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Satna: शहर के सौन्दर्यीकरण और विकास कार्यों को मूर्त रूप दें-प्रतिमा बागरी

नगरीय प्रशासन राज्यमंत्री ने अधिकारियों की ली बैठक


सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ के नगरीय प्रशासन एवं आवास राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी ने कहा कि सतना शहर के सौन्दर्यीकरण और नगरीय विकास के कार्य गुणवत्तापूर्ण ढंग से समय-सीमा में पूर्ण किये जायें। उन्होंने कहा कि जिले के निर्माणाधीन और विकास कार्य पूरी गुणवत्ता के साथ पूरे किये जाने चाहिए। राज्यमंत्री शनिवार को सायं काल सर्किट हाउस में नगर निगम एवं अन्य विकास और निर्माण विभागों के अधिकारियों की बैठक में निर्माणाधीन और प्रस्तावित विकास कार्यों की समीक्षा बैठक ले रही थी। इस मौके पर उपायुक्त नगर निगम भूपेन्द्र देव परमार, अध्ीक्षण यंत्री विद्युत जीडी त्रिपाठी, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन आर एस नट, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण बीआर सिंह, कार्यपालन यंत्री पीएचई शरद सिंह, एसडीईओ सेतु निगम दिव्यानी सिंह भी उपस्थित थे।
राज्यमंत्री श्रीमती बागरी ने स्मार्ट सिटी और नगर निगम की समीक्षा के दौरान कहा कि सतना शहर में भी रिवर फ्रंट और ईको पार्क जैसी परियोजनाओं के लिए स्थान चिन्हित किये जायें। सर्किट हाउस को विकसित करने का प्रोजेक्ट तैयार करें। नगर निगम एवं जिले की सभी नगरीय निकाय संस्थायें स्वच्छता के कार्यों में बढ़-चढ़कर कार्य करते हुए अपने शहर को स्वच्छता में अच्छी रैंक लाने का प्रयास करें। उपायुक्त नगर निगम भूपेन्द्र देव परमार ने बताया कि स्मार्ट सिटी सतना के अंतर्गत 72 प्रोजेक्ट स्वीकृत किये गये है। जिनमें 41 प्रोजेक्ट पूरे हो गये हैं। शेष प्रगति पर है। खेल सुविधाओं के विस्तार के तहत दादा सुखेन्द्र सिंह स्टेडियम के अन्दर रेनोवेशन के कार्य किये जा रहे है। इसी प्रकार धवारी स्टेडियम का भी विकास किया जा रहा है। राज्यमंत्री ने कहा कि सिविल लाइन एरिया में कोठी चौराहा हेलमेट की संरचना के पास गार्बेज स्टोरेज सिफ्ट कराया जाये। जल संसाधन विभाग से जिले में बनाये जा रहे बड़े बांधों की जानकारी ली गई राज्यमंत्री ने पारम्परिक उर्जा और उर्जा विभाग के समन्वय से जिले में सोलर प्लांट स्थापित करने की संभावनाओं को तलाश करने के निर्देश दिये। राज्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट सिटी इन्क्यूवेशन सेंटर का बेहतर उपयोग किया जाना चाहिए। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार महाविद्यालयीन छात्रों के बीच किया जाकर उपयोगिता साबित करें। उन्होंने कहा कि शहर में सड़कों पर आवारा विचरने वाले पशुओं की व्यवस्था के लिए योजना बनायें। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के कार्यपालन यंत्री ने बताया कि जिले के तीन ब्लाकों में 220 नल जल योजनायें स्वीकृत है। जिनमें से 149 नल जल योजनायें पूरी कर ली गई है। विभाग को हैण्डपम्पों के शीघ्र सुधार कराने के निर्देश दिये गये। राज्यमंत्री श्रीमती बागरी ने सभी विकास और निर्माण विभागों से प्रस्तावित कार्यों के शासन को भेजे गये प्रस्तावों के बारे में जानकारी लेकर शासन स्तर पर आवश्यक पहल करने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रति सप्ताह शनिवार को विकास और निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की जायेगी।

हर परिवार को विकसित करने की गारंटी है विकसित भारत संकल्प यात्रा- राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी

