angry women: digi desk/BHN/शादी के छह माह बाद एक पति-पत्नी के बीच विवाद का मामला जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में पहुंचा। दोनों के बीच समझौता करा दिया गया। पति ने माना कि वह पत्नी को महीने में दो से तीन बार बाहर घुमाने ले जाएगा। उसके मायके में कोई त्योहार, दुख या परेशानी होगी तो वह साथ लेकर जाएगा। पति-पत्नी के बीच समझौता हुआ कि दोनों आपस में लड़ेंगे नहीं और ना ही एक-दूसरे का अनादर करेंगे। पत्नी घर के सभी काम करेगी। वह नौकरी नहीं करेगी और उसका पूरा खर्च पति उठाएगा। इन बातों के समझौता के बाद 3 जनवरी को पति ससुराल जाएगा और पत्नी को साथ लेकर घर लौटेगा। प्राधिकरण में दोनों के बीच समझौता हुआ। दरअसल जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में कोलार निवासी एक युवक ने शिकायत की थी कि उसकी शादी 25 जून 2020 में हुई है। शादी के दस दिन बाद पत्नी हनीमून पर नहीं ले जाने के कारण रूठकर मायके चली गई। युवक ने पत्नी को वापस बुलाने की गुहार लगाई थी। उसका कहना था कि पत्नी को उसके मायके वाले भड़काते हैं और मुझे घर जमाई बनाना चाहते हैं। उसने कहा कि वह भी अपनी माता-पिता की इकलौती संतान है और वह अपने घर से अलग नहीं रह सकता है। प्राधिकरण के सचिव संदीप शर्मा ने कहा कि दंपती के बीच छोटी-छोटी बातों पर विवाद था, जिसे सुलझा दिया गया।
कोरोना के डर से नहीं ले गया घूमाने
काउंसिलिंग में पति ने कहा कि कोरोना काल में जैसे-तैसे शादी हुई। कोरोना के डर से शादी के बाद उसकी पसंद की जगह पर घुमाने नहीं ले गया। उसने हनीमून पर जाने का प्लान बनाया था। उसे कहीं भी घुमाने नहीं ले जा सका। इस कारण हर रोज विवाद बढ़ता गया। इसके बाद वह मायके चली गई।
पति ने बाहर नहीं ले जाकर पैसे बचाएं
वहीं पत्नी ने कहा कि शादी के बाद उसके सपने टूट गए। वह कहीं भी घूमने नहीं जा सकी। पति ने कोरोना का बहाना बनाकर अपने पैसे बचाएं। इस बात से पत्नी रूठकर मायके चली गई। पत्नी ने कहा कि पति को उसकी भावनाओं व इच्छाओं को समझना चाहिए।