सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित हायर सेकेण्डरी व्यावसायिक सर्टिफिकेट परीक्षा और हायर सेकेण्डरी (अंध, मूक बधिर श्रेणी) परीक्षा 2021 के परीक्षा परिणाम 29 जुलाई को दोपहर 12 बजे घोषित किए जाएंगे। मंडल ने विद्यार्थी और अभिभावकों के लिए विभिन्न पोर्टल के माध्यम से परीक्षा परिणाम जानने की सुविधा उपलब्ध करायी है। विद्यार्थी और अभिभावक एमपी बोर्ड के पोर्टल https://mpbse.mponline.gov.in, www.mpbse.nic.in पर परीक्षा परिणाम देखें।
मोबाइल एप पर देखे परीक्षा परिणाम- सभी विद्यार्थी MPBSE MOBILE ऐप या MP Mobile ऐप पर ‘Know Your Result’ का चयन करने के बाद अपना अनुक्रमांक और आवेदन क्रमांक दर्ज कर परीक्षा परिणाम जान सकेंगे।
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति एवं आवास सहायता योजना, 31 जुलाई तक कर सकते हैं ऑनलाईन आवेदन
अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति एवं आवास सहायता योजना के ऑनलाईन आवेदन के लिए पोर्टल MPTAAS वर्तमान में खुला हुआ है और यह पोर्टल 31 जुलाई तक आवेदन स्वीकार करेगा।
आयुक्त आदिवासी विकास भोपाल ने बताया है कि अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति एवं आवास सहायता योजना के ऑनलाईन आवेदन की प्रक्रिया MPTAAS पोर्टल पर वर्तमान में चालू है। उन्होंने कहा कि पात्र विद्यार्थी 31 जुलाई तक पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति 2020-21 के लिए पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। इसी प्रकार आवास सहायता योजना की द्वितीय किश्त माह जनवरी से जून के लिए अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थी दी गई समय सीमा में ऑनलाईन उक्त पोर्टल पर ही आवेदन कर सकेंगे।
जल संसाधन मंत्री ने प्रदेश के बांधो में जल-भराव की स्थिति की समीक्षा की
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बाँधो, और नहरों में जल-भराव और अतिवृष्टि की स्थिति से निपटने की तैयारियों पर अपर मुख्य सचिव श्री एस.एन. मिश्रा और विभागीय अधिकारियों से चर्चा की।
बैठक में विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए की प्रदेश के सभी बड़े बाँधों/बैराजों/नहरों की सतत् निगरानी की जाये और कहीं भी अतिवृष्टि से नहरों के टूटने की सूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाये।
मंत्री श्री सिलावट ने प्रमुख अभियंता को निर्देश दिए की अतिवृष्टि की स्थिति से निपटने के लिए अधीक्षण यंत्री स्तर के अधिकारियों की कमेटी गठित की जाये और भोपाल में एक राज्य स्तरीय कन्ट्रोल रूम बनाया जाये। विभाग के अधिकारी सतत् रूप से जिला स्तरीय आपदा नियंत्रण समिति के साथ समन्वय स्थापित करें और लगातार संपर्क में रहें। उन्होंने कहा कि बाढ़ और नहरों में पानी छोड़ने के पूर्व सभी जानकारी कलेक्टर और अन्य संबंधित अधिकारियों को अवश्य दें। किसी बांध या नहर के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में आपदा नियंत्रण की त्वरित कार्यवाही भी की जाए।