सोहावल विकासखंड की विकसित भारत संकल्प यात्रा में शामिल हुईं राज्यमंत्री

नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि देश को वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की गारंटी ही विकसित भारत संकल्प यात्रा है। हर परिवार को विकसित करने की गारंटी को आखरी व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास “विकसित भारत संकल्प यात्रा” है। राज्यमंत्री श्रीमती बागरी सोहावल विकासखंड के गांव करहीकोठार और अहिरगांव में आयोजित विकसित भारत संकल्प यात्रा को संबोधित कर रही थीं। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं आम नागरिक उपस्थित रहे।
राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विकसित भारत का जो संकल्प लिया है उसके लिए जरुरी है कि शासन की योजनाओं से कोई भी वंचित नहीं रहे। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश में गरीबों के कल्याण के लिए अभूतपूर्व कार्य किये है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अंचल के दूरस्थ क्षेत्रों में कच्चे मकान में रहने वाले परिवार को पक्की छत का मकान मिलने की खुशी और आत्मिक आनंद की अनुभूति सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण ने पूरी की है। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान आयुष्मान योजना ने महंगे उपचार को भी आम आदमी के लिए सुलभ करा दिया है। आजीविका मिशन ने महिला सशक्तिकरण के आर्थिक आयाम के साथ ही साथ महिलाओं के सामाजिक आत्म सम्मान को भी मजबूत बनाया है। उन्होंने स्व-सहायता समूह की महिला की अनुभवों का उल्लेख करते हुए कहा कि समूह में शामिल होने से पहले जो महिलाये घर से निकलने में भी संकोच करती थी, आज अकेले यात्राएं कर रही हैं। इस अवसर पर राज्यमंत्री श्रीमती बागरी ने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को हितलाभ भी वितरित किये। उन्होने उपस्थित जनों को विकसित भारत के निर्माण का संकल्प भी दिलाया।
इसी प्रकार शनिवार को जिले में विकसित भारत संकल्प यात्रा नागौद विकासखंड के ग्राम बचबई, सितपुरा, इटमा, लालपुर, मझगवां विकासखंड के नयागांव, मरवा, उचेहरा विकासखंड के बंदरहा, इटहाखोचार्रा तथा रामपुर बघेलान विकासखंड के ग्राम बकिया तिवरियान और बकिया बैलो पहुंची। यहां पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने विकसित भारत संकल्प यात्रा के कार्यक्रम में शासन की योजनाओं की जानकारी आमजनों को दी। साथ ही विभिन्न विभागों द्वारा स्टाल लगाकर योजना का लाभ लेने के लिये आवेदने करने वाले लोगों के आवेदन पत्र भी लिये गये।

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में प्रवेश हेतु 8 जनवरी तक होंगे ऑनलाइन आवेदन
11 फरवरी को होगी परीक्षा

जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित प्रदेश के विशिष्ट आवासीय विद्यालयों में कक्षा 6वीं की 8447 सीटों की प्रवेश परीक्षा के लिए 8 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन किए जा सकेंगे। 11 फरवरी 2024 को सुबह 10 बजे होने वाली परीक्षा के लिए 29 जनवरी से प्रवेश पत्र डाउनलोड किए जा सकेंगे।
भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन प्रदेश में संचालित 63 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में 6वीं कक्षा में 1795 बालकों एवं 1820 बालिकाओं सहित कुल 3615 सीटें हैं। वहीं, प्रदेश के 81 कन्या शिक्षा परिसरों में कुल 4552 बालिकाओं और 8 आदर्श आवासीय विद्यालयों में कुल 280 सीटें उपलब्ध हैं। मेरिट सूची में चयनित होने एवं न्यूनतम योग्यता पाने वाले विद्यार्थी अपने विकल्प के अनुसार विद्यालयों में रिक्त सीट के विरुद्ध प्रवेश के लिये पात्र होंगे। विभागीय वेबसाइट ूूण्जतपइंसण्उचण्हवअण्पदध्डच्ज्।।ै पर ऑनलाइन आवेदन किए जा सकते हैं।
पी.वी.टी.जी. व कोविड में माता-पिता को खो चुके विद्यार्थियों हेतु आरक्षण
इन विद्यालयों में प्रवेश हेतु विशिष्ट पिछड़ी जनजाति (बैगा, भारिया और सहरिया), विमुक्त जनजातियां और घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ समुदाय के विद्यार्थियों के लिये सीटें आरक्षित की गईं हैं। साथ ही वे बच्चे, जिन्होंने अपने माता-पिता को वामपंथी उग्रवाद/उग्रवाद या कोविड आदि के कारण खो दिया है, उनके लिए भी सीटें आरक्षित रखी गई हैं। विधवा महिला की संतान, दिव्यांग माता-पिता की संतान, अनाथ या भूमिदाता वर्ग (जिन्होंने विद्यालय भवन के निर्माण के लिए भूमि दान की हो) के विद्यार्थियों के लिए भी सीटें आरक्षित की गईं हैं। विभाग द्वारा इन विशिष्ट आवासीय विद्यालयों का संचालन प्रदेश के जनजातीय बाहुल्य जिलों व विकासखंडों में विशेष रूप से किया जाता है। विभाग की मध्यप्रदेश स्पेशल एण्ड रेसीडेंशियल एकेडमिक सोसायटी (एमपीसरस) के अधीन ये संस्थान संचालित किये जाते है।

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