सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अवगत कराया गया है कि, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार मध्यप्रदेश में वर्ष 2023 में अलग-अलग तिथियों में सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जावेगा। वर्ष 2023 में 13 मई (शनिवार) को आयोजित द्वितीय लोक अदालत में प्रीलिटिगेशन (मुकदमा पूर्व) तथा (केवल समझौता योग्य) न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के अधिक से अधिक संख्या में निराकरण करने का राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है।
विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 एवं 135 के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए 13 मई को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में लंबित प्रकरणों में निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू समस्त कृषि, 5 किलोवाट भार तक के गैर घरेलू, 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को निम्नानुसार छूट दी जावेगी। प्री-लिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छःमाही चक्रं वृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जावेगी। लिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छःमाही चक्र वृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जावेगी। लोक अदालत में दी जा रही छूट आंकलित सिविल दायित्व राशि. 50 हजार तक के प्रकरणों के लिये सीमित रहेगी। निर्धारित छूट के उपरांत शेष देय आंकलित सिविल दायित्व की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा।.उपभोक्ता/उपयोगकर्ता की विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन/संयोजनों के विरुद्ध विद्युत देयकों की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा ।
आवेदक के नाम पर कोई विधिक संयोजन न होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदक द्वारा विधिक संयोजन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित संयोजनों के विरुद्ध बकाया राशि का पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा। नेशनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी / अनाधिकृत उपयोग पहली बार किये जाने की स्थिति में ही दी जावेगी । विद्युत चोरी / अनाधिकृत उपयोग के प्रकरणों में पूर्व की लोक अदालत / अदालतों में छूट प्राप्त किए उपभोक्ता/उपयोगकर्ता छूट के पात्र नहीं होंगे। सामान्य विद्युत देयकों के विरुद्ध बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जावेगी। उक्त छूट मात्र नेशनल लोक अदालत में समझौता करने के लिए ही लागू रहेगी। अपराध शमन फीस अधिनियम के प्रावधान अनुसार वसूल की जावेगी।
मतदाताओं में जागरूकता बढ़ाने कम मतदान प्रतिशत वाले 75 विधानसभा क्षेत्रों में
होगा सर्वे, 2 मई से शुरू होगा बेसलाइन सर्वे कार्य
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर प्रदेश के 75 विधानसभा क्षेत्रों में बेसलाइन होगा। इसका मुख्य उद्देश्य मतदाताओं को निर्वाचन प्रक्रिया के बारे में जागरूक करना है। वर्ष 2018 के आम निर्वाचन में जिन विधानसभा क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत कम रहा है। उन विधानसभा क्षेत्रों में बेसलाइन सर्वे का कार्य होगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि प्रदेश के 75 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले बेसलाइन सर्वे में प्रत्येक जिले की एक विधानसभा क्षेत्र का चयन किया गया है। जिसमें मतदान का प्रतिशत उस जिले में विधानसभा 2018 के निर्वाचन में सबसे कम था। ऐसे 23 विधानसभा क्षेत्रों का भी चयन किया गया है, जिसमें पूरे प्रदेश में मतदान का प्रतिशत सबसे कम रहा। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 20 ऐसे मतदान केंद्रों का भी चयन किया गया है। जहाँ पर बीते विधानसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत सबसे कम रहा है। सर्वे के दौरान पूछे गए सवालों का 18 से 60 वर्ष तक की आयु के मतदाताओं से जबाव लिया जाएगा। सर्वे में विभिन्न आयु वर्ग के 50 प्रतिशत महिला और 50 प्रतिशत पुरूष मतदाता होंगे। इसमें दिव्यांग और थर्ड जेंडर मतदाताओं को भी शामिल किया गया है।
मतदाताओं से निर्वाचन प्रक्रिया से संबंधित पूछे जाएंगे प्रश्न
सर्वे के दौरान मतदाताओं से निर्वाचन प्रक्रिया से संबंधित पूछे जाने वाले प्रश्नों में राज्य, जिला, विधानसभा क्षेत्र का नाम और संख्या, मतदान केंद्र का नाम, शहरी या ग्रामीण क्षेत्र की जानकारी के साथ ही मतदाता पंजीकरण, ज्ञान, दृष्टिकोण, व्यवहार, विश्वास, अभ्यास, मतदाता जागरूकता, स्वीप गतिविधियाँ, मतदाता की पृष्ठभूमि संबंधी सहित निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े कई प्रश्न होंगे। सर्वे कार्य का जिला निर्वाचन अधिकारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी व निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा क्षेत्र में भ्रमण कर लगातार निरीक्षण किया जाएगा। साथ ही सर्वे कार्य की समीक्षा भी की जाएगी।
2 मई से शुरू होगा सर्वे कार्य
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश श्री राजन ने बताया कि सर्वे का कार्य 2 मई से 10 मई 2023 तक चलेगा। सर्वे से संबंधित दस्तावेज संबंधित ईआरओ, आरओ, एसडीएम, तहसीलदार के पास 11 मई को जमा किए जाएंगे। जिला स्तर पर संकलित रिपोर्ट मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय भोपाल 22 मई तक भेजी जाएगी।