- हार को भोपाल में तैयार कराया गया है
- एक लाख 20 हजार रुपये की कीमत का हार मां पार्वती को धारण कराया जाएगा
- दोनों सोने के हार दान दाताओं से मिली राशि से बनवाए गए हैं
Vrat tyohar shardey navratri mother bhavani will wear a gold necklace weighing 15 tola: digi desk/BHN/भोपाल/ श्री सोमवारा जय मां भवानी मंदिर समिति द्वारा मां कर्फ्यू वाली का 41वां स्थापना दिवस 20 अक्टूबर शारदेय नवरात्र में मनाया जाएगा। इस दिन मां भवानी को 15 तोला वजनी करीब नौ लाख रुपये का सोने का हार चढ़ाया जाएगा। हार को भोपाल में तैयार कराया गया है। साथ ही दो तोला वजनी करीब एक लाख 20 हजार रुपये की कीमत का हार मां पार्वती को धारण कराया जाएगा।
दोनों सोने के हार दान दाताओं से मिली राशि से बनवाए गए हैं। श्री मां भवानी मंदिर समिति के अध्यक्ष रमेश सैनी व सचिव जगदीश जोशी ने बताया कि रविवार 15 अक्टूबर को नवरात्र के पहले दिन घट स्थापना एवं ज्वारों का रोपण कर माताजी का आह्वान किया जाएगा।
शुक्रवार 20 अक्टूबर को 41 वें स्थापना दिवस के अवसर पर राजधानी की विभिन्न धार्मिक पीठों के पीठाधीश्वरों एवं संत- महंतों के द्वारा माता कर्फ्यू वाली को बंगाली कारीगरों के द्वारा तैयार किए गए 15 तोले का स्वर्ण हार एवं माता पार्वती को दो तोले का स्वर्ण हार धारण कराया जाएगा इस अवसर पर सभी संतों का सम्मान भी होगा।
-वस्त्रों की बुकिंग फुल
नवरात्र में नौ दिनों तक माता रानी को नई पोशाक धाराण कराई जाती हैं। जिसकी बुकिंग एक माह पहले से शुरू हो चुकी है। अभी तक श्रद्धालुओं द्वारा नौ दिनों तक की वस्त्र बुक हो चुकी है। समाजसेवी प्रमोद नेता ने बताया कि 41 वर्ष पूर्व सोमवारा के परिसर में स्थापित दुर्गा जी की झांकी में चबूतरा बनाकर मां भवानी की स्थापना की गई थी।
प्रशासन द्वारा मूर्ति जब्त करने के बाद उपजे विवाद से प्रारंभ हुए आंदोलन को प्रशासन संभाल नहीं पाया और एक माह तक कर्फ्यू लगाना पड़ा था प्रशासन ने आखिर में झुकते हुए मूर्ति वापस की तथा विधि विधान से स्थापना भी कराई तभी से अब तक मंदिर के निर्माण एवं अन्य कार्यों की उत्तरोत्तर प्रगति जारी है।
इस मंदिर में विराजित माता जी को कर्फ्यू वाली माता कहा जाता है। इस मौके पर उपाध्यक्ष महेश सैनी, सुभाष रायजादा, आशीष सैनी, मोहित सैनी, प्रवेश जोशी, करण सैनी, चंद्र नारायण मालवीय, सुदामा प्रसाद सराठे, विशाल नामदेव सहित समिति के समस्त पदाधिकारी उपस्थित थे।