Ayushman Card:जबलपुर/ जिले सहित प्रदेश भर में लोकसेवा केंद्र के जरिये आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य नवंबर माह में शुरू किया जा चुका है। लेकिन नए कार्ड बनाने से ज्यादा पहले कार्ड बना चुके लोग लोकसेवा केंद्रों तक पहुंच रहे हैं। अधिकांश की समस्या है कि उनका कार्ड का पंजीयन होने के बाद उन्हें कभी कार्ड नहीं मिला। इसके अलावा कई लोगों के कार्ड गुम हो चुके हैं। इससे भी बड़ी समस्या लोकसेवा केंद्र वालों के सामने है। क्योंकि एक बार कार्ड बन जाने के बाद उसका दोबारा प्रिंट नहीं निकाला जा सकता है।
यह आ रही समस्या: आधार कार्ड गुम हो जाने पर दोबारा निकाला जा सकता है। लेकिन आयुष्मान कार्ड के साथ ऐसा नहीं है। आयुष्मान कार्ड के सर्वर से लिंक साफ्टवेयर में कोई विकल्प ऐसा नहीं दिया गया है कि व्यक्ति का कार्ड गुम हो जाने की स्थिति में उसकी प्रतिलिपि निकाली जा सके। कलेक्टर कार्यालय स्थित लोकसेवा केंद्र में रोजाना दर्जनों लोग यह समस्या लेकर आते हैं। केंद्र संचालक द्वारा उन्हें यही बताया जाता है कि उनके पास यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। क्योंकि साफ्टवेयर में दोबारा प्रिंट निकालने का ऑप्शन ही नहीं दिया गया है। सबसे ज्यादा ऐसे लोग पहंुचते हैं। जिन्होंने किसी राजनीतिक या शासकीय शिविर में आयुष्मकान कार्ड बनाने पंजीयन कराया था। उनका पंजीयन तो हो गया था,लेकिन शिविर वालों ने उन्हें कार्ड समय रहते उपलब्ध नहीं कराया। अब व्यक्ति लोकसेवा केंद्र जाकर आवेदन करता है, तो उसका आवेदन साफ्टवेयर निरस्त कर देता है। साफ्टवेयर यह बता देता है कि पहले कार्ड का पंजीयन किया जा चुका है।
नए भी बनने लगे: कलेक्टर कार्यालय के लोकसेवा केंद्र में 10 नवंबर से 30 नवंबर के बीच 150 नए आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। हालांकि बहुत से लोगों के पास समग्र आईडी नहीं होने की वजह से उन्हें पहले नगर निगम जोन कार्यालयों के चक्कर लगाना होता है। तब उनके आयुष्मान कार्ड बनते हैं।