सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ कलेक्टर अनुराग वर्मा ने सीएम हेल्पलाइन में एल-1 से एल-3 स्तर तक शिकायतों के नॉन अटेंड किए दूसरे लेवल पर पहुंचने पर 26 अधिकारियों को 250 रुपये प्रति शिकायत के मान से जुर्माना अधिरोपण की नोटिस जारी की है। सोमवार को समय-सीमा प्रकरणों की बैठक में कलेक्टर ने कहा कि नान अटेंड शिकायतों के उच्च लेवल पर पहुंचने से जिले की ग्रेडिंग प्रभावित होती है। समय-सीमा प्रकरणों की बैठक में अपर कलेक्टर संस्कृति जैन, सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित झाड़े, आयुक्त नगर निगम राजेश शाही, एसडीएम नीरज खरे, एसके गुप्ता, धीरेंद्र सिंह, धर्मेंद्र मिश्रा, केके पांडेय, राजेश मेहता सहित सभी जनपद सीईओ, नगरीय निकाय के सीएमओ तथा विभाग प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर अनुराग वर्मा ने सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा में कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान सीएम हेल्पलाइन में सतना जिले की ग्रेडिंग 14वें स्थान पर कभी नहीं रही है। एक सप्ताह में 481 शिकायतें कम की जाकर 14075 कुल शिकायतों में अभी भी 13594 लंबित है। वहीं ग्रेडिंग में उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, वन और खनिज विभाग सहित चार विभाग ‘डी’ श्रेणी में पाए गए हैं। कलेक्टर ने ‘डी’ श्रेणी में रहने के कारण भी विभाग प्रमुख अधिकारियों से ज्ञात किए।
कलेक्टर ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन में नॉन अटेंड शिकायतों के उच्च स्तर पर जाने से भी ग्रेडिंग प्रभावित होती है। उन्होंने उच्च शिक्षा में 19 शिकायतों के नॉट अटेंड दूसरे स्तर पर पहुंचने पर सभी संबंधित प्राइवेट कॉलेजों के प्राचार्यों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार उपसंचालक कृषि, जिला खाद्य अधिकारी, नान के क्षेत्रीय प्रबंधक, मार्कफेड, आदिम जाति कल्याण, नगर निगम के अरुण तिवारी, सीएमओ अमरपाटन प्रभुशंकर खरे, सहायक आयुक्त नगर निगम शैलेंद्र चौहान, सीएमओ रामनगर लालजी ताम्रकार, सीईओ अमरपाटन जोसुआ पीटर, सीईओ सोहावल एमएल प्रजापति, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क के महाप्रबंधक गणेश मिश्रा, एआरटीओ, प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी, पशु चिकित्सा के संयुक्त संचालक राजेंद्र मिश्रा, बाल विकास परियोजना अधिकारी मैहर, पीएचई के अतुल खरे, सीएमएचओ डॉ एलके तिवारी, राजस्व में एसडीओ नागौद, तहसीलदार रामपुर बघेलान अजयराज सिंह और हिमांशु भलावी तथा संस्थागत वित्त, श्रम, कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास और सामान्य प्रशासन की शिकायतें नॉट अटेंड होकर उच्च लेवल में पहुंचने पर 250-250 रुपए जुर्माने की नोटिस जारी करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए। सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा में कलेक्टर ने कहा कि सभी अधिकारी जिले में कुल शिकायतों की संख्या 10 हजार से नीचे रखने के लक्ष्य को लेकर काम करें।
आयुष्मान कार्ड बनाने के कार्य की समीक्षा में कलेक्टर ने जनपदवार और नगरीय निकायवार कुल बनाए गए कार्ड और शेष कार्डों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सभी जनपद सीईओ और नगरीय निकायों के सीएमओ अपने क्षेत्र में ऐसे दो तरह के हितग्राहियों की सूची बनाएं, जिसमें हितग्राही के कार्ड ऑलरेडी बने हुए हैं, लेकिन पोर्टल में वंचित दिख रहा है। दूसरा मृत लक्षित हितग्राहियों की सूची बनाएं ताकि पोर्टल के अनुसार निर्धारित लक्ष्य वास्तविक रूप से शुद्ध किया जा सके। समय-सीमा प्रकरणों की बैठक में कलेक्टर अनुराग वर्मा ने धान उपार्जन, खाद्यान्न आवंटन-वितरण, जल जीवन मिशन के कार्य, समाधान ऑनलाइन के विषय, सीएम किसान कल्याण योजना, लैंड रिकॉर्ड लिंकिंग, ई-केवाईसी, एनपीसीआई, सतना-बाणसागर ग्रामीण जल प्रदाय योजना, प्रधानमंत्री आवास शहरी, अमृत सरोवर, हाईकोर्ट के लंबित प्रकरण और समय-सीमा पत्रकों के निराकरण की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना के पात्र हितग्राहियों के बनाएं पट्टे
समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने दिए निर्देश
कलेक्टर अनुराग वर्मा ने सोमवार को सभी एसडीएम और तहसीलदारों की बैठक लेकर मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना के क्रियान्वयन के संबंध में की गई कार्यवाहियों की समीक्षा की। कलेक्टर ने तहसीलदारों को प्रारूप ‘ख’ और ग्रामसभा के अनुसार अंतिम रूप से पात्र हितग्राहियों के अधिकार पत्र शीघ्र तैयार करने के निर्देश भी दिए। इस मौके पर अपर कलेक्टर संस्कृति जैन, एसडीएम सिटी नीरज खरे, एसडीएम रघुराजनगर एसके गुप्ता, अधीक्षक भू-अभिलेख आरएन पांडेय, लक्ष्मी वर्मा, तहसीलदार बीके मिश्रा, मानवेंद्र सिंह, नितिन झोंड़, लक्ष्यराम जांगड़े सहित सभी तहसीलदार उपस्थित थे। शेष सभी एसडीएम वीडियो कॉन्फ्रेंस से बैठक में वर्चुअली मौजूद रहे।
कलेक्टर अनुराग वर्मा ने तहसीलवार मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना में प्राप्त आवेदन, प्रारूप ‘ख’ की पात्रता अनुसार पात्र-अपात्र हितग्राही संख्या और ग्राम सभा के अनुसार पात्र-अपात्र हितग्राहियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रारूप ‘ख’ के अनुसार पात्र पाए गए हितग्राही को ग्राम सभा द्वारा अपात्र ठहराए जाने वाले हितग्राहियों का तहसीलदार एक बार पुनः सत्यापन कर परीक्षण कर ले। ग्राम सभा द्वारा आबादी भूमि घोषित करने के प्रस्ताव शीघ्र कलेक्टर कोर्ट को प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि पूरी कार्यवाही के पश्चात सभी एसडीएम और तहसीलदार संयुक्त हस्ताक्षर से अपनी तहसील का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेंगे कि अब उनके तहसील क्षेत्र में मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना का कोई भी पात्र हितग्राही इस योजना के लाभ से वंचित नहीं रहा है।