Health alert the risk of cancer is increasing in children due to junk foods know the preventive measures and solution: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ हाल के वर्षों में बाहर खाने और फूड ऑर्डर करने का प्रचलन काफी बढ़ गया है। साथ ही नूडल्स, पिज्जा, बर्गर, कोल्ड ड्रिंक्स आदि जंक फूड्स को स्टाइल और स्टेटस से जाने लगा है। घर के बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक आजकल नूडल्स, पिज्जा, बर्गर, चिप्स जैसी चीजों के शौकीन होते जा रहे हैं। लेकिन जंक फूड के कई साइड इफेक्ट्स भी हैं। जैसे-जैसे लोगों के बीच जंक फूड और कोल्ड ड्रिंक का क्रेज बढ़ रहा है वैसे-वैसे लोगों के बीच गंभीर बीमारियां बढ़ रही हैं। खास तौर पर बच्चों के लिए ये इसकी आदत लगना काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है।
कैंसर का खतरा
हाल ही में इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च पेपर पेश किया जिसमें कहा गया है कि जंक फूड के कारण कैंसर का खतरा कई गुणा बढ़ सकता है।खास तौर पर कोल्ड ड्रिंक और जंक फूड, छोटे बच्चों में कैंसर का खतरा बढ़ा रहे हैं। गुरुग्राम के सीके बिरला अस्पताल में मेडिकल ऑन्कोलॉजी की कंसल्टेंट डॉक्टर पूजा बब्बर ने भी इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि फास्ट फूड से मिलने वाली कैलोरी में हर 10 फीसदी का इजाफा, कैंसर के खतरे को कई गुना बढ़ा सकता है।
क्या है इसकी वजह
डॉ. पूजा बब्बर का कहना है कि जंक फूड और कोल्ड ड्रिंक का सेवन करने से बच्चों का डीएनए डैमेज होता है। डीएनए खराब होने से बच्चों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और ये कैंसर की वजह बन सकता है। कई बार पेरेंट्स बच्चों की डाइट को बैलेंस करने के लिए जंक फूड के साथ-साथ फल और सब्जियां भी खिलाते हैं। लेकिन जब डीएनए डैमेज होता है तो फल व सब्जियों के पोषक तत्व भी उन्हें नहीं मिल पाते हैं। ऐसे में बच्चों में कैंसर के लक्षण बहुत तेजी से उभरते हैं।
क्या करें उपाय
- जहां तक संभव हो सके, बच्चों में जंक फूड और कोल्ड ड्रिंक जैसी चीजों की आदत लगने ना दें।
- अगर बच्चा पिज्जा, बर्गर, नूडल्स जैसी चीजें खाने की जिद करता है तो उसे घर पर बनाकर दें।
- बच्चों में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां पनप न पाए, इसके लिए बचपन से ही हेल्दी खाना खाने की आदत विकसित करें।
- बच्चों को खाने के अलावा स्नैक्स के तौर पर भी सेब, केले के चिप्स, मिल्क शेक, पपीता और ताजी सब्जियां दें। इससे बच्चों का पेट भरा रहेगा और जंक फूड की जरूरत महसूस नहीं होगी।