crime news: इंदौर/ जन्मदिन मनाकर कॉलोनी में टहल रहे 22 वर्षीय कुलदीपसिंह तोमर पर दो कारों में आए युवकों ने हमला कर दिया। आरोप है कि एक कार पर ‘न्यायाधीश’ लिखा हुआ था। उसमें से उतरे युवक ने पिस्टल की बट भी मारी। रहवासियों ने एक युवक को पकड़कर लसूड़िया थाने को सौंपा लेकिन अफसरों ने दबाव में छोड़ दिया।
घटना शुक्रवार रात करीब 12.30 बजे शिवा वाटिका (निपानिया) की है। घायल लसूड़िया थाने में पदस्थ सिपाही प्रदीपसिंह तोमर का भाई कुलदीप है। वह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। देर रात वह मोबाइल पर बात करते हुए कॉलोनी में टहल रहा था। तभी तेज रफ्तार में दो कारें आईं और कुलदीप को कट मारते हुए निकल गई। उसने आवाज लगाई देख कर कार चलाने के लिए कहा। कार से सात-आठ युवक उतरे और कुलदीप से बहस करने लगे। उसे खींच कर ले गए और ईंट से हमला कर दिया। आरोप है कि एक युवक ने पिस्टल की बट भी मारी। विवाद देखकर कॉलोनी के अन्य लोग भी बाहर आ गए। प्रदीप ने समर्थ नामक युवक को पकड़ लिया बाकी मौके से भाग गए। उसे थाने के सुपुर्द कर दिया और कुलदीप को उपचार के लिए एमवाय अस्पताल ले गया। अस्पताल से थाने पर सूचना भेजी लेकिन कोई बयान लेने तक नहीं आया। एएसआइ अनिल सिलावट और प्रधान आरक्षक नाथूराम ने कहा कि दो तीन घटनाएं आ गई हैं। रात्रि ड्यूटी वाले अभी व्यस्त है। तड़के चार बजे प्रदीप थाने पहुंचा तो नाथूराम कुर्सी पर पैर रखकर सोते हुए मिला।
समझौते के लिए बोलते रहे अफसर, 17 घंटे बाद थाने बुलाया
बताया जाता है कि जिस कार पर न्यायाधीश लिखा हुआ था वो रेसकोर्स रोड़ पर रहने वाली महिला मजिस्ट्रेट की है। घटना के बाद दबाव बनाने पर समर्थ को थाने से छोड़ दिया गया। वह भी शिव वाटिका कॉलोनी में ही रहता है। शेष आरोपित रेसकोर्स रोड़, निपानिया और सिंगापुर टाउनशिप में रहते हैं। शनिवार दोपहर इंटरनेट मीडिया पर मैसेज वायरल होने के बाद अफसरों ने पांच बजे कुलदीप व प्रदीप को थाने बुलाया और कहा-समझौता कर लो, वरना तुम्हारे विरुद्ध भी केस दर्ज करना पड़ेगा।