kisan protest: ग्वालियर/ ग्वालियर दुर्ग (किले) पर स्थित दाताबंदी छोड़ गुरुद्वारा के प्रमुख एवं कार सेवा खडूर साहब के बाबा सेवा सिंह ने अपना पद्मश्री अवॉर्ड वापस कर दिया है। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध और किसान आंदोलन के समर्थन में बाबा सेवा सिंह ने अवॉर्ड वापसी की है।
बाबा सेवा सिंह को 2010 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने समाजिक कार्यकर्ता एवं पर्यावरणविद् के रूप में कार्य करने के लिए पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया था। अवॉर्ड वपसी की घोषणा के साथ ही बाबा ने एक वीडियो बनाकर सरकार से यह अपील भी है कि वे किसानों की मांगों को मान लें साथ ही कृषि विधेयक पर मंथन करें।
गौरतलब है कि बाबा सेवा सिंह का हर लगभग माह ग्वालियर आगमन होता है। गुरुद्वारा फूलबाग के प्रबंध बलजीत सिंह एवं गुरुद्वारा दाता बंदीछोड़ गुरुप्रीत सिंह ने बताया कि बाबा औसतन हर माह ग्वालियर आते हैं व गुरुद्वारों की व्यवस्थाओं का जायजा लेते हैं। खडूर साहब के बादा राजस्थान, पंजाब के गुरुद्वारों के साथ ही श्योपुर, मोहना, मुरैना आदि गुरुद्वारों भा जाते हैं।
बाबा सेवा सिंह ने कहा कि कृषि विधेयक के विरोध में देशभर का किसान बीते करीब 3 महीने से सड़क पर है। दिल्ली कूच कर रहे किसानों से पूरी हमदर्दी है, जिसके चलते पद्मश्री अवॉर्ड वापस करने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिख दिया है। बाबा से जब पूछा गया कि सरकार का दावा है कि इस विधेयक से किसानों को फायदा होगा, विरोध कर रहे किसान भ्रम की स्थिति में हैं, उन्हें बरगलाया जा रहा है। इसपर बाबा ने जवाब दिया कि किसानों को उनका नफा नुकसान मालूम है, किसानों को किसानी कोई नहीं सिखा सकता, जिस तरह अन्य लोगों को उनका काम नहीं सिखाया जा सकता। किसान जब कह रहा है कि सरकार का दिया फायदा उन्हें नहीं चाहिए, तो फिर क्यों जबरजस्ती फायदा दे रहे हैं। बाबा का कहना है कि कृषि विधेयक के कारण बड़े-बड़े व्यापारियों के पास किसानों की जमीन गिरवीं हो जाएगी, वे खुद अपने ही खेत में मजदूर बन जाएंगे।