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MP Budget : प्रदेश में वेतन, पेंशन और ब्याज पर खर्च हो रहा है 48 % बजट

Madhya pradesh budget establishment expenses of mp government 48 percent budget is being spent on salary pension and interest: digi desk/BHN/भोपाल/ प्रदेश सरकार का स्थापना व्यय लगातार बढ़ता जा रहा है। कुल बजट का 48 प्रतिशत हिस्सा केवल वेतन-भत्ते, पेंशन और ब्याज अदायगी पर खर्च हो रहा है।

अकेले वेतन-भत्ते को देखें तो वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक पचास हजार करोड़ रुपये से अधिक इस पर व्यय होंगे। जो बजट का 26.47 प्रतिशत होता है। वहीं, पेंशन पर बजट का लगभग दस प्रतिशत और ब्याज भुगतान पर 11.36 प्रतिशत व्यय अनुमानित है। आगामी वित्तीय वर्ष में यह व्यय और बढ़ेगा क्योंकि सरकार रिक्त पदों पर भर्तियां करने जा रही है।

प्रदेश का वर्ष 2022-23 का बजट दाे लाख 79 हजार 237 करोड़ रुपये का है। फरवरी-मार्च में सरकार तृतीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत करेगी, जिसे मिलाकर यह तीन लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। इसमें बड़ी राशि सरकार वेतन-भत्ते, पेंशन, ब्याज और ऋणों के भुगतान पर व्यय कर रही है जो बजट का लगभग आधा हिस्सा है।

वेतन-भत्ते का भुगतान करने के लिए 49 हजार 754 करोेड़ रुपये रखे गए हैं। अगले वित्तीय वर्ष में स्थापना रिक्त पदों को भरने जा रही है। इसके लिए राज्य लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन मंडल प्रक्रिया प्रारंभ कर चुके हैं। सरकार ने 15 अगस्त तक अधिकतर पदोें को भरने का लक्ष्य रखा है।

वहीं, पेंशन तथा अनुषांगिक लाभ के लिए इस वर्ष 16 हजार 289 करोड़ रुपये रखेे गए हैं। यह व्यय अगले साल और बढ़ेगा क्योंकि लगभग छह हजार कर्मचारी और सेवानिवृत्त हो जाएंगे। सरकार ने इनके स्वत्व का भुगतान सेवानिवृत्ति के साथ ही करने की व्यवस्था बनाई है। इसके लिए अनुपूरक बजट में वित्तीय प्रविधान भी किया गया है। आगामी वित्तीय वर्ष में कर्मचारियों की वार्षिक वेेतनवृद्धि, महंगाई भत्ता और पेंशनर की महंगाई राहत बढ़ाने के लिए प्रविधान प्रस्तावित करने के निर्देश सभी विभागों को दिए गए हैं।

अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाकर करेंगे विकास कार्यों के लिए राशि की व्यवस्था

इससेे साफ है कि स्थापना व्यय तो कम हो नहीं सकता है, ऐसे में सरकार के पास विकास कार्यों के लिए अधिक राशि की व्यवस्था करने का एक ही रास्ता है कि स्वयं की आय बढ़ाई जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौेहान स्वयं प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने सभी विभागों को लक्ष्य दिया है कि वे कुछ न कुछ ऐसी गतिविधि प्रारंभ करें, जिससे उनका राजस्व बढ़े। इसके लिए अनुपयोगी परिसंपत्तियों के विनिवेश की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। इसके अच्छे परिणाम भी सामने आए हैं और केंद्र सरकार ने भी इस पहल की सराहना करते हुए प्रोत्साहन स्वरूप अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराई है

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