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Health Card: अब हेल्थ कार्ड के आधार पर होगी शादी, सिकल सेल एनीमिया के खिलाफ स्वास्थ्य मंत्रालय की नई योजना

Union ministry of health and family welfare plans to issue health cards for sickle cell disease and eliminate it: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ शादी में दूल्हा-दुल्हन के सुखी जीवन के लिए कुंडली के गुणों का मिलान किया जाता है, लेकिन कई बार ये सटीक नहीं निकलता और बाद में परेशानी होती है। अब सरकार जल्द ही ऐसा उपाय करने जा रही है, जिससे बाकी गुणों का पता चले या ना चले, लेकिन लड़के या लड़की की सेहत की सटीक जानकारी जरुर मिल जाएगी। चल जाएगा। दरअसल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एक ऐसा कार्ड तैयार कर रहा है, जिसमें शख्स की सभी बीमारियों का रिकॉर्ड होगा। ऐसे में कार्ड से ही पता चल जाएगा कि लड़के या लड़की को कोई गंभीर बीमारी या संक्रमण है या नहीं।

स्वास्थ्य मंत्रालय का नया प्लान

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने बताया कि हमारे देश में एक ऐसी बीमारी है, जिससे अगर पुरुष और महिला संक्रमित हों, तो उसका असर आने वाले बच्चे पर भी होता है। ये बीमारी है सिकल सेल एनीमिया (Sicke cell anemia), जो आदिवासियों में ज्यादा होती है। देश के 200 ऐसे जिले हैं, जहां इस बीमारी से पीड़ित बच्चे अधिक हैं। इसमें मध्य प्रदेश, गुजरात, झारखंड, ओडिशा, राजस्थान और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। ताजा बजट (Union Budget 2023) में इस बीमारी को 2047 तक खत्म करने लक्ष्य रखा गया है।

बनेगा नया हेल्थ कार्ड

ताजा योजना के तहत खास तौर पर आदिवासी क्षेत्रों में सभी लड़के और लड़कियों का हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा, ताकि इस तरह की बीमारी का पता लगाया जा सके। अनुमान के मुताबिक 40 से कम उम्र के 7 करोड़ ट्राइबल लोगों का टेस्ट किया जाएगा। डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि इस हेल्थ कार्ड के ज़रिए ही तय होगा कि शादी करनी है या नहीं। अगर लड़का और लड़की में से कोई भी पॉजिटिव है, तो फिर शादी नहीं होगी।

क्या है सिकल सेल एनीमिया

सिकल सेल एनीमिया, असल में खून से जुड़ी एक बीमारी है। इस बीमारी में रेड ब्लड सेल्स का साइज बदलने लगता है। इसके बाद ये ब्लड वेसेल्स में ब्लॉकेज पैदा करते हैं। ये एक जेनेटिक बीमारी है, जिसमें शरीर में खून बनाना ही बंद हो जाता है। इससे शरीर में खून गंभीर रूप से कमी होती है, और जान जा सकती है। सिकल सेल एनीमिया बीमारी खास तौर पर आदिवासियों में होती है। बच्चों में इस बीमारी की वजह से, एक उम्र के बाद जीने की संभावना काफी कम रह जाती है।

छत्तीसगढ़ से शुरू होगा अभियान

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने बताया कि शुरुआत में टेस्टिंग के लिए उन राज्यों को चुना गया है, जहां सबसे अधिक ट्राइबल रहते हैं। अभियान की शुरुआत छत्तीसगढ़ से होगी। उन्होंने बताया कि इस अभियान के लिए 40℅ फंड राज्य सरकार और 60℅ फंड केंद्र सरकार देगी।

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