सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ सर्वोच्च न्यायालय ने केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम-1995 और केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम-1994 के प्रावधानों द्वारा रेखांकित किए गए प्रावधान अनुसार किसी भी केबिल ऑपरेटर को ऐसे किसी भी विज्ञापन को प्रसारित या पुनः प्रसारित करने से प्रतिबंधित किया गया है। जो निर्धारित कार्यक्रम कोड और विज्ञापन कोड के अनुरूप नहीं है। जिससे धर्म, नस्ल, भाषा, जाति या समुदाय या किसी भी अन्य आधार पर शत्रुता को बढ़ावा देने की संभावना हो, धर्म, नस्लीय, भाषाई या क्षेत्रीय समूहों या जातियों या समुदायों के बीच वैमनस्य या शत्रुता, घृणा या द्वेष की भावना या सार्वजनिक शांति भंग होने की संभावना हो।
केबिल सेवा में प्रदर्शित किया जाने वाला कोई भी विज्ञापन देश के कानूनों के अनुरूप होना चाहिए और ग्राहकों की नैतिकता, शालीनता और धार्मिक संवेदनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए। टेलीविजन नेटवर्क नियम-1994 के प्रावधानों अनुसार किसी भी ऐसे विज्ञापन की अनुमति नहीं दी जाएगी जो किसी भी “जाति, वर्ण, रंग, पंथ और राष्ट्रीयता का उपहास करता हो, भारत के संविधान के किसी भी प्रावधान के विरुद्ध हो और लोगों को अपराध के लिए उकसाता हो, अव्यवस्था या हिंसा का कारण बनता हो या कानून का उल्लंघन करता हो, हिंसा या अश्लीलता का किसी भी प्रकार से महिमामंडन करता हो“। इसके अतिरिक्त, राजनीतिक विज्ञापनों को प्रमाणित करते समय अन्य देशों की आलोचना, धर्मों या समुदायों पर हमला, कोई भी अश्लील या अपमानजनक बात, हिंसा के लिए उकसाना, न्यायालय की अवमानना के समान कोई भी बात, राष्ट्रपति एवं न्यायपालिका की अखंडता के खिलाफ लांछन, राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता को प्रभावित करने वाली कोई भी बात जो किसी के भी नाम से व्यक्तिगत आलोचना की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
राजनीतिक विज्ञापनों को प्रमाणित करते समय राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों के लिए ’क्या न करें’ में आदर्श आचार संहिता के अंश के रूप में उल्लेखित प्राचल (पैरामीटर) का भी ध्यान रखना होगा। चुनाव अभियान के लिए मंदिरों, मस्जिदों, चर्चों, गुरुद्वारा या किसी भी पूजा स्थल या धार्मिक पाठ प्रतीकों या पोस्टर, वीडियो, ग्राफिक्स, संगीत आदि में नारे का उपयोग और रक्षा कर्मियों की तस्वीरें और रक्षा कर्मियों से जुड़े समारोहों की तस्वीरें तथा अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं की निजी जीवन का कोई पहलू, जो सार्वजनिक गतिविधियों से जुड़ा नहीं हो, उसकी आलोचना नहीं की जाएगी। असत्यापित आरोपों या विरूपण के आधार पर अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की कोई आलोचना नहीं की जाएगी।
जिला स्तर पर अनुमति जारी करने अधिकारी नियुक्त
विधानसभा निर्वाचन 2023 के दौरान राजनैतिक दलों द्वारा जिला स्तर पर अनुमति प्राप्त करने के लिये प्रस्तुत किये गये आवेदनों को स्वीकृत करने उप जिला निर्वाचन अधिकारी ऋषि पवार ने सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी मुकेश निगम एवं आरएईओ भूपेंद्र बहादुर सिंह की ड्यूटी जिला निर्वाचन कार्यालय में लगाई है। नियुक्त अधिकारी जिला स्तरीय अनुमति जारी करने के लिये उत्तरदायी होंगे।
नाम-निर्देशन पत्र अवकाश के दिनों में जमा नहीं होंगे
विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिये सतना और मैहर जिले की सभी सातों विधानसभा क्षेत्रों के लिये नाम-निर्देशन पत्र प्राप्त करने कार्य 21 अक्टूबर से प्रारंभ हो चुका है। नाम-निर्देशन पत्र 30 अक्टूबर तक प्राप्त किये जायेंगे। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार 24 अक्टूबर दशहरा (विजयादशमी), 28 अक्टूबर महर्षि वाल्मीकी जयंती और 29 अक्टूबर को रविवार होने के कारण नाम-निर्देशन पत्र जमा नहीं होंगे।