dhan scam:भोपाल/ चावल घोटाले से सतर्क शिवराज सरकार ने गोदामों से धान की निकासी पर रोक लगा दी है। यह रोक समर्थन मूल्य पर खरीद तक रहेगी। इस दौरान किसान तो गोदाम में रखी अपनी धान, बाजरा और ज्वार निकाल सकेगा, लेकिन व्यापारियों को अनिवार्य होने पर दस्तावेजों का परीक्षण कराकर निकासी की अनुमति मिलेगी। यह कदम न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चल रही धान, बाजरा और ज्वार की खरीद को देखते हुए उठाया गया है। दरअसल, आशंका है कि उत्तर प्रदेश और राजस्थान से किसान के नाम पर उपज समर्थन मूल्य की खरीद में खपाई जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की समीक्षा में भी यह बात सामने आ चुकी है। बताया जा रहा है कि यह प्रतिबंध 16 जनवरी तक रहेगा। उधर, चावल घोटाले की जांच राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ कर रहा है।
प्रदेश में धान, बाजरा आर ज्वार की समर्थन मूल्य पर खरीद का काम चल रहा है। इसमें व्यापारी पुरानी या बाहर से धान लाकर न खपा दें, इसके लिए प्रदेश के गोदामों में रखी धान की निकासी पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसमें किसानों को यह छूट दी गई है कि वे अपनी उपज बेरोकटोक ले जा सकते हैं लेकिन व्यापारी की फसल बिना परीक्षण के नहीं निकलेगी। परीक्षण का अधिकार अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को दिया गया है।
खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अतिआवश्यक होने पर कलेक्टर या उनके द्वारा अधिकृत अधिकारी की अनुमति से गोदाम से फसल निकाली जा सकती है। हालांकि, इसके लिए भी परीक्षण करके यह सुनिश्चित किया जाएगा कि फसल का समर्थन मूल्य योजना के तहत बिक्री में दुरुपयोग नहीं होगा।
अमानक पाया गया था चावल
सूत्रों का कहना है कि सरकार ने यह कवायद सरकारी खरीद में व्यापारियों द्वारा उपज को खपाने से रोकने और गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए की है। पिछले साल धान की मिलिंग के बाद जो चावल गोदामों में मिल संचालकों ने जमा कराया, उसमें कुछ मानव के खाने योग्य नहीं पाया गया। केंद्र सरकार की जांच में 76 हजार टन से ज्यादा चावल पोल्ट्री ग्रेड का निकला। वहीं, इतना ही अमानक पाया गया।