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MP: चंद्रयान मिशन की सफलता के बाद भारत अब गगनयान मिशन में एस्ट्रोनाट भेजेगा

  • केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सितंबर के पहले हफ्ते में आदित्य मिशन को लांच किया जा सकता है, जो सूर्य का अध्ययन करेगा
  • मंत्री सिंह ने भारत के विज्ञानियों की प्रशंसा की कि जब कोई महत्वपूर्ण मिशन पर काम हो रहा होता है तो कई सेवानिवृत्त कर्मचारी और विज्ञानी स्वेच्छा से मदद करते हैं
  • रूस का मिशन 1600 करोड़ रुपये है, जबकि हमारा मिशन 600 करोड़ का था

Madhya pradesh indore news after the success of chandrayaan mission india will now send astronaut in gaganyaan mission said minister dr jitendra singh: digi desk/BHN/इंदौर/  चंद्रयान मिशन की सफलता के बाद भारत अब गगनयान मिशन में एस्ट्रोनाट भेजेगा। इसके पहले दो परीक्षण किए जाएंगे। पहला परीक्षण सितंबर के अंतिम सप्ताह में होने वाला था, लेकिन अब अक्टूबर के पहले सप्ताह में होगा। इसके बाद दूसरे परीक्षण में महिला रोबोट को भेजेंगे। यह पूरी तरह से इंसान की तरह काम करेगी। दोनों परीक्षण सफल होने के बाद तीसरा मिशन भेजा जाएगा। उसमें दो या तीन एस्ट्रोनाट रहेंगे। यह मिशन 2024 में पूरा होगा।

प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग तथा अंतरिक्ष विभाग के राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने चंद्रयान मिशन की सफलता पर आयोजित संवाद कार्यक्रम में यह बात कही। चन्द्रयान की सफलता का श्रेय उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों तथा भारत के विज्ञानियों के अथक परिश्रम को दिया।

सितंबर के पहले हफ्ते में आदित्य मिशन की लांचिंंग संभव

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सितंबर के पहले हफ्ते में आदित्य मिशन को लांच किया जा सकता है, जो सूर्य का अध्ययन करेगा। रूस और अमेरिका जैसे देश हजारों करोड़ रुपये खर्च कर स्पेस मिशन पर काम कर रहे हैं। अभी हाल ही में रूस का मिशन 1600 करोड़ रुपये है, जबकि हमारा मिशन 600 करोड़ का था। भारत अपने रणनीतिक उद्देश्यों के तहत स्पेस मिशन को आगे बढ़ा रहा है। इसी का नतीजा है कि अमेरिका और यूरोप अपने राकेट भारत से लांच कर रहे हैं।

सेवानिवृत्त विज्ञानी भी देते हैं सेवाएं

मंत्री सिंह ने भारत के विज्ञानियों की प्रशंसा की कि जब कोई महत्वपूर्ण मिशन पर काम हो रहा होता है तो कई सेवानिवृत्त कर्मचारी और विज्ञानी स्वेच्छा से मदद करते हैं। सभी अंतरिक्ष केंद्र में आकर सेवाएं देने लगते हैं। इससे हमारा मिशन कम खर्च में बेहतर तरीके से हो पाता है। भारत के स्पेस मिशन में कम लागत का कारण बेहतर मानव संसाधन का होना है।

चंद्रयान पर 14 दिन में पूरा हो जाएगा कार्य

मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि चंद्रमा पर दिन भारत में 14 दिन के बराबर होता है। चंद्रयान मिशन 14 दिन में पूरा हो जाएगा। इसके बाद 14 दिन की रातें होंगी। इस दौरान तापमान ऋणात्मक हो जाता है। रात के बाद चंद्रमा पर सूर्य किस तरह से उगता है और किस आकार में होता है, इसके आधार पर ही यदि हमारी सौर मशीनें चार्ज होने लगीं तो आगे काम भी होता रहेगा।

राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन महत्वपूर्ण

मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत में राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की स्थापना की जा रही है। इस बारे में अनुसंधान विधेयक पर हंगामे के कारण चर्चा नहीं हो पाई थी। यह विधेयक भारत के भविष्य के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। पहले विकसित संस्थान ही फंडिंग ले जाते थे, लेकिन अब सभी को समान अवसर मिलेगा।

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