सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ जिले के मैहर में संचालित केजेएस सीमेंट कंपनी के प्रबंधन को बड़ा झटका लगा है। मध्य प्रदेश सूक्ष्म एवं लघु मध्यम उद्योग फेसिलिटेशन काउंसिल ने एक कॉन्ट्रैक्टर की याचिका पर केजेएस सीमेंट के खिलाफ फैसला सुनाते हुए कंपनी प्रबंधन को 3 करोड़ 27 लाख रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है।
केजेएस सीमेंट कंपनी के दिल्ली और मैहर सतना के मैनेजिंग डायरेक्टरों के खिलाफ यह याचिका उजस एसोसिएट्स के गुरजीत सिंह सेठी की तरफ से काउंसिल के समक्ष दायर की गई थी। याचिका कर्ता ने याचिका के जरिए काउंसिल में शिकायत दर्ज कराई थी कि क्रेता केजेएस सीमेंट के एमडी ने 29 फरवरी 2020 को सीमेंट मिल क्रमांक 2 बनाने के लिए परचेज ऑर्डर नम्बर 4500024905 जारी किया था। इसके पूर्व इस परचेज ऑर्डर कार्यादेश के विरुद्ध उजस एसोसिएट्स ने 18 दिसंबर 2019 को अपनी मशीनरी कार्यस्थल पर लगा दी थीं।
उजस एसोसिएट्स ने 8 मार्च 2020 को 1 करोड़ 51 लाख 13 हजार 82 रुपए एवं 27 मई 2020 को 20 मार्च 2020 तक किए गए कार्य का 16 लाख 38 हजार 341 रुपए का रनिंग बिल केजेएस सीमेंट प्रबंधन को भुगतान के लिए प्रेषित किया था।लेकिन कंपनी प्रबंधन ने तो बिलों का भुगतान किया और न ही उजस एसोसिएट्स की 1 करोड़ 60 लाख 51 हजार 957 रुपए मूल्य की मशीनरी को अपने परिसर से बाहर वापस ले जाने दिया। उजस एसोसिएट्स ने काउंसिल से बिलों की राशि एवं प्रतिमाह 19 लाख 6 हजार 80 रुपए की दर से मशीनरी का किराया भुगतान कराने का आग्रह किया था।
काउंसिल ने इस मामले में उभय पक्षों की दलीलें सुनने और साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद केजेएस सीमेंट प्रबंधन के खिलाफ फैसला सुनाया है। काउंसिल ने मप्र सूक्ष्म एवं लघु मध्यम फेसिलिटेशन काउंसिल नियम 2017 के नियम 9 के तहत केजेएस सीमेंट प्रबंधन को आदेश दिया है कि वह उजस एसोसिएट्स को मूलधन 1 करोड़ 67 लाख 52 हजार 423 रुपए और ब्याज की रकम 1 करोड़ 2 लाख 49 हजार 4 सौ 87 रुपए समेत कुल राशि 2 करोड़ 70 लाख 1 हजार 910 रुपए का भुगतान करें। इसके अलावा मशीनरी किराए के एवज में भी 57 लाख रुपए कंपनी प्रबंधन को भुगतान करने होंगे। मप्र सूक्ष्म एवं लघु उद्यम सुविधा परिषद के अध्यक्ष एवं सचिव सह उद्योग आयुक्त पी नरहरि ने भुगतान के लिए अनावेदक सीमेंट कंपनी प्रबंधन को 30 दिनों की मोहलत दी है।