सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ कलेक्टर अनुराग वर्मा के निर्देशन में सतना जिले में मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के हितग्राहियों के पंजीयन के लिए ग्रामवार और नगरीय निकायों के वार्डवार शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इन शिविरों के माध्यम से बुधवार को सायं 6 बजे तक 2 लाख 31 हजार 636 महिला हितग्राहियों के सफलतापूर्वक ऑनलाइन पंजीयन किए जा चुके हैं। जो कि 313113 हितग्राहियों के अनुमानित लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 73 प्रतिशत से अधिक पूर्ति की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना में मंगलवार को सायं 6 बजे तक 2 लाख 18 हजार 38 हितग्राही महिलाओं के पंजीयन जिले में किए गए थे। जबकि बुधवार को सायं 6 बजे तक 2 लाख 31 हजार 636 हितग्राही महिलाओं के पंजीयन किए जा चुके हैं। इसके अनुसार जनपद पंचायत अमरपाटन में 21371, मैहर में 33767, मझगवां में 21047, नागौद में 23855, रामनगर में 14661, रामपुर बघेलान में 26845, सोहावल में 25354 और जनपद पंचायत उचेहरा में 18340 हितग्राहियों के ऑनलाइन पंजीयन किए गए हैं।
नगरीय निकाय संस्थाओं में अब तक नगर निगम सतना में 20202, नगर पालिका मैहर में 6563 नगर परिषद अमरपाटन में 2051, बिरसिंहपुर में 2359, चित्रकूट में 1976, जैतवारा में 1552 कोटर में 1224, नगरपरिषद कोठी में 1369, नागौद में 2575, न्यू रामनगर में 2818, रामपुर बघेलान में 1651 और नगर परिषद उचेहरा में 2056 ऑनलाइन पंजीयन किए जा चुके हैं।
इंदिरा गांधी साम्प्रदायिक सौहार्द पुरस्कार योजना के प्रस्ताव 01 जुलाई तक भेजें
सचिव सामान्य प्रशासन ने जानकारी में बताया कि प्रदेश में 1 अप्रैल 1989 से प्रचलित इंदिरा गांधी साम्प्रदायिक उपद्रव रोकथाम एवं सौहार्द पुरस्कार योजना प्रारंभ है। जिसके प्रस्ताव 1 जुलाई 2023 तक मंगाए गए है। पुरस्कार योजनान्तर्गत वर्ष 2022 एवं 2023 के लिये अशासकीय संस्था तथा कार्यकर्ता (अशासकीय व्यक्तियों) को साम्प्रदायिक सौहार्द के क्षेत्र में श्रेयस्कर कार्य किया कार्य किया हो तथा शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों के द्वारा साम्प्रदायिक सौहार्द के क्षेत्र में की गई उत्कृष्ट सेवाओं के लिए यह पुरस्कार प्रतिवर्ष प्रदान किए जाते है।
पुरस्कार योजना के तहत जो प्रस्ताव जिलों से प्राप्त होते है, उसमें केवल शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों के ही नाम अनुशंसित किए जाते है। अशासकीय व्यक्तियों एवं अशासकीय संस्थाओं द्वारा इस पुरस्कार योजना में अपेक्षित भावना के अनुरूप किए गए कार्याे का उल्लेख नहीं होता है। अपेक्षा की गई है कि पुरस्कारों की अनुशंसा करते समय यह विशेष ध्यान रखा जाय कि अशासकीय संस्थाओं एवं व्यक्तियों द्वारा किए गए प्रयासों को वरीयता दी जाए और शासकीय अधिकारियों तथा कर्मचारियों को विशेष परिस्थिति में ही उनके नामों की अनुशंसा की जावें ।
वर्ष 2022 के पुरस्कार के लिए 01 जनवरी 2021 से 31 दिसम्बर 2021 तक की अवधि एवं वर्ष 2023 के पुरस्कार के लिए 01 जनवरी 2022 से 31 दिसम्बर 2022 तक की अवधि के साम्प्रदायिक सौहार्द क्षेत्र में प्रशंसनीय कार्य करने वाले अशासकीय व्यक्तियों एवं संस्थाओं तथा शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के नाम जिला कलेक्टर द्वारा 30 अप्रैल 2023 तक संभागीय आयुक्त को भेजे जाएंगे। पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के संबंध में कलेक्टर जिला पुलिस अधिकारियों से सिफारिशें प्राप्त कर उपरोक्त कार्यवाही करेगें। संभागीय आयुक्त को सिफारिश भेजने के पूर्व कलेक्टर अपने प्रतिवेदन में वर्ष 2022 के लिए 1.1.2021 से 31.12.2021 तक की अवधि एवं वर्ष 2023 के लिए दिनांक 1.1.2022 से 31.12.2022 तक की अवधि से संबंधित घटना का विस्तृत विवरण देते हुए यह स्पष्ट उल्लेख करेगें कि संबंधित व्यक्ति/संस्था द्वारा किस प्रकार का श्रेयस्कर कार्य किया गया है।
पुरस्कार योजना के अंतर्गत शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रस्तावों को भेजते समय इस बात की आवश्यक रूप से छानबीन की जाए एवं रिकार्ड के आधार पर अनुशंसा में इस बात का अवश्य उल्लेख किया जाये कि संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरूध्द विभागीय जांच/लोकायुक्त इत्यादि से संबंधित कोई गंभीर कदाचरण का प्रकरण लम्बित नहीं हैं। इसके अतिरिक्त अनुशंसा भेजने के उपरान्त एवं पुरस्कार दिए जाने की तिथि के मध्य यदि संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के संबंध में ऐसी कोई शिकायत अथवा कार्यवाही होती है, तो तत्काल सूचित किया जावें । 01 जुलाई 2023 के पश्चात प्राप्त होने वाले प्रस्तावों पर नियमानुसार विचार किया जाना संभव नहीं होगा । विलम्ब एवं अपूर्ण प्रस्ताव प्राप्त होने की स्थिति में यदि कोई पुरस्कार के लिए वंचित रह जाएगें तो इसका उत्तरदायित्व जिला कार्यालय का होगा।