूरी पर स्थित डोंगरिया पर चढ़ा हुआ दिखाई दे रहा था।
यह क्षेत्र बिजौरी से भी लगा हुआ है। कुल मिलाकर इस हाथी के आंतक के साय में कई गांव आ गए थेएक दिन पहले ग्रामीण की ली थी जानइस जंगली हाथी के हमले में मानपुर के प्रतिष्ठित नागरिक अंबिका प्यासी के बड़े भाई, प्रतिष्ठित समाजसेवी देव माता दुर्गा मन्दिर मढिया धाम कमेटी मानपुर के अध्यक्ष अरुणोदय प्यासी उम्र 65 वर्ष की दर्दनाक मौत हो गई थी।
इस घटना में मृतक के मासूम पोते को भी चोट पहुंची थी। बताया जा रहा है कि हाथी ने मासूम नयन कुमार पयासी का पीछा किया था और उसे सूंड़ से पकड़कर उठाने की कोशिश की थी। जब वह पकड़ में नहीं आया तो जंगली हाथी ने सूंड़ से धक्का देकर उसे गिरा दिया।अंधेरे के कारण जमीन पर गिरा नयन हाथी को नजर नहीं आया। फिर उसने भागते हुए अरुणोदय प्यासी को देखा और उन्हें सूंड़ से पकड़कर उठा लिया। इसके बाद उन्हें जमीन पर पटक दिया जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
जंगल से घुसा खेतों मेंयह जंगली हाथी राजेन्द्र सिंह के बाड़े के आसपास रहा था। यहाँ आसपास के क़ई गांव जिसमे दुलहरा, कछौन्हा, बांसा,घघोर सहित क़ई गांव में घुसकर खेतों को नुकसान पहुंचा रहा था। जिसकी जानकारी भी वन अमले को दी गई थी।जिसके बाद वन अमला निगरानी भी कर रहा था। बुधवार की सुबह वन क्षेत्र से जंगली हाथी गांव में प्रवेश कर गया है और खेतों में घुसकर कोहराम मचा रहा था। इसी दौरान जंगली हाथी ने 65 वर्षीय वृद्ध अरुणोदय पयासी पर हमला कर उन्हें मौत की नींद सुला दिया था। झुंड से हुआ अलगइस जंगली हाथी को लेकर तरह-तरह की कहानियां भी प्रचलित हो रही हैं।
यह हाथी झुंड से अलग हो चुका है और अन्य जंगली हाथी इसे अपने साथ नहीं रख रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि यह हाथी बांधवगढ़ के हाथियों में से ही अलग हुआ है जबकि कुछ लोग बता रहे हैं यह जंगली हाथी शहडोल जिले के गोहपारू की तरफ से भटक कर यहां पहुंचा है। झुंड से अलग होने के कारण यह हाथी बेहद तनावग्रस्त और गुस्सैल नजर आ रहा है।
किसी को भी देखने के साथ यह उन्हें दौड़ाने लगता है। लगातार हमलागौरतलब है कि दंतैल हाथी लंबे समय से क्षेत्र मे आतंक का पर्याप्त बना हुआ है। जो लोगों को देखते ही दौड़ कर नकेवल उन पर हमला करता है, बल्कि आसपास के घर, मोहल्लों और रिसोर्ट आदि में घुस कर उत्पात भी मचाता है।
स्थानीय लोग बताते हैं कि जब यह हाथी अपने पर आता है, तो इस पर शोर, पटाखों का भी कोई असर नहीं होता। यह पूरी मनमानी करने के बाद ही लौटता है।पार्क के एसडीओ श्री उप्पल ने बताया कि हाथियों को नियंत्रित करने विभागीय अमला मौके पर है। इस हादसे के बाद क्षेत्र मे भय और तनाव व्याप्त है। मृतक के शव का पीएम कराने की तैयारी की जा रही है।